Thursday 18 July 2024

जानें ये क्या खेला है ..!!


 

देश के ७७ सालों के सत्ता परिवर्तन के बर्तनों से जवाहर के जहर से क़हर व गांधी की गंदी राजनीति से देश के टुकड़े करने व जिन्ना के जिन की सड़ाध / बदबू आज भी अंग्रेजों के copy / paste संविधान से आ रही है  



इस बार लोकसभा के संसद सदस्यों के शपथ के दौरान असरूद्दीन ओवसी द्वारा “जय फ़िलिस्तीन” के नारे से देश के आस्तीन के साँप की पहचान हो गई  है


याद रहे देश के कांग्रेसी   नेता मणिशंकर अय्यर पाकिस्तान जाकर सत्ताधारियों से गुहार लगाकर देश में “बीजेपी” सरकार को उखाड़ फेकने के सहयोग व राहुल गांधी द्वारा विदेशी दौरों से देश का भ्रामक प्रचार से छवि ख़राब करने का खेल रहें है 


इस बार ..!!, 

अब तो मुहर्रम के जुलूस में फ़िलिस्तीनी झंडे से बिहार के दरभंगा , मोतिहारी गोपालगंज व यूपी के भदौही से अब ये आग देश के अन्य भागों में फैलने का / फ़ैलाने की पृष्ठभूमि तैयार की जा रही है , यदि भारत सरकार ने इस पर कार्यवाही नही की तो यह विकराल रूप धारण कर सकता 

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जानें ये खेल क्या है ..!!


जब आतंकवादी यासिरअराफात ने इजराइल के विरुद्ध फिलिस्तीन राष्ट्र की घोषणा की तो फिलिस्तीन को... सबसे पहले मान्यता देने वाला देश कौन था ?

सउदी अरब --- नहीं

पाकिस्तान ---- नहीं

अफगानिस्तान --- नहीं

भारत ------ जी हाँ !!!


इंदिरा गाँधी ने मुस्लिम तुस्टीकरण के लिए सबसे पहले फिलिस्तीन को मान्यता दिया और यासिर अराफात जैसे आतंकवादी को नेहरु शांति पुरस्कार [5 करोड़ रूपये ] दिया , और राजीव गाँधी ने उसको इंदिरा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय शांति पुरस्कार दिया .. राजीव गाँधी ने तो उसको पुरे विश्व में घुमने के लिए बोईंग 747 गिफ्ट में दिया था ..


अब आगे सुनिए ----

वही खुराफात सॉरी अराफात ने OIC [ Organisation of islamic countries ] में कश्मीर को पाकिस्तान का अभिन्न भाग बताया और बोला की पाकिस्तान जब चाहे तब मेरे लड़ाके कश्मीर की आज़ादी के लिए लड़ेंगे ..


इतना ही नही जिस व्यक्ति को दुनिया के १०३ देश आतंकवादी घोषित किये हो और जिसने ८ विमानों का अपहरण किया हो और जिसने दो हज़ार निर्दोष लोगो को मारा हो ..




ऐसे आतंकवादी यासिर अराफात को सबसे पहले भारत ने किसी अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार ने नवाजा .




जी हाँ .. इंदिरा गाँधी ने इसे नेहरु शांति पुरस्कार दिया जिसमे एक करोड रूपये नगद और दो सौ ग्राम सोने से बना एक शील्ड होता है .. आप सोचिये १९८३ मे मतलब आज से करीब ३२ साल पहले एक करोड रूपये की क्या वैल्यू होगी ?


फिर राजीव गाँधी ने इसे इंदिरा गाँधी अंतरराष्ट्रीय शांति पुरस्कार से नवाजा ..




फिर बाद मे यही यासिर अराफात कश्मीर के मामले पर खुलकर पाकिस्तान के साथ हो गया और इसने घूम घूमकर पूरे इस्लामीक देशो मे कहा की फिलिस्तीन और कश्मीर दोनों जगहों के मुसलमान गैर मुसलमानों के हाथो मारे जा रहे है इसलिए पूरे मुस्लिम जगत को इन दोनों मामलो पर एकजुट होना चाहिए.


हाय रे कांग्रेस की सत्ता के लिए वोट बैंक की गंदी और घटिया राजनीती!


प्रयत्न व साभार :


www.meradeshdoooba.com


www.watankerakhwale.com

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