आ ले के चलू एक ऐसे गगन के तलें.., क्योंकि इसका निजात करके ही किसानों को नवजीवन मिले
जन्हा किसान आंदोलन के तले किसानों के तन के दोहन से माफियाओं की रोटी सैंकें ..!, अब इसका निदान केन्द्र से मोदी सरकार करें
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मोदीजी..., किसानों का जीवन करों संवार, किसान आंदोलन मे
देशी – विदेशी टिड्डियों माफियाओं के गठबंधन का करो संहार.
चौगुना होगी किसानों की पूंजी. यही बनेगी देश की सफलता
की कुंजी..
किसान आंदोलन के माफिया हैवानियत से विदेशी शैतानों के
मार्गदर्शन में तिरंगे के अपमान से अपनी शान समझ रहें हैं
और देश की अस्मिता से खेल रहें है, अब इसे कुचलना होगा...
Posted by Deshdrohi Urf Pagal at 05:25 No comments:
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प्रयत्न व साभार
www.meradeshdoooba.com
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26 दिसम्बर 2021 देश के इतिहास का सबसे काला दिवस दर्ज हो गया , जब मुट्ठी भर हैवानों ने किसानों का छद्म रूप धरकर लाल किले के प्राचीर व गुंबज से तिरंगा हटाकर “खालिस्तानी” झण्डा फहराकर जब देश की सुरक्षा एजनसी भी मूक दर्शक बनकर देख रही थी
हैवानों के हौसले बुलंद थे व इस बार पंजाब सरकार ने अपने को पंजा छाप बनाकर इन हैवानों के इस कुकृत्य के लिए 2 लाख रुपये के पुरस्कार की घोषणा की थी
यदि सरकार सही समय पर नही जागती तो प्रधानमंत्री के हाल के रोड से पंजाब दौरे में पुनः खलल डालने की इन हैवानों की चाल व विदेशी दुश्मनों के सहयोग से सफल नही हुई अन्यथा यह लालबहादुर की 11 जनवरी 1966 की हत्या की पुनरावृति को दोहराने का काला खेला होता
अब भी पाँच राज्यों के विधानसभा के चुनावों में इन हैवानों की मिलीभगत की बू आ रही है, व देश को विध्वंशकारी ताकतों द्वारा देश के विघटन का खेल खेलने की सुनियोजित साजिश चल रही है यदि समय रहते इसे नष्ट नही किया गया तो यह आतंकवाद की पुनरावृति से देश को जकड़ कर पंगु बना देगा
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