सावरकर का माफ़ीनामा नहीं..!!!,
अंडमान जेल में अंग्रेजों की
क्रूरता का कारनामा विश्व में गूंज मान होने लगा था विदेशी प्रयवेक्षकों की वजह से
जब सावरकर ने हिंदू क़ैदियों को मुस्लिम धर्म
में परिवर्तन होने पर यातना में छूट देने का षड्यंत्र का आंदोलन से पर्दाफ़ाश
किया
इसके बावजूद सावरकर ने जेल
के बिना धर्म के भेदभाव से ९०% क़ैदियों को साक्षर बनाया और जेलर बैरी ने भी माना कि
इनमें से ६०% मुस्लिम है ..
शिक्षण के बाद सावरकर ने इन
क़ैदियों को आवाहन किया की जेल में अब राजनीतिक शास्त्र का अद्धयन ज़रूरी है ताकि आप
लोग जैल से छूटकर जाओं तो अंग्रेज़ों के गुलामी की चाल को काट सको
ब्रिटिश पॉर्लियामेंट में सावरकर
की इस गूँज उठने व जेलर बेरी के तबादले के डर से सावरकर को आनन फ़ानन में माफ़ीनामा
के बहाने सशर्त छोड़ दिया गया
यदि यह कथन ग़लत है तो अन्य
क़ैदियों को सावरकर की तरह क्यों नहीं छोड़ा…
यदि
छोड़ दिया गया होता तो सम्पूर्ण जेल के क़ैदी मुक्त हो कर अंडमान जेल वीरान हो जाता
..
अंत में यदि नरम दल के तलुवा
चाटु नेता भारतीय जेल में हलवापुरी खाने वाले व अंग्रेजों के safety valve / सुरक्षा
छिद्र बनकर स्वतंत्रता सेनानी का तमग़ा लेने
वाले की होड़ से इन नेताओं को सिर्फ़ अंडमान जेल देखने भेजा जाता तो वे आन्दोलन करना
भूल जाते..
राहुल गांधी के दादा परदादा नाना परनाना ने तो यह जेल नही देखा
यदि राहुल गांधी को अंडमान
जेल दिखाए तो वह माफ़ीनामा ही नहीं जज के पांव पर लोटकर बिन पेंदे का लोटा बन जाएगा
इसलिए बेटा इटली की रोटी खाने
वाले मां के आँचल के विंदेशी दूध से भारतमाता के वीर सपूत शिवाजी महाराणा प्रताप व
चाणक्य के अवतार वीर ही नहीं परमवीर सावरकर की आलोचना बंद कर देश की गरिमा मिटाना बंद
करों …, ऐसे भी इटली मानसिकता से ९०% कांग्रेस पार्टी पहिले ही डूब चुकी है अन्यथा
अब औपचारिकता निभाने का समय आ जाएगा
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तेरे दादा व परदादा ने माफ़ी
माँगी इसलिए यंहा नही थे . अब तू सोच अपने बारे में..
Your grandfather and
great grandfather apologized, that's why they were not here. now you think
about yourself
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हे माँ, तुम्हारे गुलामी की
बेड़ियाँ तोड़ने व वैभव अमर रखने के लिये यह सजा भी मेरे लिये तुच्छ हैं,,,
हे माँ, तुम्हारे गुलामी की
बेड़ियाँ तोड़ने व वैभव अमर रखने के लिये यह सजा भी मेरे लिये तुच्छ हैं
प्रयत्न व साभार
www.meradeshdoooba.com
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