दिल्ली की जानता को दारू की दिल्लगी से वोट बैंक का डाका डालकर सता पर काबिज
होकर इस गोरखधंधे का डंका बजाकर जब जेल जाने की क़तार में अपने को भगत सिंह का
अवतार कहने वाले पार्टी के जनता के खून चूसक खटमल वाल…,
अब गांधी की प्रतिमा के आगे गुहार ( गू- हार) याचना से अब
भी अपने को अन्ना का बाप कहने वाले को , गाँधी भी श्राप देकर कह रेहें हैं ..
मुझे कुछ नहीं सुनना “तूने दिल्ली की जनता को दारूबाज़ बनाया अब इसका फल तुम लोग ही भुगतना…”
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