पप्पूजी…, भारत जोड़ो / मरोड़ों से विपक्षी दलों की एकता को तोड़ों व अपने ही कार्यकर्ताओं
द्वारा पार्टी छोड़ो के अभियान से देश के पद यात्रा में
है....
कृपया, यह लेख जरूर पढ़ें...!!!
1962 में चीन से हार के बाद प्रधानमंत्री नेहरू ने लोकसभा में
कहा “कोई बात नही चीन ने हिंदुस्तान का वह
भाग छीना है वंहा कुछ उगता नाही था...” यूं
कहें नेहरू के गंजे सर से बचे पाँच बाल माओत्से तुंग ने पंचशील समझौते से उखाड़ लिए...
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अंग्रेजों का कॉपी पेस्ट
का भारी भरकम संविधान बनाकर.. अपने पूर्वज नाना प्रधान मंत्री नेहरू ने छद्म शांति
का कबूतर बनकर एडविना को कबूतरी बनाकर देश की सीमाओं को खुला छोड़कर हाथ में आया
कश्मीर आधा निकल गया ..
बाद में हिन्दी चीनी भाई
भाई में दहाई के दस ऊँगली से माओत्से तुंग द्वारा थप्पड़ मारकर, सर के बचे गंजे
बालों को निकाल कर नेहरू के नंगे पाव से गंजे सिर को नंगा कर इस नौटंकी की इंतहा
कर ..
इस भारत रत्न
प्रधानमंत्री को धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का बनाकर गुप्त रोगों के रहस्य से
मौत का खुलासा आज तक नहीं हुआ…
स्तिथि ऐसी बनी की नेहरू
ने १९६३ का गणतंत्र जो गुड गोबर तंत्र से ब्रिटिश के जंग हथियारों के ज़ख़ीरे
दिखाने पर , अपनी असफलता
दिखाने से इस गणतंत्र को रद्द करने का विचार तक कर दिया था…
तब नेहरू द्वारा आरएसएस
को इस परेड में न्यौता देकर इसे चीन के विरुद् प्रतिरोध दिवस मानकर गणतंत्र की लाज
आरएसएस ने रखी
और पप्पू … अप्पा चप्पा
डब्बा कहकर अपने अब्बा से नाना द्वारा घृणित नज़रों से देखने का बयान देकर कह रहा
है “यदि मुझे सिर भी
कटाना पड़े तो आरएसएस से नही मिलूँगा…”
याद रहे १९६२ के चीन
युद्ध में यदि आरएसएस के योद्धा देश के जवानों से कंधे से कंधा मिलाकर सीमा पर नही
जाते तो सर से पाँव तक नंगा नेहरू का वजूद ख़त्म हो कर एक निजी स्वार्थ का तानाशाह
व धोखेबाज़ प्रधानमंत्री के रूप में देश को “काले काल में धकेलने का इतिहास में दर्ज होता
..”
इस घटना से अब भी देश के
साथ खिलवाड़ करने वाले ग़द्दारों से देश की ख़ुफ़िया तंत्र को चौकन्ना रहना होगा व
सरदार पटेल के ५६० से अधिक रियासतों को जोड़ने के सफल राष्ट्रनिष्ट कार्य में
टुकड़े गैंग के सेंध लगाने के देशी विदेशी ताक़तों का ताकि खेल शुरू होने से पहिले
ही ख़ात्मा हो
बेबाक़ी से व सौजन्य…
www.meradeshdoooba.com
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Nehru accepted the gratitude of Sangh director Guru Golwalkar
In the China war of 1962,your volunteers fought with the army
with great passion and to save my image from getting dusty I bow down with
respect and invite your fighters during the Republic Day parade.
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चीन के पराजय से नेहरू की
छवि बचाने से आरएसएस के गुरु गोलवलकर का एहसान माना
1962 के चीन युद्ध मैं आपके स्वंय सेवकों का सेना
संग जज्बे से लड़ने व मेरी पराजय व छवि धूल में मिलने से बचाने के लिए दण्डवत
प्रमाण व गणतंत्र दिवस परेड में आपके सेनानियों को आमंत्रण
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