एक माँ ने लोगों के घरों में फ़र्श से बर्तन धोकर …, चमकाकर … ग़रीबी को सुहाग का गहना से अपनीं पीढ़ी के दिनों को सुहावना बनाने के अनथके अथक प्रयास से अपने बेटे को प्रेरणा देकर कि ग़रीबी अभिशाप नही अनवरत प्रयास से कर्मों को चमकाकर जीवन को अर्श तक पहुँचाया जा सकता है…
राजमाता हीराबेन को श्रद्धा व अश्रू से
आदरंजली
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माँ तेरे चरणामृत से मेरा जीवन व राष्ट्र
विभूतित
तुम्हारे शतायु वर्ष के त्याग व वात्सल्य की
तपस्या से मैं अभिभूत व नवयुग की प्रेरणा को मेरा माल्यापर्ण
Mother, my life and the nation are
enlightened by your feet
I am overwhelmed by the sacrifice of your
centenary years and the austerity of affection and my wreath to the inspiration
of the new age.
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