काश..., “हमने वीर सावरकर की बात मानी होती तो चीन के हाथों हमारी
हार नही होती” यह कहते हुये जनरल करियप्पा ने 1962 में नेहरू को अपने पद का इस्तीफा दिया..
नेहरू को चेतावनी देने वाले वीर सावरकर ने १९५२ में ही कह
दिया था ,
चीन की हिन्दी-
चीनी भाई - भाई की यह दोस्ती छद्म है...
चीन हम पर आक्रमण करेगा, हमारी सेनाओं को सशक्त बनाना होगा... और आसाम में पूर्वी पाकिस्तान (बांग्ला देश) के नागरिकों की घुसपैठ से देश में शत्रुओं का निर्माणहो रहा है ... जो भविष्य में देश
को खंडित करने का काम करेगा
काश..., “हमने वीर सावरकर की बात मानी होती तो
चीन के हाथों हमारी हार नही होती” यह कहते हुये जनरल करियप्पा ने 1962 में नेहरू को अपने
पद का इस्तीफा दिया..
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