Saturday, 13 August 2022

विन्सटन चर्चिल, इंग्लँड के दूरदर्शी प्रधानमंत्री जिनकी भारत को सत्ता सौंपने की भविष्यवाणी ७५ सालों बाद और भी जीवंत हो रही हैं “अब ये सत्ता दुष्टों, बदमाशो और लुटेरो के हाथों में चली जाएगी. भारत के सभी नेता ओछी क्षमता वाले और भूसा किस्म के व्यक्ति होंगे. उनकी ज़बान मीठी होगी लेकिन दिल निकम्मे होंगे. वे सत्ता के लिए एक दुसरे से लड़ेंगे और इन राजनितिक झड़पों में भारत का खातमा हो जाएगा. एक दिन आएगा जब भारत में हवा और पानी पर भी टैक्स लगा दिया जाएगा.”

 


विन्सटन चर्चिल, इंग्लँड के दूरदर्शी प्रधानमंत्री जिनकी भारत को सत्ता सौंपने की भविष्यवाणी ७५ सालों बाद और भी जीवंत हो रही हैं

 

 अब ये सत्ता दुष्टों, बदमाशो और लुटेरो के हाथों में चली जाएगी. भारत के सभी नेता ओछी क्षमता वाले और भूसा किस्म के व्यक्ति होंगे. उनकी ज़बान मीठी होगी लेकिन दिल निकम्मे होंगे. वे सत्ता के लिए एक दुसरे से लड़ेंगे और इन राजनितिक झड़पों में भारत का खातमा हो जाएगा. एक दिन आएगा जब भारत में हवा और पानी पर भी टैक्स लगा दिया जाएगा.


 “Now this power will go into the hands of rascals, miscreants and robbers. All the leaders of India will be people of low caliber and straw type. His tongue will be sweet but his heart will be useless. They will fight each other for power and India will end in these political clashes. A day will come when air and water will also be taxed in India."

 

मेरे वेबस्थल का स्लोगन इस युक्ति से गहन रूप से जुड़ा है जो निम्न है

 

मेरा संविधान महान.., यंहा हर माफिया पहलवान..

 

और इस चीज़ की सजीवता को देखकर मेरे वेबस्थल का नाम रखा है।

 

www.meradeshdoooba.com

 

Twitter Account है

Deshdrohi Urf pagal (@DeshdrohiGhulam) / Twitter

इसकी हर पोस्ट PMO office व प्रधानमंत्री को भेजी जाती है ,,

 

देश के सभी नारे अफ़ीमों की थैली है और इसे बांटने वाले राजनैतिक देशप्रेमिओं  की भरमार से अकूत धन कमाकर देश को बांटने की साजिस से माचिस ( देश जलाने वाले ) जेब मैं लेकर घूम रहें हैं

 

देश का  ७५वी सत्ता परिवर्तन के बाद देश को डूबाने से बचाने के लिए निम्न है

 

जो करे देश से प्यार…, वह कभी नही करे भ्रष्टाचार…,

 

मैं देश के लिए बना हूँ ….

 

मैं देश को कितना और अधिक , अतिरिक्त श्रम व बुद्धि बल से योगदान { योग-दान ) निस्वार्थ रूप से दूं तो …,

 

जैसे बरसात के पूरे में बादल एक छोटे गड्डे से तालाब नदी व समुंदर से उसके क्षमता के अनुसार पानी खिचता है लेकिन जब व पानी बरसाता है तो सभी को समान रूप से पानी बरसाता है उसी तरह से देश के मेहनत से  सभी संसाधन छलक के हर देशवासी धन - धान्य से सुख शांति से प्रकृति के यापन से प्रतिभूत व आनंदित रहेगा

 

यदि देश की नौकरशाही, जजशाही व वर्तमान देश की आदमखोर राजनीति..., अब भी,  व जनता के दर्द को अपना दर्द समझ कर सकारात्मक/ ईमानदारी से जी जान से इसका निवारण करें तो हम एक साल के भीतर सफलता से देश में सुजलाम सुफ़लाम से विश्व गुरू से राम महावीर व बुद्ध से शुद्ध रूप से शांति दूत का पैग़ाम जीयो और जीने दो..को चरितार्थ कर मानव जीवन को एहसास करा देंगे की इस धरा पर जीवन स्वर्णिम व स्वर्ग से भी सुंदर है

 

साभार www.meradeshdoooba.com (स्थापना 26 दिसम्बर 2011)

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