Wednesday, 26 January 2022

देश का हैवान विदेशी शक्ति से हाथ मिलाकर किसान के छद्म चोलों से देश के जवानों की हत्या कर लाल क़िले से करे हुंकार.. अबभी केन्द्रीय प्रशासन क्यों लाचार…!!

देश का हैवान विदेशी शक्ति से हाथ मिलाकर किसान के छद्म चोलों से देश के जवानों की हत्या कर लाल क़िले से करे हुंकार.. अबभी केन्द्रीय प्रशासन  क्यों लाचार…!!!



I26 दिसम्बर 2021 देश के इतिहास का सबसे काला दिवस दर्ज हो गया , जब मुट्ठी भर हैवानों ने किसानों का छद्म रूप धरकर लाल किले के प्राचीर व गुंबज से तिरंगा हटाकर “खालिस्तानी” झण्डा फहराकर जब  देश की सुरक्षा एजनसी भी मूक दर्शक बनकर देख रही थी

हैवानों के हौसले बुलंद थे व इस बार पंजाब सरकार ने अपने को पंजा छाप बनाकर इन हैवानों के इस कुकृत्य के लिए 2 लाख रुपये  के पुरस्कार की घोषणा की थी

यदि सरकार सही समय पर नही जागती तो प्रधानमंत्री के हाल के रोड से पंजाब दौरे में पुनः खलल डालने की इन हैवानों की चाल व विदेशी दुश्मनों के सहयोग से सफल नही हुई अन्यथा यह  लालबहादुर की 11 जनवरी 1966 की हत्या की पुनरावृति को दोहराने का काला खेला होता

अब भी पाँच राज्यों के विधानसभा के चुनावों में  इन हैवानों की मिलीभगत की बू आ रही है,  व देश को विध्वंशकारी ताकतों द्वारा देश के विघटन का खेल खेलने की सुनियोजित साजिश चल रही है यदि समय रहते इसे नष्ट नही किया गया तो यह आतंकवाद की पुनरावृति से देश को जकड़ कर पंगु बना देगा  


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