देश का लाल भारतमाता की गोद से छीन गया… , देश स्तब्ध...
सीडीएस विपिन रावत ने देश के तीनों सेना के अंग मे भर दी रंग, से... भारतमाता के जीवन में तरंग से. देशवासियों में देशभक्ति की उमड़ी उमंग…
दुश्मन देश रह गए दंग... 2014 से पहिले कैसे राजनेताओं के भ्रष्टाचार के रंग से सेना की वर्दी पर दाग लगाकर
मदमस्त हो रहे मुस्टंडों के गुंडों ने राष्ट्रवाद की पीठ से खंजर भोक कर, राष्ट्र कहरा रहा था
जनरल रावत के अगुवाई में सेना की ताक़त को दुश्मनों में खौफ का माहौल था व सीमा
को छूने का अंजाम का पूर्वाभास से पैजामा गीला
था
याद रहे, हमारे एक शूर-वीर फील्ड मार्शल मानेक शाह ने देश के प्रधानमंत्री
इंदिरा गांधी को पाकिस्तान से युद्ध में झोकने से पहिले चेताया व कहा था मेरे सेना
के मानक से उसकी तैयारी सिर्फ 25% है और हम 100% युद्ध के लिए
तैयार नही हैं
इसके बावजूद युद्ध में फील्ड मार्शल मानेक शाह की दूर दर्शिता से मात्र 14 दिनों
में हम युद्ध जीत जाने पर इसका श्रेय काँग्रेस पार्टी ने लेकर इन्दिरा गांधी को दुर्गा
के रूप में स्थापित किया
इन्दिरा गांधी के इस पाखंड को चुनौती देते हुये फील्ड मार्शल मानेक शाह ने कहा
“तुम में कितना भी घमंड हो लेकिन याद रखना तेरे नाक से लंबी मेरी नाक है”
1962 की लड़ाई में फील्ड मार्शल करिअप्पा
ने अतहप्रयास के नेहरू के छद्म शांति के प्रयास से देश को चेताते हुये कहा था, देश को सावरकर की विचार धारा अपनाकर देश का
हर सैनिक व देशवासी वीर शूरवीर बनकर देश चंद दिनों में विश्व गुरू बन जाएगा और चीन
के युद्ध में इस हार के लिये पूर्ण रूप से
प्रधान मंत्री नेहरू को जिम्मेदार ठहराया
1965 में पाकिस्तान के अचानक आक्रमण से
प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने अपने सेना के त्तीनों अंगों को खुली छूट देकर, युद्ध जीतकर इसका श्रेय स्वन्य न लेकर , देश व सेना के जवानों व किसानों को दिया व उनके इस राष्ट्रवाद के जागरण से, बाद में देश व विदेश के माफियाओं के सुनियोजित संगठन ने उनकी ह्त्या हो गई
वही 1999 में देश के प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी व रक्षा मंत्री जॉर्ज फरनाडिस
को जब जयललिता ने पार्टी के समर्थन न देने की घोषणा से
उनके पाँव पकड़ने के अपने 100% ध्यान से देश की सीमा पर घुसपैठ की जानकारी को अफवाह कहकर छद्म राष्ट्रवाद
का स्वांग रचते हुये, अपनी
कुर्सी को मजबूती देते हुये, पाकिस्तान के बारे में कहा “हम पड़ोसी बदल नही सकते
हैं व हमको हमेशा पड़ोसी को मैत्री का संदेश
देना होगा” व इस दौर में पाकिस्तान के जनरल मुशर्रफ को ताज महल की यात्रा कराकर देश का ताज पहनाया
गया
प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के इस स्वांग से, देश को दो महीनों के युद्ध से देश के 1000 से ज्यादा जवानों की हत्या कर यों कहें
हारे हुये युद्ध को जीत बताकर, अपनी नाकामी को छुपाकर “ऑपरेशन विजय” कहकर उनकी पार्टी भाजपा ने जवाहरलाल नेहरू की तरह भारत रत्न देकर आज भी विभिन्न
योजनाओ से देश को भरमाया जा रहा है
अंततः एक छोटी सी जानकारी फील्ड मार्शल
मानेक शाह के जून 27 , 2008
मे तमिलनाडु मे देहावसान पर उनकी अंतिम यात्रा में कोई कॉंग्रेस का कुत्ता तक नही आया
नाम मात्र के गिने चुने लोग थे
आज हम 16 दिसम्बर 1971 युद्ध के जीत की स्वर्ण जयंती मना रहें हैं लेकिन फील्ड मार्शल मानेक शाह की कीर्ति
के चर्चा से आज भी नई पीढ़ी अंजान व अनभिज्ञ है… क्या ऐसे में देश का जज्बा बढ़ सकता है ….!!!!
साभार www.meradeshdoooba.com
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