Sunday, 14 November 2021

आज से 5 साल पहिले की पोस्ट आज पाँच साल बाद भी सार्थक व पुनरावृति से जनता को भरमाकर अब लूट के खेल में जनता के खून में नए रंग से देश को बदरंग करने का नया खेला है चेन्नई में चंद मुफ्त के सामानो के लोभ में इन चुनावी मेढकों ने जनता का सामान व सम्मान भी बहा दिया है




आज से 5 साल पहिले की पोस्ट आज पाँच  साल बाद भी सार्थक व पुनरावृति से जनता को भरमाकर अब लूट के खेल में जनता के खून में नए रंग से देश को बदरंग करने का नया खेला है

 

चेन्नई में चंद मुफ्त के सामानो के लोभ में इन चुनावी मेढकों ने जनता का सामान व सम्मान भी बहा दिया है

उत्तर प्रदेश के अखिल प्रदेश  को उतारू प्रदेश बनाने की अखिलेश यादव  की नई चुनावी योजना




  

दिसम्बर 2015 की दोनों पोस्टों की आज फिर से पुनरावृति हो रही है ....!!!!!· 

 

आज की दो बड़ी खबर.., पहली तमिलनाडु में आपदा का कहर.., 30 दिन में बाढ़ से सब कुछ लुटाकर ..आज सोमवार को स्कूल व कॉलेज खुले.’’

 

दूसरी खबर सुप्रीम कोर्ट ने उतारू प्रदेश के अखिलेश सरकार की लताड़.., भ्रष्टाचार का सूपड़ा साफ़ करने के लिए बुधवार तक लोकायुक्त क़ानून लागू करने का अंतिम आदेश दिया..

दोस्तों..., तमिलनाडु ही नहीं देश की जनता मुफ्त लेपटोप, मिक्सचरग्राइंडर मुफ्त टीवी की दीवानी है.., इसका फायदा तो राजनैतिक दल उठा रहें हैं.., देश की खरबों रूपये की योजनाओं को डकार गएँ हैं..., तमिलनाडु में तो मुफ्त के उपहार के साथ-साथ जनता की नीजी सम्पति भी बह गई / समाप्त हो गई है...,

 

याद रहे.., ब्रिटिश सरकार के शासन काल में विकास के सेतु से अन्य विकास कार्य आज भी जीवंत है.., आज के सत्ता परिवर्तन (१९४७) के भारत में..., इन्ही नालों व पुलों पर वोटबैंक के भार से नये निर्माणजैसे सेतु ढह रहें हैं......आपदा के नाम से प्रथम समाचार में 55 लोगों की मौत के बाद भी प्रसाशन .., मरणासन्न था.., अब पानी सर से ऊपर बह रहा है...तब राज्यसरकार जागी है.., मोदीजी ने भी व्यक्तिगत दौरा कर अपनी केंद्रीय फ़ोर्स झोककर एक अच्छी मिशाल दी है...

 

फेस बुक व वेबस्थल की September 11, 2013 • की post

1. अखिलेश की हर योजना से, फैला... पूरे उत्तर प्रदेश (अखिल) मे क्लेश...???? प्रदेश मे पुलिस और सेना के जवान खा रहे है, गोलिंया .... और सत्ताधारी, जनता की हत्याओं के खून से तल रही हैं, वोट बैंक की पुरिया...???

देशवासियों को टॉप का अंग ढकने के लिए कपड़े व गरीबो के शिशु से वयस्को के लिए दवाइया नही है।

 

2. राम मनोहर लोहिया की औलादे बनी देश की जल्लादे....?????, “ समाजवादशब्द को आज लूट की खादसे भरण पोषण कर , देश बर्बाद हो रहा है। लोहिया वह व्यक्ति थे... जिनसे समाजवाद शब्द भी गर्वित था। मरते दम तक, कोई घर नहीं था, और लोहिया की दहाड़ से प्रधानमंत्री नेहरू का पैजामा गीला हो जाता था।

 

3. यदि, आज देश के हर धर्म का नागरिक राष्ट्रवादी होता, तो, देशवासियों के साथ देश का सीना भी बुलेटप्रूफ होता। अखिलेश की हर योजना से फैला उत्तर प्रदेश मे क्लेश। दसवी पास मुस्लिम लड़कियो को 30000 रु का अनुदान व अन्य धर्मो की लड़कियो का नहीं है, कोई नामों निशान।

 

4. याद रहे मुलायम सिंह ने 12 साल पहले पश्चिम उत्तरप्रदेश मे चुनावों के समय, “वोट बैंककी राजनीति करते हुए कहा था, “मुस्लिम लोगो आप मुझे वोट दोगे..., तो मैं इस प्रदेश को, मुस्लिम प्रदेश घोषित करूंगा। शायद इसी झाँसे मे मुस्लिम लोगो ने, पश्चिम उत्तरप्रदेश को मुस्लिम प्रदेश बनाने के लिए बंगलादेशी मुस्लिम लोगो के घुसपैठीयो के गढ के साथ साथ, इसे आईएसआई का अड्डा भी बना दिया... अब यह देश के लिए चिंताजनक गड्ढा बन गया है।

 

5. 10 साल पहिले, पश्चिम उत्तरप्रदेश मे, एक मदरसे का अनुदान के मामले मे, इलाहाबाद के एक सदस्यीय हाइकोर्ट के जज ने अपना फैसला सुनते हुए कहा आपके शहर मे 60% मुस्लिम आबादी है, तो अल्पसंख्यक... शब्द, लागू ही नहीं होता है, और इस अनुदान के आदेश को निरस्त कर दिया जा रहा है।इस आदेश के बाद मुस्लिमो की बौखलाहट से, राजनेताओ के शह से, उस जज को बर्खास्त कर दिया गया और एक नये 2 सदस्यीय, हाईकोर्ट के बेंच का गठन कर , इस अनुदान को सही ठहराया।

 

6. देश के विभिन्न धमाको के संदर्भ, पश्चिम उत्तरप्रदेश मे, जो बंगलादेशी आतंकवादियो का गढ है, हमारे खुफिया विभाग द्वारा आतंकवादियो को पकड़ने पर राजनेताओ के शह पर उन्हे छोड़ दिया गया। आज खूफिया विभाग भी अपने रोजी रोटी के डर से आँखें बंद कर बैठी है।इसका परिणाम आज दिख रहा है। मस्जिदों मे एके 47 का जखीरा, एक सुनयोजित ढंग का दंगा सामने आया है।

 

7. मीडिया भी एक उद्योग के रू[प मे राडिया

(RADIA=RA+N+DIA) बनकर.... इसे 2 सम्प्रदायो का झगड़ा कह कर, लीपा पोती में लगी हुई है। यह गुजरात के हिन्दू-मुस्लिम के दंगो से भी भयंकरता का प्रतीक है। इस घटना मे हिन्दुओ के बड़ी संख्या के मारे जाने से सत्ता और विपक्ष भी मुंह पर पट्टी बांध कर चुप है।

देशवासियों याद रहे मुंबई के आजाद मैदान मे घुसपैठीयो के दलों ने शहीद स्मारक तोड़ कर , महिला पुलिसों तक को पीटकर व मीडिया की गाड़ी जलाकर , एक खुले चुनौती देते हुए कहा ... रोक सके... तो रोको ...??????, और सत्ता के व विपक्षी दलाल भी, इसे अपनी सत्ता हलाल होने के डर से चुप बैठें है...सेना,पुलिस के जवान खा रहे है गोलिया.... और सत्ताधारी तल रही हैं, वोट बैंक की पुरिया...

 

8. जागो देशवासियों राष्ट्रवाद की धारा मे आओ और डूबते देश को बचाओं॥ सीमा पार दुश्मन भी चाह रहे है हम आपसी लड़ाई से कमजोर हो जाये ताकि हमे सफलता आसानी से प्राप्त हो... 

 


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