Sunday, 4 July 2021

दानिश कनेरिया एक मिशाल व सनातानी धर्म का लाल, पाकिस्तान में धर्म परिवर्तन के खेला में इमरान व बाजवा को कर दिया क्लीन बोल्ड... आज तक का सनातनी इतिहास रहा है कि सनातनी हिन्दू दुनिया में कहीं भी रहा उसे अपनी मातृभूमि समझ कर उसकी माटी के प्रति समर्पित होकर, प्रकृति का सम्मान कर अपना जीवन यापन किया है, वह कभी भी देश का गद्दार नही निकला किसी के धर्म का अपमान व बलात (गले में तलवार रखकर) धर्म परिवर्तन के उड्ढेस्य में शामिल नही हुआ है

 

दानिश कनेरिया एक मिशाल व सनातानी धर्म का लाल, पाकिस्तान में धर्म परिवर्तन के खेला में इमरान व बाजवा को कर दिया क्लीन बोल्ड...

आज तक का सनातनी इतिहास रहा है कि सनातनी हिन्दू दुनिया  में  कहीं  भी रहा उसे अपनी मातृभूमि समझ कर उसकी माटी के प्रति समर्पित होकर, प्रकृति का सम्मान कर अपना जीवन यापन किया है, वह कभी भी देश का गद्दार नही निकला

किसी के धर्म का अपमान व बलात (गले में तलवार रखकर) धर्म परिवर्तन के उड्ढेस्य में शामिल नही हुआ है

इसका सर्वश्रेष्ठ व जिंदा मिसाल है, दानेश कनेरिया जिसे हिन्दू अल्पसंखयक व प्रताड़ित वर्ग से दुग्गला निम्न स्तर का व्यवहार किया जाता था इसके बावजूद  भी उन्होने पाकिस्तान को अपनी मातृभूमि समझ कर निश्छल भाव से क्रिकेट मे अपना 100 % प्रतिभा झोक कर कई देशों में क्रिकेट मैच जिताकर पाकिस्तान को कई बार सम्मानित किया

इसके बावजूद दानिश कनेरिया को धर्म परिवर्तन के दबाव में मुस्लिम बनाए का बोझ से दुगगला व्यवहार से निम्नता का वर्ताव किया गया

युसुफ योहाना जिसका धर्म ईसाई था जिसे धर्म परिवर्तन के दबाव में मुस्लिम बनाकर मुहमद  युसुफ नाम से  क्रिकेट खेला लेकिन उनके परिवार ने इसका जोरदार विरोध किया  

दोस्तों एक  सनातनी की मंजिल.....

इस्लाम कबूलने से दानिश कनेरिया का साफ इंकार कहा ... हिन्दू होने पर गर्व है ...!!!

याद रहे जब पहली बार पाकिस्तान की टीम कोलकोता पहुंची तब होटल पहुँचने के तुरंत बाद दानिश कनेरिया ने  काली माता मंदिर के दर्शन करने के बाद कहा की “मुझे काली माता के दर्शन का योग मिलना मेरे जीवन का सर्वश्रेष्ठ   उपहार है”

हिन्दू त्योहारों में आज भी दानिश कनेरिया twitter पर विश्व के करोड़ों हिन्दू लोगो को अपनी आस्था का इजहार करतें हैं

जबकि हमारे क्रिकेटरों  को देश के सनातनी धर्म से कोई  लेना देना नाही ..., सोचों... सोचों...  ऐसा क्यों …..!!!!!!!

अंत में यही कहना है देश की धन शक्ति, संस्कृति पर हावी है जो घातक है यह विचारणीय ..., इस पर मंथन नही किया तो यह देश को घुन की तरह खा जाएगी ...!!!



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