१९८४ में
इंदिरा गांधी की ह्त्या से, सहानुभूति की सुनामी लहर से, देश भर में
१० हजार से अधिक सिखों के नरसंहार ने राजीव गांधी के “कलंक”
को भी धो दिया उन्होंने ताल ठोक कर कहा , “जब
कोई बड़ा पेड़ गिरता है, तब धरती हिलती है “ और लोकसभा में ४१४ सीटें जीतकर , अपनी नाना
प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का कीर्तीमान तोड़ दिया.
अब २०१९
में कांग्रेस के ५ साल के सत्ता निर्वासन के बाद राहुल बाबा के गुरू सैम (असली नाम
–
सत्यनारायण
गंगाराम) पित्रोदा ने सिख नर संहार का समर्थन करते हुए कहा “जो हुआ वो हुआ” के बयान ने कांग्रेस के पंजाब के वोट बैंक में आग में घी का
काम किया है .
याद रहे , जवाहर
लाल नेहरू ने भारत की खोज की किताब लिखाकर, अय्याशी में शांती का
मक्खन लगाकर , देश के टुकडे कर नोबल पुरूस्कार के
आकांक्षा से सेना को नो बल कर , जवानों के हौसले
पस्त कर दिए ...
गरीबी हटाओ के नारे से देश में आतंक बढाओ और
सत्ता सुरक्षित रखो के सिद्धांत से , इंदिरा गांधी की
मौत पर पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने बेबाक कहा “इंदिरा गांधी अपने कर्मों से मारी गई है’
वहीं..., राजीव गांधी ने “मेरा भारत महान” के नारे से देश को २१ वी शताब्दी
में ले जाने के झांसे से, देश का खजाना लुटा कर , तमिल आतंकवादियों के पंगे से अपने नाना की तरह शांति का दूत से नोबल पुरुस्कार के झांसे से, मौत का, अपनी माँ, इंदिरा गांधी का इतिहास दुहराया....,
वहीं..., राजीव गांधी ने “मेरा भारत महान” के नारे से देश को २१ वी शताब्दी
में ले जाने के झांसे से, देश का खजाना लुटा कर , तमिल आतंकवादियों के पंगे से मौत का, अपनी माँ, इंदिरा गांधी का ऐसा इतिहास दुहराया कि गले में माला डालने के लिए सिर नही
मिला ....,
1971 की दुर्गा देवी की OPERATION BLUE STAR के प्रतिशोध में आतंकियो द्वारा बेदर्दी से गोलियों
से भून कर दुर्गति से मौत हुई
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