मुन्ना मोहन
का मौन के ८८ साल पूरे.., असली हीरा तो, कोयले
की खान से मिलता है, लेकिन कांग्रेस का “हीरा” देश के “कोयले की खान के
साथ, कोयले की फाईल ” भी खा गया....
आज, देश के राष्ट्रीय राजनीती में कोर्ट
के सम्मन से देश के प्रधानमंत्री द्वारा भले आज के कांग्रेस पार्टी द्वारा सम्मान
का विषय हो...,
एक प्रधानमंत्री के नाम से देश पर कलंक है..., क्योंकि
इस प्रधानमंत्री ने भष्टाचार के रंग से “रंक माफिया” को राजा बना दिया.., “कर लो दुनिया राजनेताओं को”
जिस किसी भी माफिया ने पहचाना, वह मीडिया,
रियल एस्टेट, खान खदान पर काबिज हो कर
राष्ट्रनीती का निर्धारण कर रहा था
१९४७ से अब तक का इतिहास देखे तो विदेशी
आक्रमणकारियों द्वारा बेतहासा लूट के बावजूद , १९४७ में हमारा एक
रूपया , एक डौलर के बराबर था , इसमें
१९४७ से ही भष्टाचार की झालर (बल्बों की लड़ी ) में जातिवाद , भाषावाद, अलगाववाद, आरक्षण,
घुसपैठ व प्रांतवाद की रौशनी से, आज रूपये को
सठिया कर माफियाओं को सेठीया बना दिया है.., और हम आज,
ऐसी कर्ज की शताब्दी में है.... जहां, हिन्दुस्थान
अपने १० हजार साल से ज्यादा के इतिहास में भी नही था ...
१९९१ में कंगाली के ईलाज के लिए प्रधानमंत्री
नरसिंहाराव ने एक डॉक्टर मनमोहन सिंग की, कांग्रेस ने इस “हीरे” की खोज की, जिसने वित्त
मंत्री बनते ही देश की मुद्रा का २०% अवमूल्यन कर , विदेशी
निवेशकों ( यूं कहे आक्रमणकारियों) को भरमाकर , देशी व
विदेशी माफियाओं की मिली भगत से रूपये को सठिया कर , “कर्ज
के कोढ़” से देश को कंगाल कर दिया है.. अब इस “कर्ज के कोढ़” को भारत निर्माण के नारे से देशवासियों
को भरमाया जा रहा है
असली हीरा तो कोयले की खान से मिलता है, लेकिन
कांग्रेस का “हीरा” देश का “कोयले की खान के साथ कोयले की फाईल ” भी खा गया
प्रधानमंत्री ने “भ्रष्टाचारियों”
की “परतंत्रता के मंत्र” से..., “कोयले’ से देश को
फूँका
कांग्रेस “कोयल” की आवाज में... हो रहा “भारत निर्माण” का गाना गा रही है ....
“भारत निर्माण” के नारे से....,
हो रहा है, “भ्रष्टाचारियों का कल्याण”
जवाहर लाल नेहरू ने भारत की खोज की किताब लिखाकर, अय्याशी
में शांती का मक्खन लगाकर , देश के टुकडे कर नोबल पुरूस्कार
के आकांक्षा से सेना को नो बल कर , जवानों के हौसले पस्त कर
दिए ...
गरीबी हटाओ के नारे से देश में आतंक बढाओ और सत्ता
सुरक्षित रखो के सिद्धांत से , इंदिरा गांधी की मौत पर पूर्व
प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने बेबाक कहा “इंदिरा गांधी अपने
कर्मों से मारी गई है’
वहीं..., राजीव गांधी ने “मेरा भारत महान” के नारे से देश को २१ वी शताब्दी
में ले जाने के झांसे से, देश का खजाना लुटा कर , तमिल आतंकवादियों के पंगे से मौत का, अपनी माँ,
इंदिरा गांधी का इतिहास दुहराया....,
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