चाय पर चर्चा के दौरान अपने घर में लालबहादुर शास्त्री ने मनोज कुमार से कहा ,
" न तो मैं जवान दीखता हूँ , न ही किसान ..,"
अब हमने अपने शत्रु पकिस्तान को अपने जवानों व किसानों के जज्बें से हराया...,
मनोज जी आप ऐसे फिल्म बनाओ कि राष्ट्रवाद का उफान जनता में बढ़ता रहे ताकि हमारी ताकत से कोई बुरी नजर न रखे .
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" न तो मैं जवान दीखता हूँ , न ही किसान ..,"
अब हमने अपने शत्रु पकिस्तान को अपने जवानों व किसानों के जज्बें से हराया...,
मनोज जी आप ऐसे फिल्म बनाओ कि राष्ट्रवाद का उफान जनता में बढ़ता रहे ताकि हमारी ताकत से कोई बुरी नजर न रखे .
इसके पश्चात..., दिल्ली से मुंबई की २४ घंटे की पश्चिम एक्सप्रेस ट्रेन यात्रा के दौरान मनोज कुमार ने इस फिल्म “उपकार” के पुरे संवाद लिख लिए .
और इस फिल्म को रिलीज़ के पहिले, व लाल बहादुर शास्त्री की देशी – विदेशी माफियाओं द्वारा ह्त्या के बाद अश्रु पूर्ण श्रधान्जली देते हुए कहा “जिस प्रधानमन्त्री के लिए मैंने यह फिल्म बनायी वह बन्दा इसे देख नहीं पाया व मेरा यह सपना अधूरा रह गया”
साभार :
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