Friday, 23 August 2019




१.    चेतो मोदी सरकार फ़्रांस की प्यासी धरती को  दो..,  वीर सावरकर के चमत्कार से सत्कार.., बंद करो गांधी के नाम की “मक्खनबाजी” से देश के तुकडे कर सत्ता परिवर्तन को आजादी कहने वालों की छुपी कहानी की बखानी..,  


२.     8 जुलाई 2010, को वीर सावरकरजी मार्सेल्स द्वीप की ऐतिहासिक छलांग के पसीने से, 100 वर्षों पूरे होने के उपलक्ष्य में फ़्रांस सरकार, अपने खर्च पर, अपनी भूमि पर मूर्ती का निर्माण कर , सरकारी समारोह से वीर सावरकरजी को अन्तराष्ट्रीय रूप से गौरान्वीत कर, विश्व की युवा पीढी को राष्ट्रवाद से यौवान्वित का सन्देश देना चाहती थी .., लेकिन कांग्रेस के लूटेरों ने फ़्रांस सरकार के इस प्रकल्प पर पानी फेर दिया,




३.   मोदीजी, अप्रैल २०१५ में आप फ़्रांस में थे ..,वीर सावरकर के बारे में मौन थे अब भी राफेल सौदे के बावजूद २३ अगस्त २०१९ के मौन से क्या अभिव्यक्ति जताना चाहते हो..  अभी भी एक अहम् वक्त है फ्रांस के G-७ देशों के सम्मेलन में  लगाओ दहाड़, बने.., मार्सेल्स द्वीप में बने वीर सावरकरजी का स्मारकऔर ८ जुलाई २०२० को वीर सावरकरजी की ११०  वी पूण्य स्मृती को इसे कार्यान्वित .कर उनका माल्यार्पण का मार्ग प्रशस्त कर विश्व को इस किर्ती का अभिमान हो ..


४ .  8 जुलाई 2010.., देश के इतिहास का सबसे बड़ा काला दिन, जागो मोदी सरकार, फ़्रांस ने तो श्यामजी वर्मा की अस्थियाँ ७० साल तक सजोई थी, लेकिन सावरकर के पराक्रम की याद व आस्था आज १०९ सालों बाद भी सजोई रखी है.

५.  आप तो श्यामजी वर्मा की अस्थियों का विसर्जन से गुजरात में इनका स्मारक बनाकर गौरान्वित हो...


६ .  वीर सावरकर व होमी जहांगीर भाभा राष्ट्रवाद के एक   सिक्के के दो पहलू थे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने २३ अगस्त को फ्रांस में अपने वक्तव्य से ठीक पहले एक स्मारक का उद्धाटन किया. ये वो स्मारक है जो

 १९६६ में भारत के परमाणु वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा की माँ ब्लां पर्वत में हवाई दुर्घटना में मौत हो गई थी लेकिन मोदीजी ,,,!!!! आप, वीर सावरकर की मार्सेल्स द्वीप में विश्व की सबसे बड़ी छलांग अंगरेजों के बन्दूक की गोली की बौछार के बावजूद अपने दिल-बल की किर्ती को छुपाने के छल का खेल मत खेलो

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