देश में सैकड़ों धमाकों व आतंकवाद से धमाकों का कोई धर्म नहीं होता
है की गूँज से राजनेता जश्न मना रहे थे ...
बाटला आतंकवादी कांड में सोनिया गांधी आंसू छलका कर रात भर रोई. व
ऑस्ट्रेलिया में एक मुस्लिम को आतंकवाद गतिविधि में गिरफ्तार होने पर प्रधानमंत्री
मनमोहन सिंह रात भर नहीं सोये.
जबकि “हिन्दू,
भगवा आतंकवाद” खतरनाक , और
इसका राजनैतिकरण कर विश्व में प्रचार से देश को नीचा दिखाने के प्रयास में
कांग्रेस सरकार अग्रणी थी. विकीलीक्स को भी इसका खुलासा करना पड़ा की एक अवार्ड
वापसी गैंग की तरह
राजनैतिक बुद्धीजीवियों की भारत तेरे टुकड़े होंगें की तरह की सुनियोजित प्रचार था.
इन राजनेताओं ने भगवा आतकवाद के प्रचार का जिम्मा ATS मुख्या हेमंत करकरे के कन्धों पर दे रखा था. वे
भी मीडिया व अखबारों में अपनी PUBLICITY से गदगद होकर ..,
राजनेताओं से प्रेरित होकर एक कदम और बढ़कर,अपनी
प्रसिद्धी से नयी सीढ़ी चढ़ने के प्रयास में लीन थे और साध्वी प्रज्ञा को जैन में
भयंकर यातना देने के भी निरीक्षक बने थे .
यह संयोंग या हकीकत ही कहा
जाय की ‘भगवा आतंकवाद’ का श्राप हेमत
करकरे को विदेशी मुसलमान आतंकवाद ने निगल लिया, इसकी बावजूद
जिसे आर्थर रोड में कैद कर चिकन बिरयानी खिलाकर देश की धरोहर की तरह संभालकर इसका
राजनीतिकरण के उद्देश से पाले पोशा रखा.., जबकि इस आतंकवादी
की प्राकृतिक मौत मच्छर काटने कटाने की बीमारी डेंगू से इस दुनिया के जन्नती अंडा
सील से विदा होकर जहन्नुम में पहुंचा
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