२००४ से २०१४ के कांग्रेस के खतरू बदजुबानी,
जिसने पार्टी को आसमान से पालाल पाताल लोक से भी गहरे दफ़न कर राजीव गांधी के ४१४
सीटों से सिर्फ ४४ के आंकड़े से विपक्ष के नेता बनने की भी अवकाद भी नहीं रखी.
२००४ से २०१४ के कांग्रेस के खतरू बदजुबानी,
२००४ से २०१४ के कांग्रेस के खतरू बदजुबानी,
२००४ से २०१४ के कांग्रेस के खतरू बदजुबानी,
२००४ से २०१४ के कांग्रेस के खतरू बदजुबानी,
अब इस लोकसभा चुनाव में पंजाब की सीटों पर अपने
जीत का अभिमान रखने के इरादे से १९८४ के सिख दंगों पर बदजुबानी से राहुल गांधी के
गुरू सैम (सत्यनारायण गंगाराम) पित्रोदा की “जो हुआ सो हुआ” की हुंकार से, तात्पर्य
की अच्छा हुआ यह जुबान घी बनकर इस चिंगारी
को आग बनाकर कांग्रेस को इस ६ ठे चरण में पंजाब से दिल्ली के चुनावों में भष्म कर
देगी.
याद रहे इंदिरा गांधी की ह्त्या के बाद राजीव
गांधी ने कहा था जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है.., क्यों की इसी पेड़ को
इंदिरा गांधी ने सिख आतंकवादियों के खून से सीचा था जो गिरने पर राजीव गांधी ने सिखों
पर इल्जाम लगाकर १० हजार से अधिक सिखों का नरसंहार से अपना सत्ता श्रृंगार करवाया था
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