अब २०१९ के गुजर आन्दोलन
में ५% आरक्षण के छांव तले...., कितने हजार करोड़ों का नुकसान होगा..., यह समय
ही बतलायेगा
कृपया जरूर पढ़े..,
June 1, 2015 के फेसबुक व वेबस्थल की सार्थक पोस्ट •
१. गुजर आन्दोलन...,
आरक्षण से राष्ट्र का भक्षण..,यह राष्ट्र का
विकास दिवस नहीं ...,पतन दिवस बनते जा रहा है...,
२. रेलवे, छाती पीट रही थी.., हमें हुआ १५० करोड़ से अधिक का
नुकसान.., 326 ट्रेनों को रद्द करना पड़ा.., गुजर दिखा रहें थे अपनी शान..,
३. आज देश के रेल के टिकट, २ महीने पहिले.., आरक्षित
किये यात्रियों के टिकट.तो “आरक्षण की तलवार” से बलि हो गए..,
४. दलालों से गर्दुल्लो ने on –line से, यात्रियों से ५००
- १५०० रूपये डकार लिए.., रेलवे स्टेशन पर यात्री पहुँचने पर
अपने को ठगा महसूस कर, घर से किराये द्वारा स्टेशन में अपना
भारी बोझ से आने जाने का, किराया देकर,,, इस आन्दोलन से अपना माथा पीटने लगा.., कुछ लोगों ने
आशंकित होकर २ दिन पहिले, टिकट रद्द करवाये ताकि अपने २
महीने की मेहनत पर कहीं सरकार, टिकट की २५% रकम से उनकी जेब
न काट लें .
५. जब राजस्था्न हाई कोर्ट ने राज्ये के मुख्य सचिव और डीजीपी को
कड़ी फटकार लगाई और आम लोगों को होने वाली परेशानी का उल्लेकख कर इन्हें खदेड़ने का
आदेश दिया.., किया.
तो उल्ट सरकार ने इस आरक्षण को मान्यता देकर.., देश के
प्रतिभाओं को अँधेरे में डालकर .., एक भयावह भविष्य में ढकेल
दिया
६. दोस्तों रेल्वे का तो १५० करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ.., लेकिन देशवासियों के समय की हानी के मुआवजे का
लेखा -जोखा देखा जाय तो यह, १५०० करोड़ से अधिक का है..,
इसके लिए सरकार ने कोई हामी नहीं भरी..,
७. लोगों के यात्राओं से हताशा व नए बजट के सर्विस टैक्स व दलालों
के, पुन: भोज के
जोश, से, यात्री हताश व अपने भाग्य पर
रो रहा है.. मेरे उमंग की तरंग, देश की पटरी के शासकों के
पंटरों की बलि चढ़ गई है...
८. याद रहें २०१० में,
इस आन्दोलन ने ४ महीने के विकराल रूप ले ..., देश
की अर्थव्यस्था को चूर करने में अहम् भूमिका निभाई थी.., जब
उत्तरी भाग के बिजली संयंत्रो को, रेलवे ढुलाई से कोयला न
मिलने से, बंद होने की कगार से, देश को
२५ हजार करोड़ से कई गुना ज्यादा नुकसान हुआ...,और देसवासियो
के ४ महीने से ज्यादा तक महरूम रहे
९. यह राष्ट्र का विकास दिवस नहीं ...,पतन दिवस बनते जा रहा है...,
कहीं शिक्षा घोटाला,
-अभी का ताजा शिक्षा व्यापार का मध्य प्रदेश सरकार के संस्कार से
व्यापम घोटाला, जो धनाढ्य व मंत्री , नौकरशाही
वर्ग के पास मुन्ना भाई M.B.B.S. (महान भारत भ्रष्टतम सेवा)
का लाईसेंस ( LIE –SENSE –झूठ का यंत्र ) व शहरी दलितों के
दल-हित के वोट बैंक के नाम से क्रीमी लेयर से , सत्ता की
माखन हांडी में अधिकार..., व देश के सुदूर इलाकों के गरीबों
/दलितों का बहिष्कार
१०. यह राष्ट्र का शर्म है कि मध्य प्रदेश सरकार के कार्यकाल में “व्यापम घोटाला” में शामिल
राज्यपाल जो संविधान के मसीहा बने हैं. इस घोटाले ने राज्यपाल के पुत्र की
आत्महत्या व ४० से ज्यादा लोगों की ह्त्या होने के बाद भी मध्य प्रदेश सरकार के GOVERNOR
, आज भी गर्व-कर देश के संविधान को सुशोभित कर रहें हैं.
.
११. आज इसी आड़ में ...???,
देश का हर दिन ..., प्रतिभा का भक्षक दिवस है ,
आरक्षण से राष्ट्र का भक्षण हो रहा है, कंहा
गई... गुरुकुल की परंपरा, जब गुरु की शिक्षा से, विधार्थी के कुल परिवार का उद्धार होता था ...??? , आज
का शिक्षण, घर बार बेचकर , बेरोजगारी से
एक उधार करण की नीति है..
..
१२. आज शिक्षा व्यवस्था मे सुपर 30 वाले, गुरु कहां गायब हो गए
है...????, बिहार के आनन्द कुमार, जो
दिन मे पढ़ते थे, और घर चलाने के लिए, शाम
को माँ के बनाए पापड़ बेचते थे... यह राजनेताओ को एक झापड़ /थप्पड़ है और सिद्ध कर
दिया कि, दलित के नाम पर वोट बैक के नाम पर दल-हित से ज्यादा
नेताओ का स्वहित ज्यादा है .
..
१३. आनन्द कुमार,
जिन्होने ने हर धर्म जाती की प्रत्तिभा को निखार कर दुनिया मे हलचल
कर दी है, आज जापान जैसा देश उनके पढ़ाने की कला से प्रभावित
हो कर, एक पुस्तक प्रकाशित कर , उनका
अनुसरण कर रहा है, आनंद ने कहा है आज के छात्र , शिक्षा को खरीद कर, पैसे की चमक मे..., मृगतृष्णा की तरह भाग रहे है... आज 1000 छात्रो मे 5
छात्र ही शिक्षक बनते है. , जिसके वजह से
अकुशल शिक्षकों के, आधा अधूरा ज्ञान से , बैलगाड़ी की तरह, देश की प्रतिभा चल रही है.
१४. और ऊपर से आरक्षण का तड़का , इस झांसे मे देश भटका ...याद रहे संविधान मे पहली
बार दलित व पिछड़े जाती को 22.5% आरक्षण... 10 सालो के लिए उपलब्ध कराया गया था , बाद मे 33%
और आज तो इसे दल-हित (दलित) मानकर , और आज यह 49%
तक पहूंच गया है.
१५. यह तो सुप्रीम कोर्ट का अहसान माने कि उन्होने धर्मो के नाम पर
आरक्षण को खारिज कर दिया है ,
नही तो आज, यह 100% आरक्षण
भी कम होता , देश मे आरक्षण के नाम पर हजारों नये विद्धालाय,
महाविद्धालाय बनाने पड़ते, दोस्तों...???
यह वोट बैंक के असुरों का, यह राष्ट्र का
भक्षण है
१६. आनन्द, आज, आप... और... केवल आप ही ... देश के पतिभाओ के
लिए एक सुपर आनन्द हो .... आनन्द कुमार की प्रसिद्धि सुपर-३० की अद्वितीय सफलता के
लिए है.
१७. वर्ष २००९ में पूर्व जापानी ब्यूटी क्वीन और अभिनेत्री नोरिका
फूजिवारा ने सुपर 30 इंस्टीट्यूट पर एक डाक्यूमेंट्री फिल्म भी बनाई थी. इसी वर्ष नेशनल
जियोग्राफिक चैनल द्वारा भी आनंद कुमार के सुपर ३० का सफल संचालन एवं नेतृत्व पर
डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाई गई थी.
१८. समाज के गरीब तबके के बच्चों को आईआईटी जेईई की प्रवेश परीक्षा
के लिए मुफ्त तैयारी कराने वाले गणितज्ञ आनंद कुमार को प्रसिद्ध यूरोपीय पत्रिका
फोकस ने असाधारण लोगों की सूची में शुमार किया है। पत्रिका के आलेख में लिजा दे
क्यूकेलियर ने लिखा है कि आनंद असली जुझारू नायक की तरह हैं, जो माफिया की धमकी के बावजूद गरीब बच्चों को ज्ञान
दे रहे हैं। उन्होंने 330 बच्चों को अपने मार्गदर्शन में
आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में सफलता दिलाई है। लोकप्रिय विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इतिहास, स्वास्थ्य
और सामाजिक विषयों पर रोचक और ज्ञानवर्धक आलेख प्रकाशित करने वाली इतालवी पत्रिका
ने अपने एक लेख में आनंद को असाधारण प्रतिभाओं में शुमार किया है.---------------
म्मम्मम्मम
आरक्षण की आग., देश रहा है.., हांफ..., महंगाई निकाल रही है जनता का भाप..,
आरक्षण के मसीहा, इस दंश के पाप से, अपने को कह रहें हैं, देश का बाप.., आप ..बाप.., पाप..खाप .., पार्टियों
के श्राप से देश लहुलूहान.., फिर भी सत्ताखोरों के अपने “अच्छे दिनों” के झांसे से “मेरा
देश महान”..., प्रतिभाओं के कच्छे पहिनने के दिन आ रहें
हैं..,
१. छुवा-छुत/आरक्षण को कछुवा बनाकर संविधान की आड़ से हमारे सत्ताखोरों ने १० सालों के 22.५% प्रायोगिक तौर के ”पर” प्रयोजन से , इन कछुओं की मोटी खालों को अपना ढाल बनाकर सुरक्षता पूवर्क वोट बैंक से खरगोशी प्रतिभाओं की खाल निकालकर लहूलुहान कर संविधान का गुण गान कर, पंगु बनाकर, देश को विदेशी हाथ –विदेशी साथ – विदेशी विचार – विदेशी संस्कार से देश को कछुआ चाल से चलाकर, विदेशी कर्ज को मर्ज मानकर , देश को गर्त में डालकर, अब भी गर्वित हैं.
२. अब आरक्षण की तलवार से प्रतिभा के भक्षण की , एक नई धार से, नेताओं के वोट बैंक की दांत की चमक के पैने पन की तस्वीर से, आज देश ऊंचाई को छूने की बजाय “बौना” होते जा रहा है..,
३. अब पटेल आरक्षण की आग पुरे देश में पेटने की तैयारी .., क्या..??, सरकार घुटने टेक देगी.., या देश गुर्जर आन्दोलन की तरह सुलगते, गुजरे जमाने में रहेगा.., सत्ताखोरों की रोटी सेकते रहेगा.., देशवासी अब सकते में है..!!!
४. दोस्तों सत्ता परिवर्तन को आजादी कह.., देश को अशिक्षा से अंधापन कर .., अंग्रेजों के संविधान का अनुसरण कर ०.१% अंग्रेजी बाबुओं की औलादें जो विलायती शिक्षा से अंग्रेजों के संविधान में आस्था की प्रतिज्ञा से खाओ अंग्रेजी , पियों अंग्रेजी सोओ अंग्रेजी , जागो अंग्रेजी, थोपो अंग्रेजी ने विदेशी भाषा से गोरे अंग्रेजों के काले बादल की गुलामी को प्रतीक बनाकर, इस बादल से काले धन की बरसात से मालामाल हो गयें और आम हिन्दुस्तानी अवसाद से बेहाल हो गया है.
५. राख तले चिंगारी के प्रतिभा में पानी फेर कर शिक्षा को कीचड़ बनाकर, देश बदबूदार हो गया है
.
६. सत्ता का एक फंडा है, देश में सत्ताखोरों का एक गोरख़ धंधा है ..,५०% आरक्षण से देश की आधी प्रतिभा गायब, और व्यापम के इस नए प्रकार के तड़के से इस आग में हजारों प्रकार के घोटालों के उत्प्रेरकों देश के ऊतक 30-४०% शिक्षा, अकर्मण्य छात्रों को पिछले दरवाजे से प्रवेश.., जो बचे शेष १०-२०% प्रतिभावान छात्र वे देश के इस मकड़जाल से, अपने अगली पीढी का भविष्य संवारने विदेशों में पलायन कर, अपनी प्रतिभा से विश्व को गौरान्वीत कर रहें हैं
.
७. १९४७ में विश्व के 100 से अधिक देश हमसे पिछड़े थे..,लेकिन अपनी मजबूत इच्छा बल से बिना आरक्षण के, घोंघा चाल से एक दृण मंजिल पाने से, उन्नत देशों की कतार में शामिल हो गयें है..
८. देश के खरगोश आज आरक्षण के जहर से, बेहोश होकर मर रहें हैं., देश का मर्ज, आरक्षण व कर्ज से नहीं, देश के १२५ करोड़ जनता को सम्मान व प्रतिभा के आंकलन से, आगे बढ़ने से ही.., देश आगे बढेगा
१. छुवा-छुत/आरक्षण को कछुवा बनाकर संविधान की आड़ से हमारे सत्ताखोरों ने १० सालों के 22.५% प्रायोगिक तौर के ”पर” प्रयोजन से , इन कछुओं की मोटी खालों को अपना ढाल बनाकर सुरक्षता पूवर्क वोट बैंक से खरगोशी प्रतिभाओं की खाल निकालकर लहूलुहान कर संविधान का गुण गान कर, पंगु बनाकर, देश को विदेशी हाथ –विदेशी साथ – विदेशी विचार – विदेशी संस्कार से देश को कछुआ चाल से चलाकर, विदेशी कर्ज को मर्ज मानकर , देश को गर्त में डालकर, अब भी गर्वित हैं.
२. अब आरक्षण की तलवार से प्रतिभा के भक्षण की , एक नई धार से, नेताओं के वोट बैंक की दांत की चमक के पैने पन की तस्वीर से, आज देश ऊंचाई को छूने की बजाय “बौना” होते जा रहा है..,
३. अब पटेल आरक्षण की आग पुरे देश में पेटने की तैयारी .., क्या..??, सरकार घुटने टेक देगी.., या देश गुर्जर आन्दोलन की तरह सुलगते, गुजरे जमाने में रहेगा.., सत्ताखोरों की रोटी सेकते रहेगा.., देशवासी अब सकते में है..!!!
४. दोस्तों सत्ता परिवर्तन को आजादी कह.., देश को अशिक्षा से अंधापन कर .., अंग्रेजों के संविधान का अनुसरण कर ०.१% अंग्रेजी बाबुओं की औलादें जो विलायती शिक्षा से अंग्रेजों के संविधान में आस्था की प्रतिज्ञा से खाओ अंग्रेजी , पियों अंग्रेजी सोओ अंग्रेजी , जागो अंग्रेजी, थोपो अंग्रेजी ने विदेशी भाषा से गोरे अंग्रेजों के काले बादल की गुलामी को प्रतीक बनाकर, इस बादल से काले धन की बरसात से मालामाल हो गयें और आम हिन्दुस्तानी अवसाद से बेहाल हो गया है.
५. राख तले चिंगारी के प्रतिभा में पानी फेर कर शिक्षा को कीचड़ बनाकर, देश बदबूदार हो गया है
.
६. सत्ता का एक फंडा है, देश में सत्ताखोरों का एक गोरख़ धंधा है ..,५०% आरक्षण से देश की आधी प्रतिभा गायब, और व्यापम के इस नए प्रकार के तड़के से इस आग में हजारों प्रकार के घोटालों के उत्प्रेरकों देश के ऊतक 30-४०% शिक्षा, अकर्मण्य छात्रों को पिछले दरवाजे से प्रवेश.., जो बचे शेष १०-२०% प्रतिभावान छात्र वे देश के इस मकड़जाल से, अपने अगली पीढी का भविष्य संवारने विदेशों में पलायन कर, अपनी प्रतिभा से विश्व को गौरान्वीत कर रहें हैं
.
७. १९४७ में विश्व के 100 से अधिक देश हमसे पिछड़े थे..,लेकिन अपनी मजबूत इच्छा बल से बिना आरक्षण के, घोंघा चाल से एक दृण मंजिल पाने से, उन्नत देशों की कतार में शामिल हो गयें है..
८. देश के खरगोश आज आरक्षण के जहर से, बेहोश होकर मर रहें हैं., देश का मर्ज, आरक्षण व कर्ज से नहीं, देश के १२५ करोड़ जनता को सम्मान व प्रतिभा के आंकलन से, आगे बढ़ने से ही.., देश आगे बढेगा
1. 1. आरक्षण .., यह डूबते देश की कहानी है..,
कहते है
चु.XXXXXX..या...,
चला गया, औलाद छोड़ गया ... १९४७ की नीती से मीडिया..,
माफिया..सत्ताखोरों
ने इस देश की सत्ता को मेवा मानकर..,
बंदरबाट
से , महलों से अपनी मंजिल बड़ा रहें हैं
2. ब्रिटिशों
ने सत्ता परिवर्तन की शर्त पर.., कांग्रेस को “आरक्षण” से सत्ता दी, देश के प्रतिभाशाली क्रांतीकारियों को देशद्रोहीयों की काली सूची में डाल
दिया.., सुभाष चन्द्र बोस की जिदा या मरी लाश लाने का भी सौदा कर गये.
3. आजादी के झांसे से जनता को भरमाया गाया..., देश का वासी राष्ट्रवादी बनकर एक नए सांस से देश “आराम हराम” के नारे से देश को गर्वित कर समर्पित भाव से सेवा के लिए तत्पर था
4. लेकिन,सत्ता के अय्याशों ने साईकिल घोटाले के आयाम से देश के जवानों की साईकिल चाल के कदम को भी बाँध दिया.., देश में नए,शिक्षा के संस्थानों बनाने के बजाय , दिल्ली में पांच सितारा होटल बनाकर, देश की शान बढ़ाने के दावे के दांव से अपनी सत्ता को जातिवाद के आरक्षण को “हार की लड़ी” बनाकर १० वर्षों तक आरक्षण का जाल फेंका ...
5. आज इसे संवैधानिक हक़ बनाकर ५०% आरक्षण से सत्ता में साड्डा हक़ कह कर ., वोट की चोट से देश आहत है...
6. अच्छे दिन की पहले से मौजूद मध्य प्रदेश सरकार ने, शिक्षा का व्यापारीकरण कर कर्णता से “व्यापम घोटालों” से M.P.गजब है.., के विज्ञापनों से, प्रदेश की प्रतिभाओं को गायब कर दिया
7. यह राष्ट्रीय शर्म है कि मध्य प्रदेश सरकार के कार्यकाल में “व्यापम घोटाला” में शामिल..मुख्यमंत्री व उनके पिल्लू ने देश की मिट्टी पलीद कर दी है..., राज्यपाल “राम नरेश यादव” जो संविधान के मसीहा बने हैं. इस घोटाले ने राज्यपाल के पुत्र की आत्महत्या व ४० से ज्यादा लोगों की ह्त्या होने के बाद भी मध्य प्रदेश सरकार के GOVERNOR , आज भी गर्व-कर देश के संविधान को सुशोभित कर रहें हैं..
8. राजस्थानसरकार ने भी गुजर आरक्षण के सहमती से अपनी शान बढाने का, इस का दानव बनकर,मानवता का दांव किया है..
9. महाराष्ट्र में ६ लाख फर्जी छात्रों के नाम से सत्ता के दर्जी .., बेशर्म.., बनकर देश की नई तस्वीर के कपड़े बनाने वालों ने, आज की उभरती प्रतिभाओं .., यों कहें, प्रतिबन्ध लगाकर नंगा कर दिया है..
10. देश में निम्न / उच्च शिक्षा संस्था का खेल ५०% आरक्षण , ४०% धन बल से काले दानदाताओं के बच्चों को प्राथमिकता , १०% से भी कम देश के प्रतिभाशाली छात्र जिन्हें बिना धन के प्रवेश मिलता है..,वह देश के बेरंग शिक्षा व्यवसाय से लड़ने में असमर्थ पाकर विदेश में पलायन कर, विश्व के देशों को उन्नत बना रहा है...
दोस्तों डूबते देश को डूबाने वालों की लम्बी कहानी है..., सत्ताखोरों को, इन्ही माफिया तंत्र ने कसीदे पढ़कर.., उन्हें मसीहा कहा है...,
डूबते देश में, इन मसीहाओं को, माफियाओं के समूह कसाई बनकर, बेवफाई से देश को लूटकर डूबा दिया है ..,
देश में घोटालों की बहार..., बहारों फूल बरसाओं के नारों से.., विदेशी मह्बूब आया है, से .., मेरा भारत महान , शायनिंग , भारत निर्माण से अच्छे दिनों से “अच्छी तारीफ” के अफीमी नारों से देश वासियों को ६६ सालों तक सुला कर रखा है... (१९ महीने के “जय जवान –जय किसान के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नारे को छोड़कर)
इस फेस बुक व वेबस्थल का स्लोगन है Let's not make a party but become part of the country. I'm made for the country and will not let the soil of the country be sold.
देश.., आरक्षण के कछुवा चाल के छल से, घोंगा बनकर पोंगा हो गया.., विश्व के घोंघा देश राष्ट्रवादी शक्ति से विश्व में सर्वोपरी बनने के रेस में दौड़ लगा रहें है.
3. आजादी के झांसे से जनता को भरमाया गाया..., देश का वासी राष्ट्रवादी बनकर एक नए सांस से देश “आराम हराम” के नारे से देश को गर्वित कर समर्पित भाव से सेवा के लिए तत्पर था
4. लेकिन,सत्ता के अय्याशों ने साईकिल घोटाले के आयाम से देश के जवानों की साईकिल चाल के कदम को भी बाँध दिया.., देश में नए,शिक्षा के संस्थानों बनाने के बजाय , दिल्ली में पांच सितारा होटल बनाकर, देश की शान बढ़ाने के दावे के दांव से अपनी सत्ता को जातिवाद के आरक्षण को “हार की लड़ी” बनाकर १० वर्षों तक आरक्षण का जाल फेंका ...
5. आज इसे संवैधानिक हक़ बनाकर ५०% आरक्षण से सत्ता में साड्डा हक़ कह कर ., वोट की चोट से देश आहत है...
6. अच्छे दिन की पहले से मौजूद मध्य प्रदेश सरकार ने, शिक्षा का व्यापारीकरण कर कर्णता से “व्यापम घोटालों” से M.P.गजब है.., के विज्ञापनों से, प्रदेश की प्रतिभाओं को गायब कर दिया
7. यह राष्ट्रीय शर्म है कि मध्य प्रदेश सरकार के कार्यकाल में “व्यापम घोटाला” में शामिल..मुख्यमंत्री व उनके पिल्लू ने देश की मिट्टी पलीद कर दी है..., राज्यपाल “राम नरेश यादव” जो संविधान के मसीहा बने हैं. इस घोटाले ने राज्यपाल के पुत्र की आत्महत्या व ४० से ज्यादा लोगों की ह्त्या होने के बाद भी मध्य प्रदेश सरकार के GOVERNOR , आज भी गर्व-कर देश के संविधान को सुशोभित कर रहें हैं..
8. राजस्थानसरकार ने भी गुजर आरक्षण के सहमती से अपनी शान बढाने का, इस का दानव बनकर,मानवता का दांव किया है..
9. महाराष्ट्र में ६ लाख फर्जी छात्रों के नाम से सत्ता के दर्जी .., बेशर्म.., बनकर देश की नई तस्वीर के कपड़े बनाने वालों ने, आज की उभरती प्रतिभाओं .., यों कहें, प्रतिबन्ध लगाकर नंगा कर दिया है..
10. देश में निम्न / उच्च शिक्षा संस्था का खेल ५०% आरक्षण , ४०% धन बल से काले दानदाताओं के बच्चों को प्राथमिकता , १०% से भी कम देश के प्रतिभाशाली छात्र जिन्हें बिना धन के प्रवेश मिलता है..,वह देश के बेरंग शिक्षा व्यवसाय से लड़ने में असमर्थ पाकर विदेश में पलायन कर, विश्व के देशों को उन्नत बना रहा है...
दोस्तों डूबते देश को डूबाने वालों की लम्बी कहानी है..., सत्ताखोरों को, इन्ही माफिया तंत्र ने कसीदे पढ़कर.., उन्हें मसीहा कहा है...,
डूबते देश में, इन मसीहाओं को, माफियाओं के समूह कसाई बनकर, बेवफाई से देश को लूटकर डूबा दिया है ..,
देश में घोटालों की बहार..., बहारों फूल बरसाओं के नारों से.., विदेशी मह्बूब आया है, से .., मेरा भारत महान , शायनिंग , भारत निर्माण से अच्छे दिनों से “अच्छी तारीफ” के अफीमी नारों से देश वासियों को ६६ सालों तक सुला कर रखा है... (१९ महीने के “जय जवान –जय किसान के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नारे को छोड़कर)
इस फेस बुक व वेबस्थल का स्लोगन है Let's not make a party but become part of the country. I'm made for the country and will not let the soil of the country be sold.
देश.., आरक्षण के कछुवा चाल के छल से, घोंगा बनकर पोंगा हो गया.., विश्व के घोंघा देश राष्ट्रवादी शक्ति से विश्व में सर्वोपरी बनने के रेस में दौड़ लगा रहें है.
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