Sunday, 28 October 2018

YES I CAN..., YES MODI DID IT…, मोदीजी तुस्सी ग्रेट हो.., C.M से P.M के सफ़र में अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में नरेन्द्र मोदी ने ३१ अक्टूबर २०१३ को सरदार पटेल की मूर्ति के शिलान्यास से उद्घाटन का सफ़र देश के प्रधानमंत्री के रूप में ३१ अक्टूबर २०१८ को विश्व के सबसे ऊंची मूर्ती का उद्घाटन से १८२ मीटर जिसने वर्तमान चीन के स्प्रिंग टेम्पल बुद्ध १५२ मीटर व मायाम्नार म्यांमार की १२० मीटर व जापान की तीसरी ऊंची ११६ मीटर की मूर्तियों को मात देनी की तैयारी है.




YES I CAN..., YES MODI DID IT…,  
मोदीजी तुस्सी ग्रेट हो.., C.M से P.M के सफ़र में अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में नरेन्द्र मोदी ने ३१ अक्टूबर २०१३ को सरदार पटेल की मूर्ति के शिलान्यास से उद्घाटन का सफ़र देश के प्रधानमंत्री के रूप में ३१ अक्टूबर २०१८ को विश्व के सबसे ऊंची मूर्ती का उद्घाटन से   १८२ मीटर जिसने वर्तमान चीन के स्प्रिंग टेम्पल बुद्ध १५२ मीटर व मायाम्नार म्यांमार की १२० मीटर व जापान की तीसरी ऊंची ११६ मीटर की मूर्तियों को मात देनी की तैयारी है.

इस कार्य में आधुनिक तकनीकी से इस मूर्ती को देखने वाले सैलानियों से इसमें खर्च ३००० करोड़ रूपये भी चंद सालों में प्राप्त हो कर.., सच में मोदीजी ने देश को विश्व इतिहास के मानचित्र में लाकर दिखा दिया की ५६२ देशी रियाशतों को शास्वत रूप से एकजूट कर देश में मिलाकर, देश को एकजुट रखने वाले एक और केवल एक ही सरदार पटेल ही इस देश का गौरव थे .., गौरव हैं.., गौरव रहेंगे..

एकता की इस मूर्ती “स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी” जो राष्ट्रीय गौरव व एकता का प्रतीक है , और इस मूर्ती में तकनीती के निर्माण से भारत के शिल्पकारों / इंजीनियरिंग / परियोजनाओं प्रबंधन क्षमताओं  के कौशल का सम्मान व लोहा विश्व को मानना पड़ा.
  

याद रहे नेहरू से पूर्व प्रधानमंत्रियो तक की शिलान्यास की योजनाओं से देश के धन का सत्यानाश ही हुआ है, आज भी बहुत सी योजनायें देश के  धन को डकार कर सुरसा की तरह मूंह फैलाकर और धन की गुहार से मरणासन्न स्थिति में है.., जो देश की लुंज पुंज नौकरशाही से मफियाशाही के गठ जोड़ का मजबूत बंधन बना हुआ है  

वेबस्थल व फेसबुक की July 7, 2014 की पुरानी पोस्ट 

र्स्स्सी जल गई बल नहीं गया..., कभी आरक्षण के भक्षण से,कभी शिवाजी की प्रतिमा के झांसे से प्रदेश जीतने का हौवा खडा कर. महाभ्रष्ट प्रदेश के काले कौवों के संगठित दलों की कविता है....

पहले मिलाप व आलाप की..., यह देश के ६७ सालों की राजनीती से भ्रष्टाचार की ROCK-NITI, चट्टानी नीती के प्रतिस्पर्धा से देश को लूटने की कहानी है...

इस आड़ में सभी थाली के चट्टे ..., बट्टे , देश के पट्टे (खान खदान,ईमान ) बेचकर , देश की साख को बट्टा लगाने की कसाईपना की कोई कसर नहीं छोड़ रहें है...,

क्योंकि इनके ऊपर क़ानून का नहीं असर.., तो क्यों न रहें.., ये अग्रसर...

अब आदर्श मंजिला महाघोटालों के अपने आदर्शों से छत्रपति शिवाजी महाराज की दुनिया में सबसे ऊंची मूर्ती १ हजार करोड़ रूपये से अधिक खर्च कर बनायेंगे.. क्योंकि नरेंद मोदी ने ६ माह पहले इस तरह की घोषणा की थी कि 

मैं,गुजरात में, देश के जवानों व किसानों की माटी के लोहे से एफिल टावर से ऊंची व मजबूत सरदार पटेल की मूर्ती बनवाऊंगा .

दोस्तों.., इस छत्रपति शिवाजी के पुतले के पीछे २१ शताब्दी के महा भ्रष्टाचार का पुतला छुपा है...

देश के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की पुस्तक भारत एक खोज से..., साईकिल घोटाले की खोज हुई थी,

प्रधानमंत्री ने तो डॉक्टर बनकर ..., नेहरू की पुस्तक को पढ़ाकर व अनुसंधान करवाकर, इसे अपने कार्यकाल में भ्रष्टाचार की नयी नयी खोजों में परिवर्त्तीत कर अपने विधार्थीयों को देश की अर्थी बनाने की कल्पनाएं दी ...

इस २१वी सदी के महाभ्रष्ट पुतले ने शिवाजी के विचारों को क्षीर्ण कर दिया है..

आज महाराष्ट्र देश का महाभ्रष्ट राज्य की सूची में अव्वल है......, नरेन्द्र मोदी ने गुजरात में सरदार पटेलके पुतले बनाने की क्या घोषणा कर दी ..

महाराष्ट्र के आदर्श भ्रष्टाचारी नेता , भ्रष्टाचार के तिल में समाते.., तिलमिलाये गए, और अब भ्रष्टाचार को आपस में गले लगाकर, ताल और ताली ठोककर , अपने गालों की लाली से, भारत निर्माण के नारों से नारों से अब पुतले निर्माण के आड़ में , मराठा आरक्षण के पराठे से ७२% की सीमा लांघ दी है..., इनका वश चले तो ये १००% की आरक्षण नीती से देश को बर्बादी में झोंकने में भी कसर नहीं रखेंगें 

 

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