भारत, भार- रत.., बंद बंद बंद .., दूकान बंद , कान बंद – दोनों कान बंद.., मकान .., दोनों कानों के मध्ये.., नाक से जुबान बंद है..,
शासक से विरोधी दल जब तक सत्ता
में रहा चूसक है.., गरीबों के अरमानों के घरों को महंगे disel से दिल को जला कर .., देश वासियों मुफ्त में घर
देने की झांसे से देश एक अंधेरी लोकतंत्र की गुफा में प्रवेश कर रहा है ..
जिस देश में पेट्रोल व शराब की
अर्थव्यस्था से देश संभल रहा है तो उस देश का आलम क्या होगा.., जहां अमीरों की रात
हो रंगीली व दिन में हों तारों की चमक...,
उस देश में गरीबों को ७२ सालों
से सूरज नहीं दिखा उस बुढ़ापे के लोकतन्त्र का हश्र क्या होगा...,
जब विदेशी हाथ.., विदेशी साथ...,
विदेशी विचार.., विदेशी संस्कार की पतवार
से देश की नाव / नांव चले तो उस देश का
आलम क्या होगा..,
भारत बंद के ७२ सालों के आलाप
से हे देश तेरा क्या होगा.., क्रांती /इन्कलाब के छद्म नारों से देश के गरीबों को
उनके पसीनों से गरीब का दिल पसीज कर उसे ही अब भी क्या ...!!!!, तड़फा ...,तड़फाकर...,
निचोड़े हुए कपड़े की तरह, तार-तार कर .., लोहे
की तारों की कतार में सुखा-सुखा कर मारोगे..!!!...,
क्या अब सु-राज के कृत्रिम घास
से अन्न उगाने का खेल बदस्तूर जारी रखोगें.. जनता जवाब चाहती है .......
२८ मई २०१८ के फेसबुक व वेबसाइट
की रिपोस्ट..!!!!!
चेतो मोदी सरकार.., बजट... तो दूर की कौड़ी.., अभी तेल
कंपनियो की राजनेताओं के चुनावी खेल की तिकड़मबाजी के बाद !!!, गरीबों के लिए बाजू हट…, अभी तक..., सभी सत्ताधारियों का एक और एक ही
ध्येय, यों कहें..., PET –ROLE प्रिय खेल, और DIESEL के भाव बढ़ा कर जनता का दिल जला रहा रहें है...,
भ्रष्टाचार के exercise से एक्साइज
ड्यूटी न हटाने की जिद्द से जनता को कंगाल बनाने की राज्य सरकार मालामाल होकर ..,
एक सोची समझी नियति से जनता के
पैसे डकारने का खेल खेला जा रहा ... विकास के नाम से धन का निकास का यह छुपा खेल
है ..
यदि मनोहर पर्रीकर की गोवा सरकार
पिचले ३ सालों से १५ रूपये लीटर कम कीमत तेल से
विकास कर सकते हैं तो देश के शेष राज्य क्यों नहीं...!!!,
१२ वीं बार पेट्रोल - डीजल में बिना रुके बारम्बार बढ़ोतरी से राज्य सरकारों में धन का अम्बार .., जनता करे गुहार.., मत बनाओं हमें महंगाई का अचार.., से जीवन में अत्याचार ..,
पेट्रोल डीजल अब तक
के उच्च स्तर से ऊंचाई से ७२ सालों के रिकार्ड स्तर से दिन में बना स्टार.., डॉलर देश के रूपये का महंगाई से खिचे
कॉलर..
किसान आत्महत्या कर
रहा है... सीमाओं पर जवानों को मोहरा बनाकर, उनकी हत्या की जा रही है....????,
नोट बंदी से माफिया
विदेशों में भागकर, देश की प्रगती के दरवाजे बंद कर,
अब ..., विदेशी लूटेरों का देश मे स्वागत है,विदेशीयो के धन से, अतिथी विकास भव: के नारो से,
“हो रहा है... भारत निर्माण” / अच्छे
दिनों के राग आलापी नारो मे परिवर्तित कर, सत्ताधारी
मदमस्त हो कर , देशवासियों को भरमा रहे है...
विदेशी पूँजी लेकर
भाग रहे है... विदेशी मुद्रा का भंडार, इन नारो के खर्च से, देश कर्ज के गर्त मे जा रहा है... हम 1991 से मुन्ना मन मोहन की सरकार से भी बदहाल स्थिति मे आ रहे है...???? पेट्रोल के PETROL (PET + ROLE) भाव बढ़ाना,इनका प्रिय खेल .... व डीजल (DISEL- DIL + JAL) के भाव,जनता के, दिल जले से , महंगाई की आग भड़काई
जा रही है,जागों देशवासीयो डूबते देश को बचाओ ....
साभार
www.meradeshdoooba.com (a mirror of india) स्थापना २६ दिसम्बर २०११ कृपया वेबसाइट की ७०० से अधिक प्रवाष्ठियों की यात्रा करें
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