२०१३
के येदुरप्पा ने बी.जे.पी के घर का भेदिया के भ्रष्टाचार से भेड़िया के खाल से
बी.जे.पी. के मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार का ही शिकार कर .., अब २०१८ में बी.जे.पी
ने येदुरप्पा को घर का मुखिया बनाकर लिगायत वोटों का अपनी धारदार दांतों से शिकार
कर कर्नाटक का लूट तंत्र को लोकतंत्र का मंत्र दिया है..
सिद्धारमैया
ने लिंगायत को अलग धर्म का दर्जा से अल्पसंख्यक बनाकर व कर्नाटक का अलग झंडा बनाने
की जिद्द से लोकतंत्र को देश का टूट तंत्र का तोड़ न होने से अब बी.जे.पी ने
येदुरप्पा को भ्रष्टाचार की खाल को भुलाकर अपनी कर्नाटक में एक जीवन नैय्या पार
कराने की यह विधानसभा चुनाव अब लोक सभा चुनाव की पृष्ठभूमि की आखरी कोशिश जारी है
May 29, 2013 की फेसबुक व वेबस्थल की पुरानी पोस्ट
यह व्यंग है, देश का गहरा रंग है, नेताओ के रहने का ढंग है, भेड़िये की खाल अब तो जीवन की ढाल है...????
कर्नाटक
यह शब्द , भ्रष्टाचार का कर-नाटक सिद्ध हुआ है.........???
यह
नाटक, 1947 से शुरु हुआ, जो सत्ता परिवर्तन के
रूप मे हुई थी... और जनता को देश की झूठी आजादी के नाम पर ,, हर राज्य के मंत्री वोट
अलगाववाद, जातिवाद, धर्मेवादव घुसपैठ से
वोट बैक बनाकर, सिर्फे जनता को बताते रहे कि मै सत्तारूढ पार्टी मे, बेहद इमानदार हूँ, और इमानदारी की आड मे
भेड का चोला पहनकर (सिर्फ प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री को छोड कर)
भ्रष्टाचार के दाँतो से आदमखोर बन गये.
भारतीय
जनता पार्टी के शासन काल मे प्रधानमंत्री की आड मे प्रमोद महाजन ने दूर संचार
घोटाले मे भेड़िये का चोला पहनकर 1 हजार करोड से ज्यादा का
घोटाला कर दिया ... जिसे काँग्रेस पार्टी मे उत्प्रेरक का काम किया, छोटे शिकारी के
भ्रष्टाचार की विद्या जान जाने से २ लाख करोड का 2G घोटाला कर दिया.. और
इसके आविष्कारी स्वर्गीय प्रमोद महाजन के चित्र मे बासी माला डालते हुए कहा , ये हमारे गुरू है, पहले उनके भ्रष्टाचार
के चाल चरित्र की छान बीन करो , बाद मे हमारी, हमने तो संवेधानिक
पद्दति से ही निविदाये मंगवाई है...,
याद
रहे इस शिकार मे भ्रष्टाचार की पुरियाँ तलने मे मुख्य भूमिका नीरा राडिया को
बुलाया गया था... वही हाल भारतीय जनता पार्टी के कर्नाटक मे येदिरूप्पा ने
भ्रष्टाचार का हाहाकार मचाया था... भारतीय जनता पार्टी भी दाँवा कर रही थी, केन्द्र सरकार के पैने
दाँत से की तुलना मे येदिरूप्पा के तो अभी दुध के दाँत निकले है.. बोल कर अपनी
सत्ता खोने के डर से प्रोत्साहित करते रही.
रिटायर्ड
न्याय मूर्ति हेगडे की जाँच के बाद भी, भारतीय जनता पार्टी , येदिरूप्पा के दाँत
पैने करने में लगी थी, जब पानी नाक के नीचे
बहने लगा तो आनन फानन मे जगदीश शेट्टार को यह खाल सौंप दी गयी , तब तक पानी सर के ऊपर
बहकर , भारतीय जनता पार्टी की सत्ता भी बह गई.
वही
हाल 2G के बदनाम मंत्री ए.राजा, डी.एम.के. भेडिये की
वजह सरकार को अपनी सत्ता बचाने के लिए, ममता बनर्जी को रेल
मंत्री की खाल पहनानी पडी, असल मे ममता बनर्जी की
नजर, पशिच्म बंगाल के मुख्यमंत्री पद की थी, बंगाल की मोटी खाल
मिलने से , उसने वह खाल, दिनेश त्रिवेदी को पहना
दी, अपनी दो खालो की वजह से वह चिट फंड घोटालो का शिकार करने
के बाद , पशिच्म बंगाल के घाटे मे होने के दाँवे से केन्द्र सरकार
से विशाल वित्त सहायता माँगने लगी, वित्त सहायता न मिलने
से दिनेश त्रिवेदी को रेल किराय बढाने के बहाने खाल निकाल दी, और पवन बंसल ने वह खाल
पहंकर एक विशाल घोटाले मे बदल दिया..
ममता
बनर्जी ने साल मे 12 रसोईगैस के सिलेडरों की धमकी की वजह से समर्थन वापस ले
लिया, मुलायम सिग़ ने भी सी.बी.आई , के काटने के डर से अपनी
खाल देकर, यु.पी की मजबूत खाल से पुत्र व पिता आनंदित है...
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