Wednesday, 31 January 2018

मौलाना मुहम्मद अली गौहर, जिन्होनें कांग्रेस के अध्यक्षीय मंच से अनूसूचित जातियों को हिन्दू व मुसलबानों के बीच बराबर बाँट देने की धर्मांध मांग रखी थी . ३. ये वही थे जिन्होंने गांधी को ‘महात्मा’ कहने से इनकार कर दिया था और खुल्लमखुला घोषणा की थी की “जिस दिन वे गांधी की मुसलबान बना लेंगें, वह दिन उनकी जिन्दगी का सबसे सुनहरा दिन होगा” . ४. ऐसे धर्मांध मौलाना को गांधी ने न केवल प्रगतिशील , देशभक्त ,राष्ट्रीय और खरा सोना कह कर प्रशंसा की थी वरन काग्रेस के अध्यक्ष पद की ऊँचायियो तक ऊपर उठाया था


इतिहास के दबे पन्नों का रहस्य.., (३० जनवरी....!!!, गांधी के तुष्टीकरण से देश के तुकडे करने के ७० सालों का सच )

१. मौलाना मुहम्मद अली गौहर जो एक कट्टर धर्मांध मुसलमान थे , गांधी के अनुरोध पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए., वरन कहना चाहिए गांधी द्वारा मनोनीत किये गए

२. ये वही थे जिन्होनें कांग्रेस के अध्यक्षीय मंच से अनूसूचित जातियों को हिन्दू व मुसलबानों के बीच बराबर बाँट देने की धर्मांध मांग रखी थी .

३. ये वही थे जिन्होंने गांधी को महात्माकहने से इनकार कर दिया था और खुल्लमखुला घोषणा की थी की जिस दिन वे गांधी की मुसलबान बना लेंगें, वह दिन उनकी जिन्दगी का सबसे सुनहरा दिन होगा” .

४. ऐसे धर्मांध मौलाना को गांधी ने न केवल प्रगतिशील , देशभक्त ,राष्ट्रीय और खरा सोना कह कर प्रशंसा की थी वरन काग्रेस के अध्यक्ष पद की ऊँचायियो तक ऊपर उठाया था

५. कांग्रेस का बापू से महात्मा का छद्म सफ़र ...!!!!, एक हास्य.., तुष्टीकरण का जीवंत प्रमाण

मोहम्मद अली गौहर को कांग्रेस .. के गांधी के बारे में व्यक्तव्य के बावजूद से अहिंसासे देश में मुर्दानगी का जीवंत उदाहरण .... 


असहयोग आन्दोलन में तुर्की में अंग्रेजों के मामले में हिंदुस्तानिओं की अस्मिता को त्याग कर मोहम्मद अली गौहर को समर्थन के बावजूद से यह आन्दोलन पुरी तरह से असफल से गांधी की फजीयत से गांधी के नियत का पर्दाफास हुआ ..., और अखंड भारत की जनता का फांस साबित होकर देश के तुकडे हुए .

६. मोहम्मद अली गौहर की मौत के बाद मोहम्मद अली जिन्ना को मुस्लिम लीग के नेता के रूप में बिना संघर्ष से पद मिल कर , गांधी को तुष्टीकरण के जाल में फंसाकर खंडित भारत के पकिस्तान में प्रधानमंत्री का पद मिला 

याद रहे मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज रेलवे टर्मिनल्स के पास आज भी १० किलोमीटर लम्बी रोड मोहम्मद अली गौहर के नाम से है लेकिन इसे सिर्फ मोहम्मद अली रोड से जाना जाता है..., आज मुस्लिम भाइयों को भी इस मोहम्मद अली गौहर की काली करतूत का पता नहीं है वे भी अनभिज्ञ हैं.., जब तह इस रोड का नाम नहीं बदला जाएगा ...., हिन्दुस्तानी अपने देश के इतिहास से अपरिचित बनकर धर्मवाद के चुंगुल में फंसा रहेगा 

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