Wednesday, 6 December 2017

बाबरी मस्जिद मुद्दे पर.... प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने मुस्लिम नेताओं को बुलवाकर स्पष्ट शब्दों में समझाया , देखो.?, आप लोग की संख्या कम है.., मेरे पास पुलिस बल भी नहीं है , इसमें गरीब लोग मारे जायेगे , मै आपकी पसंद के अनुसार, जगह चुनकर, आपको मस्जिद बनवाकर दूंगा .. , मुसलिम नेता भी मान गये थे , तब वहाँ के सुरक्षा दल के एक सिपाही ने यह खबर केन्द्रीय मंत्री शरद पवार से कही , शरद पवार ने राजीव गांधी को भड़काया , यदि यह मुद्दा सुलझ गया तो...???? साम्प्रदायिकता का खेल हमेशा के लिए ख़त्म हो जाएगा , और उसके अगले ही दिन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की कुर्सी खिसक गई .... और भारतीय जनता पार्टी ने राम रथ को सत्ता का रथ बनाया ,


बाबरी मस्जिद – और राष्ट्रवाद, धर्मवाद का शिकार हो गया ...,
बजरंग दल के नेता विनोद कटियार ने कहा , U.P  में मुस्लिम घर वापसी (हिन्दू धर्म अपनाने ) को तैयार हो गए थे व मस्जिद के मुद्दे के प्रति उनकी उदासीनता ही थी व  पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के सुझाव से सहमत होकर अलग थलग पड़े मुस्लिमों में बाबरी मस्जिद का निर्माण विवादित भूमि से अलग दूर किसी जगह में मस्जिद निर्माण की मंजूरी थी.
1984 में भाजपा को भयंकर हार का सामना करना पड़ा था, 543 लोकसभा सीटों में से वह सिर्फ 2 पर विजयी रही थी। जबकि इंदिरा गांधी की हत्या की सहानूभूति लहर पर सवार होने के कारण कांग्रेस ने 401 सीटें जीती थीं। 1984 में भाजपा का मत-प्रतिशत 7.4 था,
राजीव गांधी द्वारा अपदस्थ करने के बाद व पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के इस्तीफे के बाद धर्मवाद से वोट बैंक ख़त्म करने के इस फार्मूला का आधार किसी भी पार्टी को मंजूर नहीं था , भारत के संविधान का वोट बैंक से समाधान ही हर पार्टी का हेतु था ...., परिणाम स्वरुप बीजेपी को छोड़ हर पार्टी ने मुस्लिमों में हिन्दुओं के छद्म आतंकवाद का खफ़ खौफ दिखाकर देश  में बंगलादेशी घुसपैठियों व रोहिंग्या मुसलबानों की भारी घुसपैठ से हिन्दू V/s मुस्लिमों के वोट बैंक को प्रेरित कर ..., ISI के एजेंट को भी शह देकर , २६/११ के मुंबई हमले से अन्य  सैकड़ों दंगों को उत्प्रेरक बना कर भाजपा की विरोधी पार्टियों के गठबंधन बनाके कांग्रेस ने २००४ से २०१४ अबाध व निरंकुश राज किया   लेकिन साल 2014 में अभूतपूर्व सफलता हासिल करते हुए भाजपा ने 335 सीटें हासिल की उस वक्त उनका मत प्रतिशत 30 से ऊपर है। असम में पहली बार भाजपा की सरकार के आसार, सर्वे में मिली पूर्ण बहुमत
वेब स्थल की पुरानी पोस्ट October 12, 2013 

कृपया पूरा पढ़े ..बाबरी मस्जिद / राम मंदिर के खेल का सच.......

१९८४ में राजीव गांधी, अपने नाना जवाहरलाल नेहरू के ३५० सीटों से कहीं ज्यादा सीटे जीती , सिक्खों की ह्त्या को...??? सिक्खों के दंगे कहकर और अपनी माँ के अस्थी कलश को देश भर में घुमवाकर ४०० से ज्यादा सीट झटक कर मिस्टर क्लीन उपाधी से नवाजे गए , देश की जनता को एक बड़ी आस थी , यह प्रधानमंत्री, हमारे देश को २१ वी शताब्दी में ले जाएगा, और उन्होंने जनता को भरमाने के लिए यह नारा भी दिया , लेकिन चंडाल चौकड़ी के घेरे में व उनके पहरे से वे दिशाहीन हो गए , विपक्षी दल की संख्या कम होने से , वह औंधे मुह गिरा हुआ था ...

तब नारायण दत्त तिवारी को साथ लेकर राजीव गांधीने बाबरी मस्जिद को राम मंदिर के शक्ल देने के रूप में ताला खोला , हिन्दुओ के वोट बैंक में डाका डाल कर डकारने के चक्कर में हिंदुओं के मसीहा कहलवाने का खेल खेला..., मिस्टर क्लीन ने इसी आड़ में, अपने इटली के रिश्तेदारों को अमीर बनाने के खेल में बोफोर्स घोटाले में, सत्ता से हाथ धो बैठे ....तब वी.पी . सिंग ने पार्टी से बगावत कर , इसका खुलासा करने के लिए मिस्टर क्लीन की कमीज पहन कर घोषणा की..... मेरा पहला मुद्दा होगा... बोफोर्स घोटाले में देश के भीतरी व विदेशी दलालों से दलाली की रकम वापस लाना.....,और भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से सरकार बना ली , जब वे प्रधानमंत्री बनें तो ... बोफोर्स घोटाला तो कूड़ेदान में चला गया , उन्होंने अपनी सत्ता १० सालों तक सुरक्षित रखने के मकसद से दलित वोट बैंक का, आरक्षण का पत्ता फेक कर... आम्बेडकर जयन्ती को राष्ट्रीय अवकाश की घोषणा कर , मंडल कमीशन की रिपोर्ट, जो इंदिरा गांधी ने दबाकर रखी थी , वह लागू कर दी तो, इसके प्रतिरोध में अनशन की जगह (जो आज तक ऐसा आत्मदाह आन्दोलनदुनिया में कहीं भी नही हुआ है) सैकड़ो छात्रों ने आत्मदाह की कोशिश की और गौतम गोस्वामी व अन्य लोगों की मौत हुई , बाबरी मस्जिद को राम मंदिर के राजीव गांधी के मुद्दे को कमंडल कहकर भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री वी.पी . सिंग की सत्ता ११ महीने में ही पटरी से उतार ली, तब स्वय राजीव गांधी के पास बहुमत नहीं था , चंद्रशेखर के पास ३९ सांसद थे (केन्दीय मंत्री मंडल में ८४ लोगो की जगह थी चंद्रशेखर के पास ३९ सदस्य थे, उन सबकी लाटरी लग गई और वे रातों रात मंत्री बन गए ) , ...बाहर से समर्थन देकर उन्हें प्रधानमंत्री बना दिया गया , और चंद्रशेखर को प्रधानमंत्री बन्ने के बाद देश की आर्थिक स्तिथी का पता चला की जो मेरा भारत महानका नारा था , उसी की आड़ में देश पर कर्ज का भार बढा है, और मजबूरी से उन्हें देश का सोना बेचना पडा
बाबरी मस्जिद मुद्दे पर.... प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने मुस्लिम नेताओं को बुलवाकर स्पष्ट शब्दों में समझाया , देखो.?, आप लोग की संख्या कम है.., मेरे पास पुलिस बल भी नहीं है , इसमें गरीब लोग मारे जायेगे , मै आपकी पसंद के अनुसार, जगह चुनकर, आपको मस्जिद बनवाकर दूंगा .. , मुसलिम नेता भी मान गये थे , तब वहाँ के सुरक्षा दल के एक सिपाही ने यह खबर केन्द्रीय मंत्री शरद पवार से कही , शरद पवार ने राजीव गांधी को भड़काया , यदि यह मुद्दा सुलझ गया तो...???? साम्प्रदायिकता का खेल हमेशा के लिए ख़त्म हो जाएगा , और उसके अगले ही दिन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की कुर्सी खिसक गई .... और भारतीय जनता पार्टी ने राम रथ को सत्ता का रथ बनाया

वही उत्तर प्रदेश मे मुस्लिमों के मसीहा बनकर, मुलायम सिह मुल्लाकी छवि बनाकर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनकर , उत्तर प्रदेश को घोटाले से , साम्प्रदायवाद व घुसपैठीयो को संरक्षण देकर... उल्टा पुल्टा प्रदेश बनाकर अब तक १ लाख करोड़ से ज्यादा के घोटालों के अंजाम देकर ,अब सी.बी.आई.का नाम सुनकर काँप उठते है...मुजफ्फरनगर को मौजपुर बनाकर, अब देश के राम बनकर बहुसंख्यक हिन्दू को एक आस्था के नाम पर, विकास का मुद्दा छोड़कर, भ्रष्टाचार की लूट में अपने पार्टी को रावण की लंका के रूप में विकसित करने का खेल खेल रहे है बाबरी मस्जिद मुद्दे पर.... प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने मुसलिम नेताओं को बुलवाकर स्पष्ट शब्दों में समझाया , देखो.?, आप लोग की संख्या कम है, मेरे पास पुलिस बल भी नहीं है , इसमें गरीब लोग मारे जायेगे , मै आपकी पसंद के अनुसार, जगह चुनकर मस्जिद बनवाऊँगा , मुसलिम नेता भी मान गये थे , तब वहा के सुरक्षा दल के सिपाई ने यह खबर केन्द्रीय मंत्री पवार से कही , शरद पवार ने राजीव गांधी को भड़काया , यदि यह मुद्दा सुलझ गया तो...???? साम्प्रदायिकता का खेल हमेशा के लिए ख़त्म हो जाएगा , उसके अगले ही दिन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की कुर्सी खिसक गई 

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