अन्ना का गन्ना चूसकर अब बिल्ली वाल
.., गिरगिट वाल को भी मात देकर कह रहा है..., अपने को “दिल्ली का बाप”
दोस्तों.., आज तक जितने भी आन्दोलन हुए
है वह देश से जनता के आन का दोहन हुआ है.., जनता के टिफिन पर हाथ साफ़ कर.., सत्ता
कब्जाने का खेल ही साबित हुआ है, लेकिन देश के आन्दोलन में ७० सालों के इतिहास के .., आन्दोलन में गिरगिट की सफलपूर्वक भूमिका से गिरगिट
वाल ने ७० में से ६७ सीटों को जीतकर.., आप पार्टी के संयोजक से योगेन्द्र यादव,
शशीभूषण से शांती भूषण व अन्य लोगों को सत्ता के दूध में “मक्खी” कहकर बाहर फेक दिया ..
व बाकायदा सत्ता की हार को मफलर से बदलकर अपने गले के, खांसी के SOUND BOX को
बंगलुरू में भारी भरकम, रकम से .., बदल कर दिल्ली में भ्रष्टाचार के काले बादल से
अब इस दल-दल में फंसकर भी अब भी अन्ना की लताड़ के बावजूद अपने को कह रहा है “अन्ना
के बाप से दिल्ली का बाप” व शिंगलू कमेटी
को कह रहा हैं झूठा शगूफा..
वेबस्थल व फेस बुक May 11, 2014 की पुरानी पोस्ट ·
कृपया लम्बा लेख जरूर पढ़े.., अन्ना का चूसक.. अब, विदुषक से बना
नौटंकीवाल..., अन्ना का बाप को गांधी भी श्राप देकर कह रहें
है.... अरे कलमुंहे मेरी नीती से देश के टुकड़े हुए..., अब तू
मेरी छवी से काश्मीर को हिन्दुस्थान से अलग करने की साजिस को खेल, बना कर ... विदेशी इशारों से, सत्ता की रेल बना रहा
है...
नौटंकीवाल..., पहले अपने को गुदड़ी का लाल कहकर इस्तीफा देने पर अपने तुलना प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री व साहस से अपने को सरदार भगतसिंग कह कर संसद के प्रधानमंत्री का ख्वाब देख रहा था ,मफलर के चोले में, मखमली सत्ता के छोले के खाने के चक्कर में जनता के थप्पड़ के शोले से अब अहसास हो रहा है कि अब आम आदमी के चोले में ख़ास आदमी छिपा है..अब आम आदमी के थप्पड़ को विरोधीयों का थप्पड़ कहता है
सत्ता के नाम पर छिपा छद्म भेष है..... "आप पार्टी" में बंदरों से ज्यादा मदारी है...,जो सट्टा के नाम पर सत्ता की हैं दावेदारी ,,. सभी मदारी सत्ता के लिए मदहोश है...यह जनता का रोष है... धरने के नाम से “ख़ास धनी घरानों” की मनमानी है ... अपने को लालबहादुर शास्त्री से भगतसिंग कहना एक बचकानी है... भगोड़े से.. पकोड़े खाने के अलगाववाद से कश्मीर की जनता को भरमानी है..., भारत को खंडित कर..., अपने को महामंडित कर.., यह सत्ता के बेलगामी के बेईमानी की कहानी है.
नौटंकी वाला बोले मोदी को महाभ्रष्ट ..., विपक्षी भी इस चुनावी छतरी से सत्ता की छाँव उड़ने के डर से बजरबट्टू बन कर, इस बन्दर बाँट से, लोकतंत्र के पेड़ में बटेर की तरह आशियाना ढूढने की तलाश है..
दिल्ली की सरकार बनने से पहले ...,आप में बगावत, भ्रष्टाचार के बाग़ में दावत, बिन्नी ने कांग्रेस के ४० साल से अपराजेय वालिया के बाल से खाल निकालकर उन्हें उसे कांग्रेस गेस के ग्रेस मार्क के, काले बाजार का खालिया बना दिया था व बिन्नी को बन्ना (दुल्हा) न बनाने से , भ्रष्टाचार के दुल्हा ने फेरे लगाने के पहले दहेज (पार्टी में मंत्री) न मिलने से फेरे लगाने से इंकार कर दिया, और कहा आप के लिए मैंने दुल्हन ढूढने के लिए मैंने ९ महीने लगाए , आप की सत्ता के दौलत, मेरी बदौलत है, मैंने आप पार्टी को “माँ” की तरह ९ महीने, मेहनत कर , अपने जिन्दगी के बर्बाद किए है, और आप अब बाप बनकर निकम्मा बन गया है.. और कहा , उसकी कथनी की कथा और करनी के वादों की बरात के बाराती की कथा , प्रेस वार्ता में इसका खुलासा करूंगा कि कैसे…, सभी बाराती सत्ता की शराब पीने के लिए बरात में शामिल हुए है, अन्ना को आन्दोलन का बाप बनाकर “आप” उन्हें “नकली बाप” कहकर अपने को ही “आप” अब “बाप पार्टी” बन गयी है…
जनता के सभी मुद्ह्हे गायब है..., गद्दी की तलाश में , जातिवाद , भाषावाद, अलगाव,आतंकवाद, घुसपैठीयों के खूनी दाग..., जो मुजफ्फरपुर से मौज के पम्पापुर से..., अब मुस्लिम आरक्षण व घोषणाओं के नए दाँव के एक चमकदार कपड़ों में लिपटा कर, खूनी लोकतंत्र के दाग छुपाने का खेल है.., इस शब्दों के पानी में जनता को बहाने का खेल हैं...
सीमापार दुश्मन पाकिस्तान, तालेबान, अलकायदा इडियन मुजाहिद से अब चीन से अमेरीकी जैसे अन्य देश , हमारे देश में अब कंधा रखकर बन्दूक रखने वाले के खात्मे से मोदीफोबीया से त्रस्त है..,
विदेशी धन की बौछार है.., विदेशी देशी माफियाओं के लिए यह अंतिम बहार है....
अब कजरी वाल यह गाना गा रहें है...
बस यही अपराध मैं हर बार करता हूँ....
आम आदमी हूँ, मफलर के चोले से सत्ता के छोलें खाने के लिए ख़ास आदमी से प्यार करता हूँ...
एक अनोखा बन गया हूँ दुनिया के मेले में
मैं खेलूं फुटपाथ पर ..., भीड़ देखें अकेले में
मुस्कुरा कर भेंट हर स्वीकार करता हूँ
आदमी हूँ ख़ास आदमी से प्यार करता हूँ ...
मैं अपना जीवन बनाना चाहता हूँ... स्वर्ग धरती पर
आम आदमी जिस में रहे बस आम आदमी बनकर
उस नगर की हर गली तैय्यार करता हूँ
आम आदमी हूँ खास आदमी से प्यार करता हूँ ...
हूँ बहुत नादान करता हूँ ये नादानी
बेच कर, आम आदमी के आँख का पानी
खुशियाँ खरीदूँ
हाथ खाली हैं मगर..., मफलर से मखमली सत्ता का व्यापार करता हूँ
आम आदमी हूँ, ख़ास आदमी से प्यार करता हूँ...
भ्रष्टाचार के बाग़ में दावत से बगावत करवाता हूँ मैं, बन्ना (दुल्हा) बनने के लिए, विनोदी बिन्नीयों से खिलवाड़ करता हूँ......,
केजरीवालजी, “आप” कही बाबाजी का ठुल्लु न कहलाये...???
केजरीवाल यह राजनीती है..., आपके IIT की तरह है, गलत काम करने पर, इस राजनीती में , यहाँ भी आपकी MINUS MARKING होगी ... इसलिए राष्ट्रवाद के पेन से आप परिक्षा दोगे तो पास हो जाओगे , यदि इस पेन से आप धर्मवाद , जातिवाद , व आतंकवादियों की सहानूभूति व राष्ट्रीय सुरक्षा को नजर अंदाज कर, काश्मीर को देश से अलग करने का,नेहरू से आज तक के कांग्रेसी नताओं की तरह उत्तर लिखोगे तो..., कांग्रेस, जो, ६६ सालों के बाद,..., धर्मवाद , जातिवाद , व आतंकवादियों की सहानूभूति के रेस से अब, तो लुप्त हो रही है ... उसका अनुसरण कर, दिल्ली में भीगी बिल्ली बनकर “आप”, आम आदमी के लिए खिल्ली न बन जाओं..
जागो देशवासियों हम राष्ट्रवाद की धारा मे आकर.., डूबते देश को बचायें ॥ सीमा पार दुश्मन भी चाह रहे है हम आपसी लड़ाई से कमजोर हो जाये ताकि हमे सफलता आसानी से प्राप्त हो...
नौटंकीवाल..., पहले अपने को गुदड़ी का लाल कहकर इस्तीफा देने पर अपने तुलना प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री व साहस से अपने को सरदार भगतसिंग कह कर संसद के प्रधानमंत्री का ख्वाब देख रहा था ,मफलर के चोले में, मखमली सत्ता के छोले के खाने के चक्कर में जनता के थप्पड़ के शोले से अब अहसास हो रहा है कि अब आम आदमी के चोले में ख़ास आदमी छिपा है..अब आम आदमी के थप्पड़ को विरोधीयों का थप्पड़ कहता है
सत्ता के नाम पर छिपा छद्म भेष है..... "आप पार्टी" में बंदरों से ज्यादा मदारी है...,जो सट्टा के नाम पर सत्ता की हैं दावेदारी ,,. सभी मदारी सत्ता के लिए मदहोश है...यह जनता का रोष है... धरने के नाम से “ख़ास धनी घरानों” की मनमानी है ... अपने को लालबहादुर शास्त्री से भगतसिंग कहना एक बचकानी है... भगोड़े से.. पकोड़े खाने के अलगाववाद से कश्मीर की जनता को भरमानी है..., भारत को खंडित कर..., अपने को महामंडित कर.., यह सत्ता के बेलगामी के बेईमानी की कहानी है.
नौटंकी वाला बोले मोदी को महाभ्रष्ट ..., विपक्षी भी इस चुनावी छतरी से सत्ता की छाँव उड़ने के डर से बजरबट्टू बन कर, इस बन्दर बाँट से, लोकतंत्र के पेड़ में बटेर की तरह आशियाना ढूढने की तलाश है..
दिल्ली की सरकार बनने से पहले ...,आप में बगावत, भ्रष्टाचार के बाग़ में दावत, बिन्नी ने कांग्रेस के ४० साल से अपराजेय वालिया के बाल से खाल निकालकर उन्हें उसे कांग्रेस गेस के ग्रेस मार्क के, काले बाजार का खालिया बना दिया था व बिन्नी को बन्ना (दुल्हा) न बनाने से , भ्रष्टाचार के दुल्हा ने फेरे लगाने के पहले दहेज (पार्टी में मंत्री) न मिलने से फेरे लगाने से इंकार कर दिया, और कहा आप के लिए मैंने दुल्हन ढूढने के लिए मैंने ९ महीने लगाए , आप की सत्ता के दौलत, मेरी बदौलत है, मैंने आप पार्टी को “माँ” की तरह ९ महीने, मेहनत कर , अपने जिन्दगी के बर्बाद किए है, और आप अब बाप बनकर निकम्मा बन गया है.. और कहा , उसकी कथनी की कथा और करनी के वादों की बरात के बाराती की कथा , प्रेस वार्ता में इसका खुलासा करूंगा कि कैसे…, सभी बाराती सत्ता की शराब पीने के लिए बरात में शामिल हुए है, अन्ना को आन्दोलन का बाप बनाकर “आप” उन्हें “नकली बाप” कहकर अपने को ही “आप” अब “बाप पार्टी” बन गयी है…
जनता के सभी मुद्ह्हे गायब है..., गद्दी की तलाश में , जातिवाद , भाषावाद, अलगाव,आतंकवाद, घुसपैठीयों के खूनी दाग..., जो मुजफ्फरपुर से मौज के पम्पापुर से..., अब मुस्लिम आरक्षण व घोषणाओं के नए दाँव के एक चमकदार कपड़ों में लिपटा कर, खूनी लोकतंत्र के दाग छुपाने का खेल है.., इस शब्दों के पानी में जनता को बहाने का खेल हैं...
सीमापार दुश्मन पाकिस्तान, तालेबान, अलकायदा इडियन मुजाहिद से अब चीन से अमेरीकी जैसे अन्य देश , हमारे देश में अब कंधा रखकर बन्दूक रखने वाले के खात्मे से मोदीफोबीया से त्रस्त है..,
विदेशी धन की बौछार है.., विदेशी देशी माफियाओं के लिए यह अंतिम बहार है....
अब कजरी वाल यह गाना गा रहें है...
बस यही अपराध मैं हर बार करता हूँ....
आम आदमी हूँ, मफलर के चोले से सत्ता के छोलें खाने के लिए ख़ास आदमी से प्यार करता हूँ...
एक अनोखा बन गया हूँ दुनिया के मेले में
मैं खेलूं फुटपाथ पर ..., भीड़ देखें अकेले में
मुस्कुरा कर भेंट हर स्वीकार करता हूँ
आदमी हूँ ख़ास आदमी से प्यार करता हूँ ...
मैं अपना जीवन बनाना चाहता हूँ... स्वर्ग धरती पर
आम आदमी जिस में रहे बस आम आदमी बनकर
उस नगर की हर गली तैय्यार करता हूँ
आम आदमी हूँ खास आदमी से प्यार करता हूँ ...
हूँ बहुत नादान करता हूँ ये नादानी
बेच कर, आम आदमी के आँख का पानी
खुशियाँ खरीदूँ
हाथ खाली हैं मगर..., मफलर से मखमली सत्ता का व्यापार करता हूँ
आम आदमी हूँ, ख़ास आदमी से प्यार करता हूँ...
भ्रष्टाचार के बाग़ में दावत से बगावत करवाता हूँ मैं, बन्ना (दुल्हा) बनने के लिए, विनोदी बिन्नीयों से खिलवाड़ करता हूँ......,
केजरीवालजी, “आप” कही बाबाजी का ठुल्लु न कहलाये...???
केजरीवाल यह राजनीती है..., आपके IIT की तरह है, गलत काम करने पर, इस राजनीती में , यहाँ भी आपकी MINUS MARKING होगी ... इसलिए राष्ट्रवाद के पेन से आप परिक्षा दोगे तो पास हो जाओगे , यदि इस पेन से आप धर्मवाद , जातिवाद , व आतंकवादियों की सहानूभूति व राष्ट्रीय सुरक्षा को नजर अंदाज कर, काश्मीर को देश से अलग करने का,नेहरू से आज तक के कांग्रेसी नताओं की तरह उत्तर लिखोगे तो..., कांग्रेस, जो, ६६ सालों के बाद,..., धर्मवाद , जातिवाद , व आतंकवादियों की सहानूभूति के रेस से अब, तो लुप्त हो रही है ... उसका अनुसरण कर, दिल्ली में भीगी बिल्ली बनकर “आप”, आम आदमी के लिए खिल्ली न बन जाओं..
जागो देशवासियों हम राष्ट्रवाद की धारा मे आकर.., डूबते देश को बचायें ॥ सीमा पार दुश्मन भी चाह रहे है हम आपसी लड़ाई से कमजोर हो जाये ताकि हमे सफलता आसानी से प्राप्त हो...
www.meradeshdoooba.com (a
mirror of india) स्थापना २६ दिसम्बर २०११ (Let's not make a
party but become part of the country. I'm made for the country and will not let
the soil of the country be sold.)
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