कृपया
तीनों पोस्ट पढ़ें , उड़ता पंजाब के बाद ऊँची उड़न, उड़ान भरता महाराष्ट्र .., माफियाओं व प्रशासन के
गढजोड़ के पंख कतरने के बजाय इनके पंखों में और पर लगाये जा रहें हैं ...
महाराष्ट्र
के भाजपा के गृह व मुख्यमंत्री देव इंद्र ने इस इंद्र सभा में बिना अपनी भुजा फड़फड़ाये ,मूक सहमती से बड़े बाप की बिगडैल (BIG –
RAIL)औलादों को जमानत दिलवाकर क़ानून को रौद
कर ड्रग माफियाओं के हौसले बुलंद कर दिये हैं
पुलिसिया
भ्रष्टाचार के चलते जहां तेजी से अपराध बढ़ रहें हैं वहीं ड्रग्स के कारोबार को भी
पुलिस व भ्रष्ट एंटी नार्कोटिस विभाग के
अधिकारी ही शह दे रहें हैं जबकि ड्रग के
नशे के लती बन रहें युवाओं का भविष्य दाँव पर लग रहा है .अनेक युवाओं को जरूरत
पूरा करने के लिए अपराधों को भी अंजाम दे रहें हैं ऐसे युवाओं में नौकरशाहों के
बेटो का भी समावेश होता दिख रहा है जो
नासिक में हुई छापमारी के बाद सामने आ रहा है,
इनमें
५ युवा, आईएएस आईपीएस के बेटें हैं जिन्हीने जिन्होंने एक –एक लाख रूपये देकर बार
बालाओं के साथ रंगरेलिया करते पकड़ा गया है .
याद
रहे ५ साल पहिले इसी स्थान पर विश्व एंटी नार्कोटिस दिवस पर १५० से अधिक युवा
युवतियों के साथ महाराष्ट्र का शीर्ष नार्कोटिस अधिकारी भी पकड़ा गया था जो मामला अब रफा दफा होकर वह अधिकारी प्रशासन में बहाल हो
गया ..
यह
है दांस्ता ..., दोस्तों .., देश तो
भ्रष्टाचार के दस्तानों से चल रहा है
कहते हैं, जहां
अपराध बढवाना हो... तो, वहां
पुलिस थाना खुलवा दो..., (फेस बुक
व वेबस्थल की March 12, 2015 ·की
पुरानी पोस्ट)
१. अपराधों
के संरक्षण में माफियाओं के गुनाहों का इल्जाम में, जनता को
फसां कर उसकी गाढ़ी कमाई पर हाथ मारों, जनता को
कानूनी जाल में उलझाकर घर बार उजाड़ दो...
२. आज हर
देशवासी पुलिस थाने में शिकायत करने पर, वहां
उसे ऐसा लगता है कि वह ही मुजरिम है..,,घंटों
तक इन्तजार, पुलिस थाने में पुलिसिया व्यवहार से वह
चकित रहता है ..., जनता की सेवा करने के लिए नियुक्त
अधिकारी भी अपने काम का अहसान दिखाता है..
३. युवाओं
में जोश का आपा दिखाकर.., युवा
विकास का सपना दिखाकर, वोट
पाकर, जनता पर चोट कर, अब
मुख्य मंत्री ने भ्रष्टाचार एक सुनहरा सपना के ख्वाब में , देवेन्द्र
फडनवीस ...., विपक्षीयों पर हौव्वा बनने की बजाए, फडनवीस, बीस से
चार सौ बीस बनकर , भ्रष्टाचार से मंत्रालय व सचिवालय को
इंद्र सभा बना रहें हैं....
४. महाप्रदेश
की महामारी,, हफ्ते से हांफता, भ्रष्टाचार
के कोड़े से लहूलूहान, पानसरे
के पान में माफियाओं की सुपारी, स्वाइन
फ्लू के फ्लो से भ्रष्टाचारियो के फ्लोर में चमक, यही है
सत्ता का दीमक..., टोल चुंगी कर माफ़ करने के वादे..,, को पूरा
न करने के विरोध करने पर माकपा के वरिष्ठ नेता की ह्त्या होने पर.., मंत्रालय
की सुराख (खिड़की) से हत्यारों का सुराग देने वाले को ५ लाख रूपये के इनाम का
आलाप.., अब चमका रहें है अपने सत्ता का चिराग..
५. महाराष्ट्र के देव, मुख्यमंत्री
इन्द्र की इन्द्र सभा में म्याऊं – म्याऊं
के बिल्ली डांस से चूहों द्वारा २२ करोड़ के नशे का व्यापार से मंत्रालय बना
मूत्रालय.. सचिवालय में काम ठप्प कर, अब, शौचालय
बना दिया है..
६. मुम्बई पुलिस में वाहनों में शराब की बोतल व
ड्रग्स ले जाते हुए पुलिस कर्मचारियों को दबोचने के बावजूद फिर से बहाली हो जाती
है..., और तो और कई पुलिस अधिकारी “ड्रग्स” बेचते
भी पकड़े गए हैं
७. रेव पार्टीयाँ भी पुलिस की देखरेख में आयोजित व
कई दफा पुलिस अधिकारीयों द्वारा ड्रग्स की सप्लाई की घटनाए आने के बावजूद मामला
रफा दफा हो गया है...
वही एम्बुलेंस में भी जो ड्रग्स ‘वाहन” का एक सुरक्षित माध्यम है.., ..जिसका काम लोगों को मौत से बचाना है
और वे मौत का सामन ले जाती है
वही एम्बुलेंस में भी जो ड्रग्स ‘वाहन” का एक सुरक्षित माध्यम है.., ..जिसका काम लोगों को मौत से बचाना है
और वे मौत का सामन ले जाती है
८. अब, कानून
पास करने से पहले यह सोचना होगा कि कानून का पालन करने वाली एजेंसियों का हश्र इस
समाज में क्या है? आपकी पुलिस का अपराधीकरण ऐसा है कि
थानों में क्राइम अधिक और बाहर कम है। देश का कोई कानून नहीं है, जिसका
इस्तेमाल पुलिस धन उगाही के लिए न कर रही हो। अपराधियों को संरक्षण देना पुलिस का
मुख्य काम हो गया है। थाने अपराधियों की मैनुफैक्चरिंग की फैक्ट्री बन गए हैं।
इसका सबसे अच्छा प्रमाण यह है कि पुलिस थानों से जो गांव जितने दूर-दराज हैं, वहां
कोई अपराध नहीं है। जहां लोगों ने पुलिस की शक्ल भी नहीं देखी है, वहां घर
में ताले नहीं लगाने पड़ते। वहां जघन्य अपराध नहीं होते या नगण्य होते हैं। जिस
शहर में जितनी पुलिस है और उसके करीब जितने गांव-बस्तियां हैं, उनमें
उतना ही अपराध है। जहां भी अपराध बढ़ाना हो वहां पुलिस थाना बना दीजिए तुरंत
फैक्ट्री चालू हो जाएगी। इसलिए सबसे पहले पुलिस को सुधारें उसके बाद ही कानून
सुधारिए। हमारी अदालतों का भी हाल यही है। वहां ज्यादातर वकील लोगों को नोच लेते
हैं। अपराधी और जज का सीधा ताल्लुक होना चाहिए। न्याय के साथ जब तक वकीलों की
दलाली और मोहताजी जुड़ी रहेगी, कुछ
नहीं होगा। हमारी सरकार को डेढ़ सौ साल बनाई गई अदालती प्रक्रियाओं को बदलने की
गरज नहीं है। अदालतों में जन भाषा का कोई स्थान नहीं है। अंग्रेजों के स्पेलिंग
मिस्टेक को ठीक करने तक की हिम्मत सरकार में नहीं है। जब आपको सत्ता परिवर्तित
हिन्दुस्तान (जिसे सरकार आजाद इंडिया कह कर झूम रही है?) में
प्रशासन चलाने की तहजीब ही नहीं आई तो फिर कानून पर कानून बनाते जाइए, कोई
फर्क नहीं पड़ेगा। ऐसे में यह सोचना होगा कि हर मर्ज की दवा कानून पास करना नहीं
है। पहले कानून के रखवालों को उस लायक बनाना होगा। हमारी पुलिस और न्यायिक
संस्थाएं दोनों ही जनतंत्र की अपेक्षाओं के लायक नहीं हैं। उसमें भारी सुधार की
दरकार है। उसके बाद ही कोई कानूनी बदलाव पर सोचना चाहिए
९. बिहार में भी लालू राज में, जब जनता
उनसे रोड न होने की फ़रियाद करती थी तो वे मजाकिया लहजे में कहते थे ..., तुन्हारे
गांव तक तो रोड, मैं कल ही बनवा दूं..., इससे
तुम्हारे लोगों को एक नुकसान होगा, पुलिस
की गाड़ी रोज आकर , तुम्हे तंग करेगी...,, अभी तो
तुम लोग सुखी हो...,
१०.
दोस्तों.., १९४७ के
गुलाम हिन्दुस्थान में जनता पुलिस के अत्याचार से इतनी पीड़ित नहीं थी जितनी आज
है..
गुलामी के “ब्रांड” से जनता..., सुखी इंसान से पर्यावरण का सम्मान था.
गुलामी के “ब्रांड” से जनता..., सुखी इंसान से पर्यावरण का सम्मान था.
११.
सत्ता परिवर्तन का , इंडिया, भ्रष्टाचार.
माफिया, पुलिस क़ानूनशाही के गढजोड़ से, अब जनता
लूट रही है.
उत्तरप्रदेश में तो एक नये आविष्कार से
नेताओं के हौसले की बुलंदी से, वोट
बैंक से उतारूप्रदेश, लटकाऊ
प्रदेश से चढ़ाऊ प्रदेश का उदभव कर, एक नए
दौर की शुरूवात की..,
मुख्यमंत्री का आदेश, प्रदेश के युवकों करों सेक्स योगा, पुलिस के जवानों जेल में भ्रष्टाचार व बलात्कार के योग से बनाओं अपनी योग्यता.
फेस बुक
व वेबस्थल की SATURDAY, 18 JUNE 201
·की
पुरानी पोस्ट
महाराष्ट्र के आदर्श सत्ता के लुटेरे लगा रहें हैं संविधान को
लूटने की भ्रष्टाचार के पंख की बोली .., जनता खा
रही है महंगाई से गोली.., माफिया ताल ठोक के जनता से कह रहें हैं , हिम्मत है तो रोक सके
तो रोको .., मुंबई के नार्थ रीजन के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त
का पद चार महीने से खाली..
1. मेरा
देश बदल रहा है..., मेरे देश का बादल रो रहा है.., गिरा
दे जितना पानी है तेरे पास ऐ बादल...
ये प्यास किसी के मिलने से बुझेगी तेरे बरसने से नही..!!
ये प्यास किसी के मिलने से बुझेगी तेरे बरसने से नही..!!
धन के प्यास में कंक्रीट के जंगल बन गए.., बादल अब तेरे
आँचल से देश की प्यास की आस अधूरी है
देशवासी तो अब भी अफीमी नारों से सो रहा है...
२. जहां अपराध करवाना है पुलिस थाना खुलवा दो.., मुंबई में संविधान को लूटने की बोली ३ करोड़.., महाराष्ट्र
में नंबर 1 के मुख्यमंत्री पद का ताल ठोकने वाले एकनाथ खडसे पर भ्रष्टाचा का खडग
गिरने से वे अब अनाथ हो गएँ हैं , नंबर २ की दावेदार
चिक्की की चिकनी चमेली की घोटालेबाज पकंजा मुंडे अब जुबान खोलकर कभी –
कभी फडनवीस १९-२० बनकर बरसती है ,गिरीश
महाजन पर किसानों की भूमी हड़पने से गिरी गाज.., केबिनेट
व खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री गिरीश बापट
बनें, जमाखोरों के समर्थन में आज भी ब्यान देकर बखान से
कह रहें है.., मैं कुछ नहीं कर सकता यह SUPPLY व DEMAND का खेल है कहकर बनें माफिया
व्यापारियों के रंगीला रतन
३. INVESTMENT – IN WASTE MEANT इस
कचरे के मतलब से देश डूब रहा है.., इस लोक
तंत्र को इस काले धन के कचरे से ही देश आज भी लूट रहा है .., आने वाले वर्षों के कल तक देश लूट से डूबते रहेगा ...
४. पुलिस तंत्र के ओहदे बनने के लिए ३ करोड़.., राज्यसभा में रिश्वत सभा से माल्या व अन्य माफियाओं द्वारा लोक
तंत्र के मंदिर पर धन को मदिरालय बनाकर कब्जा से इस कब्ज की बीमारी से देश सडांध
से लोकतंत्र बदबूदार बन गया है .
५. जाने मुंबई के नार्थ रीजन इलाके के गोरखधंधे का इलाके की लूट का
खेल ..., यह इलाका समुंद्री इलाका MUD ILAND व मालवणी का खाड़ी छेत्र है.., और मालवणी की माल
कमाने की वाणी
MUD
ILAND एक समुंद्री तट जहाँ अभिजात्य वर्ग का अय्याशी का अड्डा –
MUD ILAND कीचड़ का देदिव्य्मान दीप, भ्रष्ट
सत्ता के लुटेरों का दीपक.., वेश्या वृति का अड्डा ..,
ड्रग व शराब के अड्डे की भरमार.., अब बीयर बार
को नहीं बनते लगेगी डांस बार
६. अभी तक पर्दे के पीछे से गैर कानूनी
कामों का ग़ढ बन चुका मालवणी परिसर २०० से
अधिक लोगों की जहरीली शराब कांड से बलि लेने के बाद से एकदम से नंगा हो चुका
हैं। यह बात साफ ही नहीं साबित भी हो चुकी है कि मालवणी अवैध शराब, नशे के कारोबार का अड्डा
बन चुका हैं। जिस तरह से जहरीली शराब कांड में सैक़डों लोगो को अपनी जान से हाथ
धोना प़डा उससे यह भी साफ हो गया है कि यह सब गोरखधंधा पुलिस की मिली भगत से ही हो
रहा था। जिसके चलते वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सहित आठ पुलिस वालों को निलंबित किया
गया।
७. मालवणी पुलिस थाने के दो पु.उ.नि.व एक हवालदार रिश्वत लेते हुए
रंगे हाथ गिरफ्तार एक सप्ताह के अंतराल में भ्र.नि.दस्ते ने दो बार में पक़डा तीन
रिश्वत खोरों को क्षेत्र में अपराध वृध्दि का मूल कारण है पुलिस की हप्ता उगाही
८. याद रहे.., १५ अगस्त के ४ दिन
पूर्व 11 अगस्त २०१२ को आज़ाद मैदान में हुई हिंसा के दौरान अमर जवान स्मारक को
तोड़ने से देश के राष्ट्रवाद का सूर्य अस्त हो गया व पुलिस बल व मीडिया को खुले आम
पीटने व गाड़ियों को आग के हवाले करने में मुख्य हाथ, बंगलादेश के मुस्लिमों की जनसंख्या इसी मालवणी
छेत्र से आयी थी.., राजनेताओं की शह से पिछले १५ सालों
से वोट बैंक की आड़ में लाखों की संख्या में झोपड़े बनाकर, एक
सुनियोजित ढंग से आधार कार्ड , वोटर कार्ड राशन कार्ड
से सुसज्ज्ति कर सरकारी सब्सिडी की सांप सीधी माफिया मालवणी से माला माल हो गएँ
हैं ..., वह दिन दूर नहीं इसे प्रशासन की शह से ISIS
का गढ़ बनने में ...
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