Wednesday, 14 September 2016

ये सब विदेशी भोगवादी भाषा के तलवारों से, हम बर्बाद हो रहे है... , हिग्लीश को हिरण मानकर , धन तृष्णा से युवक, राष्ट्र की राह भटक गया है, अग्रेज़ी, दुनिया के सिर्फ 11 देशों मे प्रमुखता से बोली जाती है


राष्ट्र... ह्त्या की ओर भाषा हत्या, किसान हत्या, जवान हत्या, गरीबी से आम नागरिकों की आत्महत्या (हत्या), नवजात शीशुओ की इलाज न होने से हत्या , संस्कारो की ह्त्या.....???????, 

UPSC
परीक्षाओं में अंग्रेजी क्यों..,
अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक देशों में हिन्दी भाषा के वार्ता से से एक सम्मानित सख्श से जाने गए..., व देश के स्वाभिमान से दुनिया के देशों को सन्देश दिया 

ये सब विदेशी भोगवादी भाषा के तलवारों से, हम बर्बाद हो रहे है... , हिग्लीश को हिरण मानकर , धन तृष्णा से युवक, राष्ट्र की राह भटक गया है, अग्रेज़ी, दुनिया के सिर्फ 11 देशों मे प्रमुखता से बोली जाती है , स्वभाषा से चीन , जापान , जर्मनी फ्रांस व अन्य छोटे देश जो नक्शे मे भी दिखाई नही देते है वे शीर्ष देशों मे सुमार है....

याद रहें चीन में विश्व के भव्यतम ओलंपिक के समापन समारोह के बाद ,चीनी सरकारअंग्रेजी को दूसरी भाषा के रूप में थोपने के प्रयास में चीनी जनता ने सडकों पर उतर कर विरोध किया,तब चीनी सरकार ने एक अध्यादेश लाकर घोषणा कि , चीनी भाषा में कोई अंग्रेजी शब्द उपयोग में नहीं लाया जाएगा,
 
आज, हम विश्व गुरू हिंदुस्थान का तमगा लेकर दुनिया में ढोल पीट रहें है.., लेकिन आज देश..., विदेशी संस्कार, विचार, शिक्षा प्रणाली से कठपुतली बनकर विदेशी देशों की अंगलियों पर नाच रहा है , डॉलर , रूपये को डोल रहा है ,

देशवासियों विदेशी नशा छोड़ो , हिन्दुस्थानियों अपने देश को पहचानों, जागो...जागो...जागो... अभी भी समय है... विदेशी इशारों से डूबते देश को बचाओ 

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