किसी भी देश की लोकसभा “इन्साफ का मंदिर” है.., भगवान् का घर है , इसके ‘पुजारी’ जितने इस मंदिर के प्रति समर्पित होकर
जनता की उन्नती के प्रती शक्तित होते है, जनता द्वारा चुने हुए इन पुजारियों से जनता का जीवन
उन्नत से अति उन्नत होता है, राष्ट को सुजलाम सुफलाम की बीज के वृक्ष को खाद पानी इसी मंदिर से मिलता है..,
इन्साफ का मन्दिर है
यह, भगवान्
का घर है |
कहना हिया जो कह दे, किस बात का दर है ||
है खोट तेरे मन मे, जो भगवान् से है दूर |
है पाँव तेरे फिर भी तू, आने से है मजबूर ||
हिम्मत है तो आजा यह, भलाई की डगर है ||
कहना हिया जो कह दे, किस बात का दर है ||
है खोट तेरे मन मे, जो भगवान् से है दूर |
है पाँव तेरे फिर भी तू, आने से है मजबूर ||
हिम्मत है तो आजा यह, भलाई की डगर है ||
आज देश के इस मंदिर
के प्रधान पुजारी ने विश्व में अपनी राष्ट्रभक्ती से अपना लोहा मनवाया है ...,
दोस्तों बड़े दुःख के
साथ लिखना पड़ रहा है,
देश की हर पार्टी का सांसद, अपने के एक गाँव गोद लेने की बात तो
दूर , अपने छेत्र का दौरा कर जनता की समस्या जानने की भी
रूची नहीं रखता है..!!!.
1.
नरेन्द्र
मोदीजी को प्रधानमंत्री के शपथ में यह कार्टून समर्पीत..........
प्रधानमंत्रीजी, यह शपथ..., आपके लिए भ्रष्टाचार के अग्नि पथ को ललकार की चुनौती है..,
इस शपथ से देश के युवक के सौ पथ आगे बढ़ेंगे ...,
इस अग्नि को राष्ट्रवाद के मशालों में भर कर ..., देश के युवाओं को जागृत कर ..., देश, सुलाम सुफलाम से भव्य बने....
राष्ट्रवाद जयते ...
आओं, पार्टी नहीं देश का पार्ट बने, “मैं देश के लिए बना हूँ””, देश की माटी बिकने नहीं दूंगा , “राष्ट्रवाद की खाद” से भारतमाता के वैभव से, हम देश को गौरव से भव्यशाली बनाएं
राष्ट्रवादी धारा, से किसी को हमारे वतन की माटी बेचने नहीं देंगे ..., दोस्तों...., सीमा पार दुश्मन भी चाह रहे है हम आपसी लड़ाई से कमजोर हो जाये ताकि हमे सफलता आसानी से प्राप्त हो... ·
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