आरक्षण की आग., देश
रहा है.., हांफ..., महंगाई
निकाल रही है जनता का भाप.., आरक्षण
के मसीहा, इस दंश के पाप
से, अपने को कह रहें
हैं, देश का बाप.., आप
..बाप.., पाप..खाप .., पार्टियों
के श्राप से देश लहुलूहान.., फिर
भी सत्ताखोरों के अपने “आराम हराम है” “गरीबी हटाओं” “मेरा
भारत महान से “अच्छे
दिनों” के झांसे से”..., प्रतिभाओं
के कच्छे पहिनने के दिन आ रहें हैं..,
आरक्षण
को वोट बैंक का तोहफा मानकर हर सरकारों ने देश को पीछे ही सरकाया.., गरीब जनता की काया में भूखमरी का साया..
ऊपर से आरक्षण का तड़का , इस
झांसे मे देश भटका ...याद रहे संविधान मे पहली बार दलित व पिछड़े जाती को 22.5% आरक्षण... 10 सालो के लिए उपलब्ध कराया गया था , बाद
मे 33% और आज तो इसे दल-हित (दलित) मानकर , और आज
यह 49% तक पहूंच गया है, यह तो
सुप्रीम कोर्ट का अहसान माने कि उन्होने धर्मो के नाम पर आरक्षण को खारिज कर दिया
है , नही तो आज, यह 100% आरक्षण भी कम होता , देश
मे आरक्षण के नाम पर हजारों नये विद्धालाय, महाविद्धालाय
बनाने पड़ते, दोस्तों...??? यह वोट बैंक के असुरों का, यह
राष्ट्र का भक्षण है .
आरक्षण
का १० साल का प्रयोगात्मक , लगी इस प्रयोग
से देश में आग.., हरियाणा हुआ जल कर ख़ाक, सरकार हुई बेबस , देश की असाधारण
प्रतिभाएं भाग रही हैं विदेश और बना रहीं है विश्व को उन्नत , आरक्षण से देश की अवनीती . विश्व के घोंगा देश भी अपनी धीमी व मजबूत राहों से
अपनी मंजिले पा कर १३० करोड़ की आबादी वाला देश को चुनौती दे रहा है
१. छुवा-छुत/आरक्षण को कछुवा बनाकर संविधान की आड़ से हमारे सत्ताखोरों ने १० सालों के 22.५% प्रायोगिक तौर के ”पर” प्रयोजन से , इन कछुओं की मोटी खालों को अपना ढाल बनाकर सुरक्षता पूवर्क वोट बैंक से खरगोशी प्रतिभाओं की खाल निकालकर लहूलुहान कर संविधान का गुण गान कर, पंगु बनाकर, देश को विदेशी हाथ –विदेशी साथ – विदेशी विचार – विदेशी संस्कार से देश को कछुआ चाल से चलाकर, विदेशी कर्ज को मर्ज मानकर , देश को गर्त में डालकर, अब भी गर्वित हैं.
२. अब आरक्षण की तलवार से प्रतिभा के भक्षण की , एक नई धार से, नेताओं के वोट बैंक की दांत की चमक के पैने पन की तस्वीर से, आज देश ऊंचाई को छूने की बजाय “बौना” होते जा रहा है..,
३. अब पटेल आरक्षण की आग पुरे देश में पेटने की तैयारी .., क्या..??, सरकार घुटने टेक देगी.., या देश गुर्जर आन्दोलन की तरह सुलगते, गुजरे जमाने में रहेगा.., सत्ताखोरों की रोटी सेकते रहेगा.., देशवासी अब सकते में है..!!!
४. दोस्तों सत्ता परिवर्तन को आजादी कह.., देश को अशिक्षा से अंधापन कर .., अंग्रेजों के संविधान का अनुसरण कर ०.१% अंग्रेजी बाबुओं की औलादें जो विलायती शिक्षा से अंग्रेजों के संविधान में आस्था की प्रतिज्ञा से खाओ अंग्रेजी , पियों अंग्रेजी सोओ अंग्रेजी , जागो अंग्रेजी, थोपो अंग्रेजी ने विदेशी भाषा से गोरे अंग्रेजों के काले बादल की गुलामी को प्रतीक बनाकर, इस बादल से काले धन की बरसात से मालामाल हो गयें और आम हिन्दुस्तानी अवसाद से बेहाल हो गया है.
५. राख तले चिंगारी के प्रतिभा में पानी फेर कर शिक्षा को कीचड़ बनाकर, देश बदबूदार हो गया है
.
६. सत्ता का एक फंडा है, देश में सत्ताखोरों का एक गोरख़ धंधा है ..,५०% आरक्षण से देश की आधी प्रतिभा गायब, और व्यापम के इस नए प्रकार के तड़के से इस आग में हजारों प्रकार के घोटालों के उत्प्रेरकों देश के ऊतक 30-४०% शिक्षा, अकर्मण्य छात्रों को पिछले दरवाजे से प्रवेश.., जो बचे शेष १०-२०% प्रतिभावान छात्र वे देश के इस मकड़जाल से, अपने अगली पीढी का भविष्य संवारने विदेशों में पलायन कर, अपनी प्रतिभा से विश्व को गौरान्वीत कर रहें हैं
.
७. १९४७ में विश्व के 100 से अधिक देश हमसे पिछड़े थे..,लेकिन अपनी मजबूत इच्छा बल से बिना आरक्षण के, घोंघा चाल से एक दृण मंजिल पाने से, उन्नत देशों की कतार में शामिल हो गयें है..
८. देश के खरगोश आज आरक्षण के जहर से, बेहोश होकर मर रहें हैं., देश का मर्ज, आरक्षण व कर्ज से नहीं, देश के १२५ करोड़ जनता को सम्मान व प्रतिभा के आंकलन से, आगे बढ़ने से ही.., देश आगे बढेगा
९. Let's not make a party but become part of the country. I'm made for the country and will not let the soil of the country be sold.
१. छुवा-छुत/आरक्षण को कछुवा बनाकर संविधान की आड़ से हमारे सत्ताखोरों ने १० सालों के 22.५% प्रायोगिक तौर के ”पर” प्रयोजन से , इन कछुओं की मोटी खालों को अपना ढाल बनाकर सुरक्षता पूवर्क वोट बैंक से खरगोशी प्रतिभाओं की खाल निकालकर लहूलुहान कर संविधान का गुण गान कर, पंगु बनाकर, देश को विदेशी हाथ –विदेशी साथ – विदेशी विचार – विदेशी संस्कार से देश को कछुआ चाल से चलाकर, विदेशी कर्ज को मर्ज मानकर , देश को गर्त में डालकर, अब भी गर्वित हैं.
२. अब आरक्षण की तलवार से प्रतिभा के भक्षण की , एक नई धार से, नेताओं के वोट बैंक की दांत की चमक के पैने पन की तस्वीर से, आज देश ऊंचाई को छूने की बजाय “बौना” होते जा रहा है..,
३. अब पटेल आरक्षण की आग पुरे देश में पेटने की तैयारी .., क्या..??, सरकार घुटने टेक देगी.., या देश गुर्जर आन्दोलन की तरह सुलगते, गुजरे जमाने में रहेगा.., सत्ताखोरों की रोटी सेकते रहेगा.., देशवासी अब सकते में है..!!!
४. दोस्तों सत्ता परिवर्तन को आजादी कह.., देश को अशिक्षा से अंधापन कर .., अंग्रेजों के संविधान का अनुसरण कर ०.१% अंग्रेजी बाबुओं की औलादें जो विलायती शिक्षा से अंग्रेजों के संविधान में आस्था की प्रतिज्ञा से खाओ अंग्रेजी , पियों अंग्रेजी सोओ अंग्रेजी , जागो अंग्रेजी, थोपो अंग्रेजी ने विदेशी भाषा से गोरे अंग्रेजों के काले बादल की गुलामी को प्रतीक बनाकर, इस बादल से काले धन की बरसात से मालामाल हो गयें और आम हिन्दुस्तानी अवसाद से बेहाल हो गया है.
५. राख तले चिंगारी के प्रतिभा में पानी फेर कर शिक्षा को कीचड़ बनाकर, देश बदबूदार हो गया है
.
६. सत्ता का एक फंडा है, देश में सत्ताखोरों का एक गोरख़ धंधा है ..,५०% आरक्षण से देश की आधी प्रतिभा गायब, और व्यापम के इस नए प्रकार के तड़के से इस आग में हजारों प्रकार के घोटालों के उत्प्रेरकों देश के ऊतक 30-४०% शिक्षा, अकर्मण्य छात्रों को पिछले दरवाजे से प्रवेश.., जो बचे शेष १०-२०% प्रतिभावान छात्र वे देश के इस मकड़जाल से, अपने अगली पीढी का भविष्य संवारने विदेशों में पलायन कर, अपनी प्रतिभा से विश्व को गौरान्वीत कर रहें हैं
.
७. १९४७ में विश्व के 100 से अधिक देश हमसे पिछड़े थे..,लेकिन अपनी मजबूत इच्छा बल से बिना आरक्षण के, घोंघा चाल से एक दृण मंजिल पाने से, उन्नत देशों की कतार में शामिल हो गयें है..
८. देश के खरगोश आज आरक्षण के जहर से, बेहोश होकर मर रहें हैं., देश का मर्ज, आरक्षण व कर्ज से नहीं, देश के १२५ करोड़ जनता को सम्मान व प्रतिभा के आंकलन से, आगे बढ़ने से ही.., देश आगे बढेगा
९. Let's not make a party but become part of the country. I'm made for the country and will not let the soil of the country be sold.
यह राष्ट्र का विकास दिवस नहीं ...,पतन
दिवस बनते जा रहा है...,
कहीं शिक्षा घोटाला, -अभी का ताजा शिक्षा व्यापार का मध्य प्रदेश सरकार के संस्कार से व्यापम घोटाला, जो धनाढ्य व मंत्री , नौकरशाही वर्ग के पास मुन्ना भाई M.B.B.S. (महान भारत भ्रष्टतम सेवा) का लाईसेंस ( LIE –SENSE –झूठ का यंत्र ) व शहरी दलितों के दल-हित के वोट बैंक के नाम से क्रीमी लेयर से , सत्ता की माखन हांडी में अधिकार..., व देश के सुदूर इलाकों के गरीबों /दलितों का बहिष्कार
आज इसी आड़ में ...???, देश का हर दिन ..., प्रतिभा का भक्षक दिवस है , आरक्षण से राष्ट्र का भक्षण हो रहा है, कंहा गई... गुरुकुल की परंपरा, जब गुरु की शिक्षा से, विधार्थी के कुल परिवार का उद्धार होता था ...??? , आज का शिक्षण, घर बार बेचकर , बेरोजगारी से एक उधार करण की नीति है....
कहीं शिक्षा घोटाला, -अभी का ताजा शिक्षा व्यापार का मध्य प्रदेश सरकार के संस्कार से व्यापम घोटाला, जो धनाढ्य व मंत्री , नौकरशाही वर्ग के पास मुन्ना भाई M.B.B.S. (महान भारत भ्रष्टतम सेवा) का लाईसेंस ( LIE –SENSE –झूठ का यंत्र ) व शहरी दलितों के दल-हित के वोट बैंक के नाम से क्रीमी लेयर से , सत्ता की माखन हांडी में अधिकार..., व देश के सुदूर इलाकों के गरीबों /दलितों का बहिष्कार
आज इसी आड़ में ...???, देश का हर दिन ..., प्रतिभा का भक्षक दिवस है , आरक्षण से राष्ट्र का भक्षण हो रहा है, कंहा गई... गुरुकुल की परंपरा, जब गुरु की शिक्षा से, विधार्थी के कुल परिवार का उद्धार होता था ...??? , आज का शिक्षण, घर बार बेचकर , बेरोजगारी से एक उधार करण की नीति है....
१० आज शिक्षा व्यवस्था मे सुपर 30 वाले
गुरु कहां गायब हो गए है...????, बिहार
के आनन्द कुमार, जो दिन मे पढ़ते थे, और घर
चलाने के लिए, शाम को माँ के बनाए पापड़ बेचते थे...
यह राजनेताओ को एक झापड़ /थप्पड़ है और सिद्ध कर दिया कि, दलित
के नाम पर वोट बैक के नाम पर दल-हित से ज्यादा नेताओ का स्वहित ज्यादा है ...
आनन्द कुमार, जिन्होने ने हर धर्म जाती की प्रत्तिभा
को निखार कर दुनिया मे हलचल कर दी है, आज
जापान जैसा देश उनके पढ़ाने की कला से प्रभावित हो कर, एक
पुस्तक प्रकाशित कर , उनका
अनुसरण कर रहा है, आनंद ने कहा है आज के छात्र , शिक्षा
को खरीद कर, पैसे की चमक मे..., मृगतृष्णा
की तरह भाग रहे है... आज 1000 छात्रो
मे 5 छात्र ही शिक्षक बनते है. , जिसके
वजह से अकुशल शिक्षकों के, आधा
अधूरा ज्ञान से , बैलगाड़ी की तरह, देश
की प्रतिभा चल रही है.
११. आनन्द, आज, आप... और... केवल आप ही ... देश के पतिभाओ के लिए एक सुपर आनन्द हो .... आनन्द कुमार की प्रसिद्धि सुपर-३० की अद्वितीय सफलता के लिए है। वर्ष २००९ में पूर्व जापानी ब्यूटी क्वीन और अभिनेत्री नोरिका फूजिवारा ने सुपर 30 इंस्टीट्यूट पर एक डाक्यूमेंट्री फिल्म भी बनाई थी। इसी वर्ष नेशनल जियोग्राफिक चैनल द्वारा भी आनंद कुमार के सुपर ३० का सफल संचालन एवं नेतृत्व पर डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाई गई थी। समाज के गरीब तबके के बच्चों को आईआईटी जेईई की प्रवेश परीक्षा के लिए मुफ्त तैयारी कराने वाले गणितज्ञ आनंद कुमार को प्रसिद्ध यूरोपीय पत्रिका फोकस ने असाधारण लोगों की सूची में शुमार किया है। पत्रिका के आलेख में लिजा दे क्यूकेलियर ने लिखा है कि आनंद असली जुझारू नायक की तरह हैं, जो माफिया की धमकी के बावजूद गरीब बच्चों को ज्ञान दे रहे हैं। उन्होंने 330 बच्चों को अपने मार्गदर्शन में आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में सफलता दिलाई है। लोकप्रिय विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इतिहास, स्वास्थ्य और सामाजिक विषयों पर रोचक और ज्ञानवर्धक आलेख प्रकाशित करने वाली इतालवी पत्रिका ने अपने एक लेख में आनंद को असाधारण प्रतिभाओं में शुमार किया है।
भ्रष्टाचारीयों के महाकुंभ की महान-डायरी
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