Sunday, 17 January 2016

अमिताभ बच्चन द्वारा कहे.., इस गाने का शीर्षक होना चाहिए था.. “मेरा देश सो रहा , गरीब भूख से रो रहा है. “ From light to dark side 1947 to 2016 - उजाले से अँधेरे की तरफ १९४७ से २०१६








अमिताभ बच्चन द्वारा कहे.., इस गाने का शीर्षक होना चाहिए था.. मेरा देश सो रहा , गरीब भूख से रो रहा है

From light to dark side 1947 to  2016 - उजाले से अँधेरे की तरफ १९४७ से २०१६

नये साल की शुरूवात.., नशेड़ी भेड़ियों माफियाओं- नौकरशाही की मिली भगत से देश पर पाकिस्तानीयों आतंकवादियों के आका अब भी खुले आम  चुनौती देकर कहा रहें हैं कि रोक सकों तो रोकों ...!!!!” 

इस आतकवादी घटना की जांच के 70 साल बाद राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी को आज मालूम पड़ा है कि यह नशे का कारोबार प्रतिवर्ष २५ हजार करोड़ रूपये है .., जो देश के करोड़ों, राष्ट्र के स्तम्भ बनने वाले  युवाओं की जवानी बर्बाद कर रहें हैं   

दोस्तों , प्रदेश की हर पार्टी अपने विरोधियों को  अपनी ताकत दिखाने में देश की ऊर्जा बर्बाद कर योजनाबद्ध तरीके के, मल युद्ध से देश के पानी को मटमैला कर  अपने भ्रष्टाचार  का  पोटला बढ़ाते ही जा रहें  है..,

जनता तो,  महंगाई की मार के कोड़े जनता आहत है.., इनका द्वंद ही  देश का व्यंग है..,  विदेशी आतंकवादियों के लिए यह एक नई उमंग है.., आतंकवादियों के  उत्पाती खेल को सभी पार्टियों में आरोप प्रत्यारोप के प्रत्यारोपण का खेल बदस्तूर जारी है.


क्या...???,  २०१६ में देश की यह मशाल..सीधे होकर हिन्दुस्तान को प्रज्ज्वलित करेगी .., “गरीब ही राख तले चिंगारी है.., इन्हें प्रज्ज्वलित किये बिना देश स्वच्छ ही नहीं देदिव्यामान बनेगा’’

देश के काले धन के सफाये बिना “स्वच्छ भारत” का नारा देना एक बेईमानी है , डॉलर रूपये पर अब तो ६८ वाँ हथौड़ा मारने को आतुर होकर प्रधानमत्री की उम्र को सलाम कर अपने को गर्वित कहा रहा है..., क्यों कि देश के माफिया गर्वित से सातिर हैं ...,

यदि देश के अधिकतर नौकरशाही – माफियाओं – रियल एस्टेट के एसेट्स के व्यापारी – खाद्यान के व्यापारी – कारपेट के कॉर्पोरटर व अन्य हवालेबाजों के   ७०० लाख करोड़ से अधिक का धन निकला निकाला जाय तो डॉलर ५० पैसे से भी नीचे आ जाएगा ..


मोदीजी तुस्सी ग्रेट है...२०१५ में देश  का..,  विश्व में डंका बजा कर ..एक नई मशाल जगा करभौचक्का कर दुश्मनों का देश पर आक्रमण के छक्का , चौका लगाने के  चक्के जाम कर दियें  थे .,
सीमा पर, अब भी  हमारे जवाने के सीने फौलादी से ५६० इंच के बने हैं

मैंमेरी मन की बात नहीं..,  दिल की बात कहना कहता हूं ..शायद जनता भी बुदबुदा रही है..,

आपके जुमले ..जुगाली से फिसड्डी साबित हो कर ..मीडिया-नौकरशाही-जजशाही-माफियाओं के साथ देश में टिड्डियों का दल..महंगाई से देश वासियों के “ अच्छे दिनों” चट कर,  कीचड़ ही  फैला रहें हैं ..,

अब्धे को क्या चाहिए..दो  आँखे ..कम से कम एक आँख में रोशनी भी आ जाए तो वह अर्ध स्वर्ग का अहसास करता है ..,और जनता को क्या चाहिए महंगाई से निजात..

पिछले १९ महीनों से जनता टकटकी लगाकर..बिना पलकें झपकाएं अब “ अच्छे दिनोंकी आस में  अब  जनता की रोशनी कमजोर होते जा रही है ..
INDIA – काले धन से GREAT हो रहा है
BHARAT – महंगाई के भार से ..भारत – भार + रत
HINDUSTANI–अब भी..,  हिंडोले खा रहा है .. हिन्दुस्तानी भूखा नंगा की 70 सालों की तस्वीर अब भी जीवंत है  

आपसे एक ही आस है ... क्या..???  २०१६ में यह पुरानी फ़िल्मी गाना सार्थक होगा ..
वो सुबह कभी तो आएगी
इन काली सदियों के सर से जब रात का आंचल ढलकेगा
जब दुख के बादल पिघलेंगे जब सुख का सागर झलकेगा
जब अम्बर झूम के नाचेगा जब धरती नगमे गाएगी
वो सुबह कभी तो आएगी
जिस सुबह की ख़ातिर जुग जुग से हम सब मर मर के जीते हैं
जिस सुबह के अमृत की धुन में हम ज़हर के प्याले पीते हैं
इन भूकी प्यासी रूहों पर इक दिन तो करम फ़रमाएगी
वो सुबह कभी तो आएगी
माना कि अभी तेरे मेरे अरमानों की क़ीमत कुछ भी नहीं
मिट्टी का भी है कुछ मोल मगर इन्सानों की क़ीमत कुछ भी नहीं
इन्सानों की इज्जत जब झूठे सिक्कों में न तोली जाएगी
वो सुबह कभी तो आएगी
दौलत के लिए जब औरत की इस्मत को ना बेचा जाएगा
चाहत को ना कुचला जाएगाइज्जत को न बेचा जाएगा
अपनी काली करतूतों पर जब ये दुनिया शर्माएगी
वो सुबह कभी तो आएगी
बीतेंगे कभी तो दिन आख़िर ये भूक के और बेकारी के
टूटेंगे कभी तो बुत आख़िर दौलत की इजारादारी के
जब एक अनोखी दुनिया की बुनियाद उठाई जाएगी
वो सुबह कभी तो आएगी
मजबूर बुढ़ापा जब सूनी राहों की धूल न फांकेगा
मासूम लड़कपन जब गंदी गलियों में भीक न मांगेगा
हक़ मांगने वालों को जिस दिन सुली न दिखाई जाएगी
वो सुबह कभी तो आएगी
फ़आक़ों की चिताओ पर जिस दिन इन्सां न जलाए जाएंगे
सीने के दहकते दोज़ख में अरमां न जलाए जाएंगे
ये नरक से भी गंदी दुनियाजब स्वर्ग बनाई जाएगी
वो सुबह कभी तो आएगी



  June 28, 2014 वेबस्थल व फेस बुक की पुरानी पोस्ट
जरूर पढ़े..!!!आजादी एक झाँसा थी???…
एक झूठी आजादी
 ????
देश मे भ्रष्टाचार का रावण जिन्दा हैफिर भी हम दिवाली क्यो मनाते है?
देश को आजाद कराने का जुनूनमर्दानी झाँसी की रानी ने अपने प्राणो की आहूति दी थी
औरआज इस देश को भ्रष्टाचार की सुनामी से डुबाने वाले झाँसे का राजा हर गली का सत्ता के आड़ में भ्रष्टाचार का भक्षक बनकर क्यो बैठा है?

हिन्दुस्तानी एक झूठे प्रभाव मे थालेकिन आजादी के नाम पर उसे दबाया / शोषित किया गया
इसकी व्याख्या अंग्रेजी शब्द मे है, (IMPRESSION – I AM PREES ON – मै दबाया गया हूँ)
उसे लगा अभी सुबह हुई है..????
आजादी का सूरजअब निकलेगा- अब निकलेगा उसके जीवन मे एक उर्जा देगा
उसकी गरीबी के कीडे को सूरज की किरणे मार देगी,
इस आस मे,
एक
 15 अगस्त दूसरा 15 अगस्त..?? 65वा …15अगस्त……….???? चला गया.
क्यो कीआज तक वह सूरज भ्रष्टाचार के घने बादलो मे फसा है

आज हिन्दुस्तानी अवसाध मे है? (DEPRESSION – DEEP PRESS ON- गहरी तरह दबाया गया)
इंडियन लोगो के लिये यह एक लू….….
एक मनमौजीजश्ने
  – आजादी
इंडियन लोगो को लूटने का खजाना मिल गयाभ्रष्टाचार के इन घने बादलो ने किसानो व आम जनता का पानी पी पी करविदेशो के बैको मे धन की बरसात कर रहे है
इंडियन लोगों के लिये इंडिया चमक रहा है (INDIA IS SHINNING) , यह नारा
 1947 मे ही सार्थक हो गया था
इनहें देश के अधिकृत लूटेरो मे घोषीत किया गया
सविधान का कानून इन पर लागु नही होता है,जितना बडा घोटाला उतनी ज्यादा सहुलियत,
जितना बडा घोटाला उतनी सत्ता पर मजबूत दावेदारी………..
15 अगस्त आजादी नहीं धोखा हैदेश का समझौता है
 ,शासन नहीं शासक बदला हैगोरा नहीं अब काला है 15अगस्त 1947 को देश आजाद नहीं हुआ तो हर वर्ष क्यों ख़ुशी मनाई जाती है ?
क्यों भारतवासियों के साथ भद्दा मजाक
 किया जा रहा है l
इस सन्दर्भ में निम्नलिखित तथ्यों को जानें
 …. :

1. भारत को सत्ता हस्तांतरण
 14…-15 अगस्त 1947 को गुप्त दस्तावेज के तहतजो की 1999 तक प्रकाश में नहीं आने थे (50 वर्षों तक ) l
2. भारत सरकार का संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्छेदों में संशोधन करने का अधिकार नहीं है
 l

3. संविधान के अनुच्छेद
 348 के अंतर्गत उच्चतम न्यायलयउच्च न्यायलय तथा संसद की कार्यवाही अपनी राष्ट्रभाषा हिंदी में होने के बजाय अंग्रेजी भाषा में होगी l

4. अप्रैल
 1947 में लन्दन में उपनिवेश देश के प्रधानमंत्री अथवा अधिकारी उपस्थित हुएयहाँ के घोषणा पात्र के खंड में भारत वर्ष की इस इच्छा को निश्चयात्मक रूप में बताया है की वह 
क ) ज्यों का त्यों ब्रिटिश का राज समूह सदस्य बना रहेगा तथा
ख ) ब्रिटिश राष्ट्र समूह के देशों के स्वेच्छापूर्ण मिलाप का ब्रिटिश सम्राट को चिन्ह (प्रतीक) समझेगाजिनमे शामिल हैं
 ….. (इंग्लैंडकनाडाऑस्ट्रेलियान्यूज़ीलैण्ड,दक्षिण अफ्रीकापाकिस्तानश्री लंका) … तथा
ग ) सम्राट को ब्रिटिश समूह का अध्यक्ष स्वीकार करेगा
 l

5. भारत की विदेश नीति तथा अर्थ नीतिभारत के ब्रिटिश का उपनिवेश होने के कारण स्वतंत्र नहीं है अर्थात उन्हीं के अधीन है
 l

6. नौ-सेना के जहाज़ों पर आज भी तथाकथित भारतीय राष्ट्रीय ध्वज नहीं है
 l

7. जन गन मन अधिनायक जय हे
 … हमारा राष्ट्र-गान नहीं हैअपितु जार्ज पंचम के भारत आगमन पर उसके स्वागत में गाया गया गान हैउपनिवेशिक प्रथाओं के कारण दबाव में इसी गीत को राष्ट्र-गान बना दिया गया… जो की हमारी गुलामी का प्रतीक है l
8. सन
 1948 में बने बर्तानिया कानून के अंतर्गत भाग 1 (1) 1948 के बर्तानिया के कानून के अनुसार हर भारतवासी बर्तानिया की रियाया है और यह कानून भारत के गणराज्य प्राप्त कर लेने के पश्चात भी लागू है l

9. यदि
 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ तो प्रथम गवर्नर जनरल माउन्ट-बेटन को क्यों बनाया गया ??

10. 22 जून
 1948 को भारत के दुसरे गवर्नर के रूप में चक्रवर्ती राजगोपालचारी ने निम्न शपथ ली l “मैं चक्रवर्ती राजगोपालचारी यथाविधि यह शपथ लेता हूँ की मैं सम्राट जार्ज षष्ठ और उनके वंशधर और उत्तराधिकारी के प्रति कानून के मुताबिक विश्वास के साथ वफादारी निभाऊंगाएवं मैं चक्रवर्ती राजगोपालचारी यह शपथ लेता हूँ की मैं गवर्नर जनरल के पद पर होते हुए सम्राट जार्ज षष्ठ और उनके वंशधर और उत्तराधिकारी की यथावत सव्वा करूँगा l ”

11. 14 अगस्त
 1947 को भारतीय स्वतन्त्रता विधि से भारत के दो उपनिवेश बनाए गए जिन्हें ब्रिटिश Common-Wealth की … धारा नं. 9 (1) – (2) – (3) तथा धारा नं. 8 (1) – (2) धारा नं. 339 (1) धारा नं. 362 (1) – (3) – (5) G – 18 के अनुच्छेद 576 और के अंतर्गत …. इन उपरोक्त कानूनों को तोडना या भंग करना भारत सरकार की सीमाशक्ति से बाहर की बात है तथा प्रत्येक भारतीय नागरिक इन धाराओं के अनुसार ब्रिटिश नागरिक अर्थात गोरी सन्तान है l

12. भारतीय संविधान की व्याख्या अनुच्छेद
 147 के अनुसार गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया एक्ट 1935 तथा indian independence act 1947 के अधीन ही की जा सकती है यह एक्ट ब्रिटिश सरकार ने लागू किये l

13. भारत सरकार के संविधान के अनुच्छेद नं.
 366, 371, 372 एवं 392 को बदलने या रद्द करने की क्षमता भारत सरकार को नहीं है l

14. भारत सरकार के पास ऐसे ठोस प्रमाण अभी तक नहीं हैं,जिनसे नेताजी की वायुयान दुर्घटना में मृत्यु साबित होती है lइसके उपरान्त मोहनदास गांधीजवाहरलाल नेहरूमोहम्मद अली जिन्ना और मौलाना अबुल कलाम आजाद ने ब्रिटिश न्यायाधीश के साथ यह समझौता किया कि अगर नेताजी ने भारत में प्रवेश कियातो वह गिरफ्तार ककर ब्रिटिश हुकूमत को सौंप दिया जाएगाबाद में ब्रिटिश सरकार के कार्यकाल के दौरान उन सभी राष्ट्रभक्तों की गिरफ्तारी और सुपुर्दगी पर मुहर लगाईं गई जिनको ब्रिटिश सरकार पकड़ नहीं पाई थी l

15. डंकल व् गैटसाम्राज्यवाद को भारत में पीछे के दरवाजों से लाने का सुलभ रास्ता बनाया है ताकि भारत की सत्ता फिर से इनके हाथों में आसानी से सौंपी जा सके
 l
उपरोक्त तथ्यों से यह स्पष्ट होता है की सम्पूर्ण भारतीय जनमानस को आज तक एक धोखे में ही रखा गया है,तथाकथित नेहरु गाँधी परिवार इस सच्चाई से पूर्ण रूप से अवगत थे परन्तु सत्तालोलुभ पृवृत्ति के चलते आज तक उन्होंने भारत की जनता को अँधेरे में रखा और विश्वासघात करने में पूर्ण रूप से सफल हुए.


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