आज ही सलमान खान को
बचाने में उनके अब्बा का बयान आया..,
कानून को अप्पा –चप्पा से डब्बा बनाने के
लिए २५ करोड़ का खर्च आया.., सलमान के
अब्बा सलीम खान ने बेटे को सही सलामत बेदाग़ व दूध का धुला बनाकर .., नौकरशाही जज
शाही पुलिसशाही के “अच्छे दिन”.., अब अवश्य से आवश्यकता ही भ्रष्टाचार की चाबी से हर
जेल का ताला खुलता है ..इसे प्रमाण सहित सिद्ध कर दिया है
जब २५ करोड़ का हो आलम
तो उच्च न्यायालय..,भी धन का आलय बनकर देर रात को
सूर्योदय बनाकर सलमान को जमानत देकर एक नए अमानत से स्वागत कर रहा था..
अपने फैसले में
सूर्योदय के बाद क़ानून पर कंबल से ढककर एक नई सवेरे के अंधकार से क़ानून को काली
रात की करतूत बनाकर .. संविधान पर दिन के लुटेरों की जमात में एक नया अध्याय जोड़
दिया ..
इस २५ करोड़ रूपये के
चमक से क़ानून की देवी का मुंह काला न हो.., क़ानून की देवी का सिन्दूर न छीन
जाये..., एक जाबांज गवाह जो नौकरशाही, जज
शाही अपने ही पुलिस दल द्वारा प्रताड़ित करने के बाद अपनी सेवा बर्खास्त होने के
बावजूद सड़क के फूटपाथ पर त.ब. से ग्रसित होने के बावजूद फूटपाथ को भी भारतमाता की
गोद मानकर अपनी अंतिम साँस ली..
यदि हर कोर्ट में गवाह
कक्ष में रवीन्द्र पाटिल की मिशाल से उसका चित्र लगा दिया जाय तो भष्ट नौकरशाही, जज शाही, पुलिसशाही की वर्दी
से टोपीधारी व कोटधारी की वर्दी उतर जायेगी ,
हे माँ, सुशीला
बाई, आपकी सुशीलता से आपकी कोख से रविन्द्र पाटिल जैसे
सुपुत्र को पाकर, देश धन्य है...,ऋणी
है..,
यह ताजा खबर.., बाजा खबर न मानकर मीडिया.., पिछली TRP का न बज जाए बैंड बाजा.., इसी खौंफ से चुप है. इसे कानून को सहिष्णुता मानकर देश के पदक लौटने वालों को एक फूर्ती मिली है
यह ताजा खबर.., बाजा खबर न मानकर मीडिया.., पिछली TRP का न बज जाए बैंड बाजा.., इसी खौंफ से चुप है. इसे कानून को सहिष्णुता मानकर देश के पदक लौटने वालों को एक फूर्ती मिली है
मीडिया-माफिया-कॉर्पोरेट–सत्ताशाही के भ्रष्टाचार के
सप्तरंगीयों के खेल से, देश का मोहल्ला,गाँव ,शहर व देश को डूबाने का खेल बदस्तूर जारी है..,
बिडवना यह है कि इनके छद्म रूप के बजरंगी बल से जनता भयभीत है..,
यदि जनता एकता से अपना बल संयुक्त कर ले तो तो इन “छद्म बजरंगीयों” का, देश को “बदरंग” करने वालों का सूपड़ा साफ़ हो जाएगा
हे माँ, सुशीला बाई, आपकी
सुशीलता से आपकी कोख से रविन्द्र पाटिल जैसे सुपुत्र को पाकर, देश धन्य है...,ऋणी है..,
यह ताजा खबर.., बाजा खबर न मानकर मीडिया.., पिछली TRP का न बज जाए बैंड बाजा.., इसी खौंफ से चुप है.
आपकी गुहार..., सुप्रीम कोर्ट में आपकी सलमान ख़ान हिट एंड रन दाखिल याचिका में, इस केस को मुंबई हाईकोर्ट से बाहर ट्रांसफर करने की मांग की थी व आपने सही कहा था इस केस में सलमान खान को पुलिस की तरफ़ से काफी मदद की गई और हाइकोर्ट ने भी गलत तरीके से उन्हें सज़ा के बावजूद जमानत दी है, ऐसे में उनकी ज़मानत को भी रद्द किया जाना चाहिए.
भले ही सुप्रीम कोर्ट के सुपर कोट को इसमें कोई खोट नजर न आया , हाई कोटों का सम्मान से, विशिष्ट मान देकर सलमान की ज़मानत याचिका रद्द करने और इस केस को बॉम्बे हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की याचिका ख़ारिज कर, BELL के शंखनाद से बेल को रद्द करने कोखारिज कर. एक नए तारीफ से..,सलमान ख़ान को मान देकर..संविधान में एक STAR जोड़कर, जजशाही गौरान्वीत हुई है सलमान खान को सुप्रीम कोर्ट से राहत दे दी है
इस ताजा खबर से मीडिया-माफिया का गठजोड़ ने किया किनारा, किया बेखबर..,
आपने रविन्द्र जैसे पुत्र को जन्म दिया.., जो क़ानून के गुणगान करने वाले कवि जो इन्द्र रूपी आनंद से इसी क़ानून की छाँव से चाव से आज देश के हुकूमतदार बन कर सत्ता की समानांतर व्यवस्था से देश की अर्थ व्यवस्था को व्यय कर देश को चौपट कर रहें हैं ..
तुम्हारी कोख को देश का सलाम.., एक पुत्र जिसने देश की आन-बान-शान को अक्षुण्ण रखने के लिए नोटों के पुलिंदों पर सोने के बजाय क़ानून द्वारा शोषित करने पर फुटपाथ पर भीख मांगने को मजबूर किया लेकिन भारतमाता की शान को बिकने नहीं दिया.., मीडिया के प्रबुध्ह वर्ग ने तो फूटपाथ पर सोने वालों को कुत्ता कह, अपने घर में पलने वाले कुत्ते को विशिष्ट अतिथी का दर्जा देकर सम्मान का नायक कहलवाया.
आपके बेटे ने फुटपाथ को प्रहरी बनाकर, अपनी अंतिम सांस तक एक महानायक रह कर, फुटपाथ पर मरे हुए गरीबों का प्रतिनिधित्व कर क़ानून को तमाचा मारा.., भले क़ानून ने अपने लाल गालों को, बेशर्मी से गुलाबी मानकर प्रफुल्लित हो..
भारत के कण कण से आ रही माँ भारती की आवाज़
मेरे बच्चो, मत देर करो, तुम्हे ही रखनी है मेरी लाज
अब और सहन नहीं, भ्रष्टाचार और घोटालो की चालबाजिया
आतंकियों का समर्थन, सुरक्षा बलो का अपमान, वोट-बैंक बाजिया
सुरसा जैसी मंहगाई, जनता की तडपन, देश की आर्थिक बदहालिया
लोकतंत्र के नाम पर नपुंशकता , और परिवार विशेष की मनमानिया
जब होती रहे देशी की दुर्गति, तो क्यों नहीं बदल दे ऐसी सरकारिया ?
१. रविन्द्र पाटिल तुम्हे सलाम.., आपने “कर लो कानून मुठ्ठी में” करने वालों का काला चिठ्ठा खोल दिया है.., तुम्हारी गवाही से.., क़ानून में छेद करने वालों के, गुनाहों के औजारों की धार ख़त्म कर दी .., देश का युवक आपकी शहादत से प्रेरणा की एक ईबादत से गर्वीत है.., तुम्हारी मिशाल ने देश में एक “मशाल” जागृत की है.
२. (जनता से सवाल ...क्या..??, रविन्द्र पाटिल का चित्र हर, अदालत में लगना चाहिए ...)
३. भले ही नौकरशाही – माफिया भेड़ियों ने तुम्हे प्रताड़ित किया, तड़फा – तडफा कर , TOP- BUREAUCRATES – जो अधिकतर देश के बुरे कैरेट बनकर, क़ानून की रेटिंग गिरा रहें हैं.. (T.B)..., ने तो देश को T.B. लगाकर, देशवासियों को एक स्वछन्द वातावरण में सांस लेने में घुटन पैदा कर दी है. आप भी इसका भीषणतम शिकार होकर इस देश की काले क़ानून के दुनिया से सिधार गए लेकिन अपने ईमान से नहीं डिगे और मीडिया-नौकरशाही-जजशाही के गुनाहों का चिट्ठा जनता के सामने खुल गया.
४. आपने सिद्ध कर दिया ‘शरीर “ को तो कोई भी मार सकता है .., लेकिन आत्मा को न कोई छेद सकता है ..न,जला सकता है..वह तो , आपने अपना कपड़ा (शरीर) छोड़ कर.., देश की भ्रष्ट माफिया कानूनी राजदारों के कपड़े खोल कर उनकी एक नग्न तस्वीर जनता को दिखा दी है..
५. आज सत्ता के सतरंगी.., देश को “लूट की अमानत” समझकर अपने को “बजरंगी” बल मानकर, देश को लूट में खुली छूट मान कर, देश को बदरंगी बना रहें है..,
========
५a देश के क़ानूनी पंडित .., देश पांडे आपके जज्बे को सलाम.., आपने माना “कानून सबके लिए समान” व “हर नागरिक को मिले सम्मान” . आज के चकाचौंधी माहौल से, महलों में रहने का खवाब से पद को श्वाब मानने वालों को एक सबक देकर, आपकी निर्भीकता से देशवासी गर्वित है..
६. भले ही आपका आदेश “हाई-कोर्ट” ने हाई कोट वाले अपराधी को ३ घंटे में, विशेष प्रोटोकॉल के तहत ..,अतिरिक्त समय के कोर्ट की कार्यवाही बढाकर, जजशाही ने अपनी कोट भरकर, क़ानून को उनकी अमानत कह जमानत दे दी .., अब देशवासियों में ‘आक्रोश” है.., गरीब तो “हाई-कोर्ट” की सीढ़ी चढ़ने में अपाहिज बनाने के बावजूद भी उसे न्याय नहीं मिलता है..
७. दोस्तों.., इस क़ानून से न्याय की गुहार में ४ करोड़ लोग कतार में है.., जीते जी.., न्याय मिलना तो दूर , वह अपनी आयु को बर्बाद कर , अवसाद के दंड से जीवन को बदरंग से वकील-पुलिस-जजशाही के जीवन को सप्तरंगी बनाने का खेल बन गया है...
८. मीडिया-माफिया-कॉर्पोरेट–सत्ताशाही के भ्रष्टाचार के सप्तरंगीयों के खेल से, देश का मोहल्ला,गाँव ,शहर व देश को डूबाने का खेल बदस्तूर जारी है.., बिडवना यह है कि इनके छद्म रूप के बजरंगी बल से जनता भयभीत है.., यदि जनता एकता से अपना बल संयुक्त कर ले तो तो इन “छद्म बजरंगीयों” का, देश को “बदरंग” करने वालों का सूपड़ा साफ़ हो जाएगा
यह ताजा खबर.., बाजा खबर न मानकर मीडिया.., पिछली TRP का न बज जाए बैंड बाजा.., इसी खौंफ से चुप है.
आपकी गुहार..., सुप्रीम कोर्ट में आपकी सलमान ख़ान हिट एंड रन दाखिल याचिका में, इस केस को मुंबई हाईकोर्ट से बाहर ट्रांसफर करने की मांग की थी व आपने सही कहा था इस केस में सलमान खान को पुलिस की तरफ़ से काफी मदद की गई और हाइकोर्ट ने भी गलत तरीके से उन्हें सज़ा के बावजूद जमानत दी है, ऐसे में उनकी ज़मानत को भी रद्द किया जाना चाहिए.
भले ही सुप्रीम कोर्ट के सुपर कोट को इसमें कोई खोट नजर न आया , हाई कोटों का सम्मान से, विशिष्ट मान देकर सलमान की ज़मानत याचिका रद्द करने और इस केस को बॉम्बे हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की याचिका ख़ारिज कर, BELL के शंखनाद से बेल को रद्द करने कोखारिज कर. एक नए तारीफ से..,सलमान ख़ान को मान देकर..संविधान में एक STAR जोड़कर, जजशाही गौरान्वीत हुई है सलमान खान को सुप्रीम कोर्ट से राहत दे दी है
इस ताजा खबर से मीडिया-माफिया का गठजोड़ ने किया किनारा, किया बेखबर..,
आपने रविन्द्र जैसे पुत्र को जन्म दिया.., जो क़ानून के गुणगान करने वाले कवि जो इन्द्र रूपी आनंद से इसी क़ानून की छाँव से चाव से आज देश के हुकूमतदार बन कर सत्ता की समानांतर व्यवस्था से देश की अर्थ व्यवस्था को व्यय कर देश को चौपट कर रहें हैं ..
तुम्हारी कोख को देश का सलाम.., एक पुत्र जिसने देश की आन-बान-शान को अक्षुण्ण रखने के लिए नोटों के पुलिंदों पर सोने के बजाय क़ानून द्वारा शोषित करने पर फुटपाथ पर भीख मांगने को मजबूर किया लेकिन भारतमाता की शान को बिकने नहीं दिया.., मीडिया के प्रबुध्ह वर्ग ने तो फूटपाथ पर सोने वालों को कुत्ता कह, अपने घर में पलने वाले कुत्ते को विशिष्ट अतिथी का दर्जा देकर सम्मान का नायक कहलवाया.
आपके बेटे ने फुटपाथ को प्रहरी बनाकर, अपनी अंतिम सांस तक एक महानायक रह कर, फुटपाथ पर मरे हुए गरीबों का प्रतिनिधित्व कर क़ानून को तमाचा मारा.., भले क़ानून ने अपने लाल गालों को, बेशर्मी से गुलाबी मानकर प्रफुल्लित हो..
भारत के कण कण से आ रही माँ भारती की आवाज़
मेरे बच्चो, मत देर करो, तुम्हे ही रखनी है मेरी लाज
अब और सहन नहीं, भ्रष्टाचार और घोटालो की चालबाजिया
आतंकियों का समर्थन, सुरक्षा बलो का अपमान, वोट-बैंक बाजिया
सुरसा जैसी मंहगाई, जनता की तडपन, देश की आर्थिक बदहालिया
लोकतंत्र के नाम पर नपुंशकता , और परिवार विशेष की मनमानिया
जब होती रहे देशी की दुर्गति, तो क्यों नहीं बदल दे ऐसी सरकारिया ?
१. रविन्द्र पाटिल तुम्हे सलाम.., आपने “कर लो कानून मुठ्ठी में” करने वालों का काला चिठ्ठा खोल दिया है.., तुम्हारी गवाही से.., क़ानून में छेद करने वालों के, गुनाहों के औजारों की धार ख़त्म कर दी .., देश का युवक आपकी शहादत से प्रेरणा की एक ईबादत से गर्वीत है.., तुम्हारी मिशाल ने देश में एक “मशाल” जागृत की है.
२. (जनता से सवाल ...क्या..??, रविन्द्र पाटिल का चित्र हर, अदालत में लगना चाहिए ...)
३. भले ही नौकरशाही – माफिया भेड़ियों ने तुम्हे प्रताड़ित किया, तड़फा – तडफा कर , TOP- BUREAUCRATES – जो अधिकतर देश के बुरे कैरेट बनकर, क़ानून की रेटिंग गिरा रहें हैं.. (T.B)..., ने तो देश को T.B. लगाकर, देशवासियों को एक स्वछन्द वातावरण में सांस लेने में घुटन पैदा कर दी है. आप भी इसका भीषणतम शिकार होकर इस देश की काले क़ानून के दुनिया से सिधार गए लेकिन अपने ईमान से नहीं डिगे और मीडिया-नौकरशाही-जजशाही के गुनाहों का चिट्ठा जनता के सामने खुल गया.
४. आपने सिद्ध कर दिया ‘शरीर “ को तो कोई भी मार सकता है .., लेकिन आत्मा को न कोई छेद सकता है ..न,जला सकता है..वह तो , आपने अपना कपड़ा (शरीर) छोड़ कर.., देश की भ्रष्ट माफिया कानूनी राजदारों के कपड़े खोल कर उनकी एक नग्न तस्वीर जनता को दिखा दी है..
५. आज सत्ता के सतरंगी.., देश को “लूट की अमानत” समझकर अपने को “बजरंगी” बल मानकर, देश को लूट में खुली छूट मान कर, देश को बदरंगी बना रहें है..,
========
५a देश के क़ानूनी पंडित .., देश पांडे आपके जज्बे को सलाम.., आपने माना “कानून सबके लिए समान” व “हर नागरिक को मिले सम्मान” . आज के चकाचौंधी माहौल से, महलों में रहने का खवाब से पद को श्वाब मानने वालों को एक सबक देकर, आपकी निर्भीकता से देशवासी गर्वित है..
६. भले ही आपका आदेश “हाई-कोर्ट” ने हाई कोट वाले अपराधी को ३ घंटे में, विशेष प्रोटोकॉल के तहत ..,अतिरिक्त समय के कोर्ट की कार्यवाही बढाकर, जजशाही ने अपनी कोट भरकर, क़ानून को उनकी अमानत कह जमानत दे दी .., अब देशवासियों में ‘आक्रोश” है.., गरीब तो “हाई-कोर्ट” की सीढ़ी चढ़ने में अपाहिज बनाने के बावजूद भी उसे न्याय नहीं मिलता है..
७. दोस्तों.., इस क़ानून से न्याय की गुहार में ४ करोड़ लोग कतार में है.., जीते जी.., न्याय मिलना तो दूर , वह अपनी आयु को बर्बाद कर , अवसाद के दंड से जीवन को बदरंग से वकील-पुलिस-जजशाही के जीवन को सप्तरंगी बनाने का खेल बन गया है...
८. मीडिया-माफिया-कॉर्पोरेट–सत्ताशाही के भ्रष्टाचार के सप्तरंगीयों के खेल से, देश का मोहल्ला,गाँव ,शहर व देश को डूबाने का खेल बदस्तूर जारी है.., बिडवना यह है कि इनके छद्म रूप के बजरंगी बल से जनता भयभीत है.., यदि जनता एकता से अपना बल संयुक्त कर ले तो तो इन “छद्म बजरंगीयों” का, देश को “बदरंग” करने वालों का सूपड़ा साफ़ हो जाएगा
हे माँ, सुशीला बाई, आपकी
सुशीलता से आपकी कोख से रविन्द्र पाटिल जैसे सुपुत्र को पाकर, देश धन्य है...,ऋणी है..,
यह ताजा खबर.., बाजा खबर न मानकर मीडिया.., पिछली TRP का न बज जाए बैंड बाजा.., इसी खौंफ से चुप है.
आपकी गुहार..., सुप्रीम कोर्ट में आपकी सलमान ख़ान हिट एंड रन दाखिल याचिका में, इस केस को मुंबई हाईकोर्ट से बाहर ट्रांसफर करने की मांग की थी व आपने सही कहा था इस केस में सलमान खान को पुलिस की तरफ़ से काफी मदद की गई और हाइकोर्ट ने भी गलत तरीके से उन्हें सज़ा के बावजूद जमानत दी है, ऐसे में उनकी ज़मानत को भी रद्द किया जाना चाहिए.
भले ही सुप्रीम कोर्ट के सुपर कोट को इसमें कोई खोट नजर न आया , हाई कोटों का सम्मान से, विशिष्ट मान देकर सलमान की ज़मानत याचिका रद्द करने और इस केस को बॉम्बे हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की याचिका ख़ारिज कर, BELL के शंखनाद से बेल को रद्द करने कोखारिज कर. एक नए तारीफ से..,सलमान ख़ान को मान देकर..संविधान में एक STAR जोड़कर, जजशाही गौरान्वीत हुई है सलमान खान को सुप्रीम कोर्ट से राहत दे दी है
इस ताजा खबर से मीडिया-माफिया का गठजोड़ ने किया किनारा, किया बेखबर..,
आपने रविन्द्र जैसे पुत्र को जन्म दिया.., जो क़ानून के गुणगान करने वाले कवि जो इन्द्र रूपी आनंद से इसी क़ानून की छाँव से चाव से आज देश के हुकूमतदार बन कर सत्ता की समानांतर व्यवस्था से देश की अर्थ व्यवस्था को व्यय कर देश को चौपट कर रहें हैं ..
तुम्हारी कोख को देश का सलाम.., एक पुत्र जिसने देश की आन-बान-शान को अक्षुण्ण रखने के लिए नोटों के पुलिंदों पर सोने के बजाय क़ानून द्वारा शोषित करने पर फुटपाथ पर भीख मांगने को मजबूर किया लेकिन भारतमाता की शान को बिकने नहीं दिया.., मीडिया के प्रबुध्ह वर्ग ने तो फूटपाथ पर सोने वालों को कुत्ता कह, अपने घर में पलने वाले कुत्ते को विशिष्ट अतिथी का दर्जा देकर सम्मान का नायक कहलवाया.
आपके बेटे ने फुटपाथ को प्रहरी बनाकर, अपनी अंतिम सांस तक एक महानायक रह कर, फुटपाथ पर मरे हुए गरीबों का प्रतिनिधित्व कर क़ानून को तमाचा मारा.., भले क़ानून ने अपने लाल गालों को, बेशर्मी से गुलाबी मानकर प्रफुल्लित हो..
भारत के कण कण से आ रही माँ भारती की आवाज़
मेरे बच्चो, मत देर करो, तुम्हे ही रखनी है मेरी लाज
अब और सहन नहीं, भ्रष्टाचार और घोटालो की चालबाजिया
आतंकियों का समर्थन, सुरक्षा बलो का अपमान, वोट-बैंक बाजिया
सुरसा जैसी मंहगाई, जनता की तडपन, देश की आर्थिक बदहालिया
लोकतंत्र के नाम पर नपुंशकता , और परिवार विशेष की मनमानिया
जब होती रहे देशी की दुर्गति, तो क्यों नहीं बदल दे ऐसी सरकारिया ?
१. रविन्द्र पाटिल तुम्हे सलाम.., आपने “कर लो कानून मुठ्ठी में” करने वालों का काला चिठ्ठा खोल दिया है.., तुम्हारी गवाही से.., क़ानून में छेद करने वालों के, गुनाहों के औजारों की धार ख़त्म कर दी .., देश का युवक आपकी शहादत से प्रेरणा की एक ईबादत से गर्वीत है.., तुम्हारी मिशाल ने देश में एक “मशाल” जागृत की है.
२. (जनता से सवाल ...क्या..??, रविन्द्र पाटिल का चित्र हर, अदालत में लगना चाहिए ...)
३. भले ही नौकरशाही – माफिया भेड़ियों ने तुम्हे प्रताड़ित किया, तड़फा – तडफा कर , TOP- BUREAUCRATES – जो अधिकतर देश के बुरे कैरेट बनकर, क़ानून की रेटिंग गिरा रहें हैं.. (T.B)..., ने तो देश को T.B. लगाकर, देशवासियों को एक स्वछन्द वातावरण में सांस लेने में घुटन पैदा कर दी है. आप भी इसका भीषणतम शिकार होकर इस देश की काले क़ानून के दुनिया से सिधार गए लेकिन अपने ईमान से नहीं डिगे और मीडिया-नौकरशाही-जजशाही के गुनाहों का चिट्ठा जनता के सामने खुल गया.
४. आपने सिद्ध कर दिया ‘शरीर “ को तो कोई भी मार सकता है .., लेकिन आत्मा को न कोई छेद सकता है ..न,जला सकता है..वह तो , आपने अपना कपड़ा (शरीर) छोड़ कर.., देश की भ्रष्ट माफिया कानूनी राजदारों के कपड़े खोल कर उनकी एक नग्न तस्वीर जनता को दिखा दी है..
५. आज सत्ता के सतरंगी.., देश को “लूट की अमानत” समझकर अपने को “बजरंगी” बल मानकर, देश को लूट में खुली छूट मान कर, देश को बदरंगी बना रहें है..,
========
५a देश के क़ानूनी पंडित .., देश पांडे आपके जज्बे को सलाम.., आपने माना “कानून सबके लिए समान” व “हर नागरिक को मिले सम्मान” . आज के चकाचौंधी माहौल से, महलों में रहने का खवाब से पद को श्वाब मानने वालों को एक सबक देकर, आपकी निर्भीकता से देशवासी गर्वित है..
६. भले ही आपका आदेश “हाई-कोर्ट” ने हाई कोट वाले अपराधी को ३ घंटे में, विशेष प्रोटोकॉल के तहत ..,अतिरिक्त समय के कोर्ट की कार्यवाही बढाकर, जजशाही ने अपनी कोट भरकर, क़ानून को उनकी अमानत कह जमानत दे दी .., अब देशवासियों में ‘आक्रोश” है.., गरीब तो “हाई-कोर्ट” की सीढ़ी चढ़ने में अपाहिज बनाने के बावजूद भी उसे न्याय नहीं मिलता है..
७. दोस्तों.., इस क़ानून से न्याय की गुहार में ४ करोड़ लोग कतार में है.., जीते जी.., न्याय मिलना तो दूर , वह अपनी आयु को बर्बाद कर , अवसाद के दंड से जीवन को बदरंग से वकील-पुलिस-जजशाही के जीवन को सप्तरंगी बनाने का खेल बन गया है...
८. मीडिया-माफिया-कॉर्पोरेट–सत्ताशाही के भ्रष्टाचार के सप्तरंगीयों के खेल से, देश का मोहल्ला,गाँव ,शहर व देश को डूबाने का खेल बदस्तूर जारी है.., बिडवना यह है कि इनके छद्म रूप के बजरंगी बल से जनता भयभीत है.., यदि जनता एकता से अपना बल संयुक्त कर ले तो तो इन “छद्म बजरंगीयों” का, देश को “बदरंग” करने वालों का सूपड़ा साफ़ हो जाएगा
यह ताजा खबर.., बाजा खबर न मानकर मीडिया.., पिछली TRP का न बज जाए बैंड बाजा.., इसी खौंफ से चुप है.
आपकी गुहार..., सुप्रीम कोर्ट में आपकी सलमान ख़ान हिट एंड रन दाखिल याचिका में, इस केस को मुंबई हाईकोर्ट से बाहर ट्रांसफर करने की मांग की थी व आपने सही कहा था इस केस में सलमान खान को पुलिस की तरफ़ से काफी मदद की गई और हाइकोर्ट ने भी गलत तरीके से उन्हें सज़ा के बावजूद जमानत दी है, ऐसे में उनकी ज़मानत को भी रद्द किया जाना चाहिए.
भले ही सुप्रीम कोर्ट के सुपर कोट को इसमें कोई खोट नजर न आया , हाई कोटों का सम्मान से, विशिष्ट मान देकर सलमान की ज़मानत याचिका रद्द करने और इस केस को बॉम्बे हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की याचिका ख़ारिज कर, BELL के शंखनाद से बेल को रद्द करने कोखारिज कर. एक नए तारीफ से..,सलमान ख़ान को मान देकर..संविधान में एक STAR जोड़कर, जजशाही गौरान्वीत हुई है सलमान खान को सुप्रीम कोर्ट से राहत दे दी है
इस ताजा खबर से मीडिया-माफिया का गठजोड़ ने किया किनारा, किया बेखबर..,
आपने रविन्द्र जैसे पुत्र को जन्म दिया.., जो क़ानून के गुणगान करने वाले कवि जो इन्द्र रूपी आनंद से इसी क़ानून की छाँव से चाव से आज देश के हुकूमतदार बन कर सत्ता की समानांतर व्यवस्था से देश की अर्थ व्यवस्था को व्यय कर देश को चौपट कर रहें हैं ..
तुम्हारी कोख को देश का सलाम.., एक पुत्र जिसने देश की आन-बान-शान को अक्षुण्ण रखने के लिए नोटों के पुलिंदों पर सोने के बजाय क़ानून द्वारा शोषित करने पर फुटपाथ पर भीख मांगने को मजबूर किया लेकिन भारतमाता की शान को बिकने नहीं दिया.., मीडिया के प्रबुध्ह वर्ग ने तो फूटपाथ पर सोने वालों को कुत्ता कह, अपने घर में पलने वाले कुत्ते को विशिष्ट अतिथी का दर्जा देकर सम्मान का नायक कहलवाया.
आपके बेटे ने फुटपाथ को प्रहरी बनाकर, अपनी अंतिम सांस तक एक महानायक रह कर, फुटपाथ पर मरे हुए गरीबों का प्रतिनिधित्व कर क़ानून को तमाचा मारा.., भले क़ानून ने अपने लाल गालों को, बेशर्मी से गुलाबी मानकर प्रफुल्लित हो..
भारत के कण कण से आ रही माँ भारती की आवाज़
मेरे बच्चो, मत देर करो, तुम्हे ही रखनी है मेरी लाज
अब और सहन नहीं, भ्रष्टाचार और घोटालो की चालबाजिया
आतंकियों का समर्थन, सुरक्षा बलो का अपमान, वोट-बैंक बाजिया
सुरसा जैसी मंहगाई, जनता की तडपन, देश की आर्थिक बदहालिया
लोकतंत्र के नाम पर नपुंशकता , और परिवार विशेष की मनमानिया
जब होती रहे देशी की दुर्गति, तो क्यों नहीं बदल दे ऐसी सरकारिया ?
१. रविन्द्र पाटिल तुम्हे सलाम.., आपने “कर लो कानून मुठ्ठी में” करने वालों का काला चिठ्ठा खोल दिया है.., तुम्हारी गवाही से.., क़ानून में छेद करने वालों के, गुनाहों के औजारों की धार ख़त्म कर दी .., देश का युवक आपकी शहादत से प्रेरणा की एक ईबादत से गर्वीत है.., तुम्हारी मिशाल ने देश में एक “मशाल” जागृत की है.
२. (जनता से सवाल ...क्या..??, रविन्द्र पाटिल का चित्र हर, अदालत में लगना चाहिए ...)
३. भले ही नौकरशाही – माफिया भेड़ियों ने तुम्हे प्रताड़ित किया, तड़फा – तडफा कर , TOP- BUREAUCRATES – जो अधिकतर देश के बुरे कैरेट बनकर, क़ानून की रेटिंग गिरा रहें हैं.. (T.B)..., ने तो देश को T.B. लगाकर, देशवासियों को एक स्वछन्द वातावरण में सांस लेने में घुटन पैदा कर दी है. आप भी इसका भीषणतम शिकार होकर इस देश की काले क़ानून के दुनिया से सिधार गए लेकिन अपने ईमान से नहीं डिगे और मीडिया-नौकरशाही-जजशाही के गुनाहों का चिट्ठा जनता के सामने खुल गया.
४. आपने सिद्ध कर दिया ‘शरीर “ को तो कोई भी मार सकता है .., लेकिन आत्मा को न कोई छेद सकता है ..न,जला सकता है..वह तो , आपने अपना कपड़ा (शरीर) छोड़ कर.., देश की भ्रष्ट माफिया कानूनी राजदारों के कपड़े खोल कर उनकी एक नग्न तस्वीर जनता को दिखा दी है..
५. आज सत्ता के सतरंगी.., देश को “लूट की अमानत” समझकर अपने को “बजरंगी” बल मानकर, देश को लूट में खुली छूट मान कर, देश को बदरंगी बना रहें है..,
========
५a देश के क़ानूनी पंडित .., देश पांडे आपके जज्बे को सलाम.., आपने माना “कानून सबके लिए समान” व “हर नागरिक को मिले सम्मान” . आज के चकाचौंधी माहौल से, महलों में रहने का खवाब से पद को श्वाब मानने वालों को एक सबक देकर, आपकी निर्भीकता से देशवासी गर्वित है..
६. भले ही आपका आदेश “हाई-कोर्ट” ने हाई कोट वाले अपराधी को ३ घंटे में, विशेष प्रोटोकॉल के तहत ..,अतिरिक्त समय के कोर्ट की कार्यवाही बढाकर, जजशाही ने अपनी कोट भरकर, क़ानून को उनकी अमानत कह जमानत दे दी .., अब देशवासियों में ‘आक्रोश” है.., गरीब तो “हाई-कोर्ट” की सीढ़ी चढ़ने में अपाहिज बनाने के बावजूद भी उसे न्याय नहीं मिलता है..
७. दोस्तों.., इस क़ानून से न्याय की गुहार में ४ करोड़ लोग कतार में है.., जीते जी.., न्याय मिलना तो दूर , वह अपनी आयु को बर्बाद कर , अवसाद के दंड से जीवन को बदरंग से वकील-पुलिस-जजशाही के जीवन को सप्तरंगी बनाने का खेल बन गया है...
८. मीडिया-माफिया-कॉर्पोरेट–सत्ताशाही के भ्रष्टाचार के सप्तरंगीयों के खेल से, देश का मोहल्ला,गाँव ,शहर व देश को डूबाने का खेल बदस्तूर जारी है.., बिडवना यह है कि इनके छद्म रूप के बजरंगी बल से जनता भयभीत है.., यदि जनता एकता से अपना बल संयुक्त कर ले तो तो इन “छद्म बजरंगीयों” का, देश को “बदरंग” करने वालों का सूपड़ा साफ़ हो जाएगा
रविन्द्र पाटिल तुम्हे सलाम.., आपने “कर लो कानून मुठ्ठी में” करने वालों का काला चिठ्ठा खोल दिया है.., तुम्हारी गवाही से.., क़ानून में छेद करने वालों के, गुनाहों के औजारों की धार ख़त्म कर दी .., देश का युवक आपकी शहादत से प्रेरणा की एक ईबादत से गर्वीत है.., तुम्हारी मिशाल ने देश में एक “मशाल” जागृत की है.
२. (जनता से सवाल ...क्या..??, रविन्द्र पाटिल का चित्र हर, अदालत में लगना चाहिए ...)
३. भले ही नौकरशाही – माफिया भेड़ियों ने तुम्हे प्रताड़ित किया, तड़फा – तडफा कर , TOP- BUREAUCRATES – जो अधिकतर देश के बुरे कैरेट बनकर, क़ानून की रेटिंग गिरा रहें हैं.. (T.B)..., ने तो देश को T.B. लगाकर, देशवासियों को एक स्वछन्द वातावरण में सांस लेने में घुटन पैदा कर दी है. आप भी इसका भीषणतम शिकार होकर इस देश की काले क़ानून के दुनिया से सिधार गए लेकिन अपने ईमान से नहीं डिगे और मीडिया-नौकरशाही-जजशाही के गुनाहों का चिट्ठा जनता के सामने खुल गया.
४. आपने सिद्ध कर दिया ‘शरीर “ को तो कोई भी मार सकता है .., लेकिन आत्मा को न कोई छेद सकता है ..न,जला सकता है..वह तो , आपने अपना कपड़ा (शरीर) छोड़ कर.., देश की भ्रष्ट माफिया कानूनी राजदारों के कपड़े खोल कर उनकी एक नग्न तस्वीर जनता को दिखा दी है..
५. आज सत्ता के सतरंगी.., देश को “लूट की अमानत” समझकर अपने को “बजरंगी” बल मानकर, देश को लूट में खुली छूट मान कर, देश को बदरंगी बना रहें है..,
========
५ देश के क़ानूनी पंडित .., देश पांडे आपके जज्बे को सलाम.., आपने माना “कानून सबके लिए समान” व “हर नागरिक को मिले सम्मान” . आज के चकाचौंधी माहौल से, महलों में रहने का खवाब से पद को श्वाब मानने वालों को एक सबक देकर, आपकी निर्भीकता से देशवासी गर्वित है..
६. भले ही आपका आदेश “हाई-कोर्ट” ने हाई कोट वाले अपराधी को ३ घंटे में, विशेष प्रोटोकॉल के तहत ..,अतिरिक्त समय के कोर्ट की कार्यवाही बढाकर, जजशाही ने अपनी कोट भरकर, क़ानून को उनकी अमानत कह जमानत दे दी .., अब देशवासियों में ‘आक्रोश” है.., गरीब तो “हाई-कोर्ट” की सीढ़ी चढ़ने में अपाहिज बनाने के बावजूद भी उसे न्याय नहीं मिलता है..
७. दोस्तों.., इस क़ानून से न्याय की गुहार में ४ करोड़ लोग कतार में है.., जीते जी.., न्याय मिलना तो दूर , वह अपनी आयु को बर्बाद कर , अवसाद के दंड से जीवन को बदरंग से वकील-पुलिस-जजशाही के जीवन को सप्तरंगी बनाने का खेल बन गया है...
८. मीडिया-माफिया-कॉर्पोरेट–सत्ताशाही के भ्रष्टाचार के सप्तरंगीयों के खेल से, देश का मोहल्ला,गाँव ,शहर व देश को डूबाने का खेल बदस्तूर जारी है.., बिडवना यह है कि इनके छद्म रूप के बजरंगी बल से जनता भयभीत है.., यदि जनता एकता से अपना बल संयुक्त कर ले तो तो इन “छद्म बजरंगीयों” का, देश को “बदरंग” करने वालों का सूपड़ा साफ़ हो जाएगा .
Let's not make a party but become part of the country. I'm made for the country and will not let the soil of the country be sold. के संकल्प से गरीबी हटकर, भारत निर्माण से, इंडिया शायनिंग से, हमारे LONG – INNING से देश के अच्छे दिन आयेंगें..,
रविन्द्र पाटिल तुम्हे सलाम.., आपने “कर लो कानून मुठ्ठी में” करने वालों का काला चिठ्ठा खोल दिया है.., तुम्हारी गवाही से.., क़ानून में छेद करने वालों के, गुनाहों के औजारों की धार ख़त्म कर दी .., देश का युवक आपकी शहादत से प्रेरणा की एक ईबादत से गर्वीत है.., तुम्हारी मिशाल ने देश में एक “मशाल” जागृत की है.
२. (जनता से सवाल ...क्या..??, रविन्द्र पाटिल का चित्र हर, अदालत में लगना चाहिए ...)
३. भले ही नौकरशाही – माफिया भेड़ियों ने तुम्हे प्रताड़ित किया, तड़फा – तडफा कर , TOP- BUREAUCRATES – जो अधिकतर देश के बुरे कैरेट बनकर, क़ानून की रेटिंग गिरा रहें हैं.. (T.B)..., ने तो देश को T.B. लगाकर, देशवासियों को एक स्वछन्द वातावरण में सांस लेने में घुटन पैदा कर दी है. आप भी इसका भीषणतम शिकार होकर इस देश की काले क़ानून के दुनिया से सिधार गए लेकिन अपने ईमान से नहीं डिगे और मीडिया-नौकरशाही-जजशाही के गुनाहों का चिट्ठा जनता के सामने खुल गया.
४. आपने सिद्ध कर दिया ‘शरीर “ को तो कोई भी मार सकता है .., लेकिन आत्मा को न कोई छेद सकता है ..न,जला सकता है..वह तो , आपने अपना कपड़ा (शरीर) छोड़ कर.., देश की भ्रष्ट माफिया कानूनी राजदारों के कपड़े खोल कर उनकी एक नग्न तस्वीर जनता को दिखा दी है..
५. आज सत्ता के सतरंगी.., देश को “लूट की अमानत” समझकर अपने को “बजरंगी” बल मानकर, देश को लूट में खुली छूट मान कर, देश को बदरंगी बना रहें है..,
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५ देश के क़ानूनी पंडित .., देश पांडे आपके जज्बे को सलाम.., आपने माना “कानून सबके लिए समान” व “हर नागरिक को मिले सम्मान” . आज के चकाचौंधी माहौल से, महलों में रहने का खवाब से पद को श्वाब मानने वालों को एक सबक देकर, आपकी निर्भीकता से देशवासी गर्वित है..
६. भले ही आपका आदेश “हाई-कोर्ट” ने हाई कोट वाले अपराधी को ३ घंटे में, विशेष प्रोटोकॉल के तहत ..,अतिरिक्त समय के कोर्ट की कार्यवाही बढाकर, जजशाही ने अपनी कोट भरकर, क़ानून को उनकी अमानत कह जमानत दे दी .., अब देशवासियों में ‘आक्रोश” है.., गरीब तो “हाई-कोर्ट” की सीढ़ी चढ़ने में अपाहिज बनाने के बावजूद भी उसे न्याय नहीं मिलता है..
७. दोस्तों.., इस क़ानून से न्याय की गुहार में ४ करोड़ लोग कतार में है.., जीते जी.., न्याय मिलना तो दूर , वह अपनी आयु को बर्बाद कर , अवसाद के दंड से जीवन को बदरंग से वकील-पुलिस-जजशाही के जीवन को सप्तरंगी बनाने का खेल बन गया है...
८. मीडिया-माफिया-कॉर्पोरेट–सत्ताशाही के भ्रष्टाचार के सप्तरंगीयों के खेल से, देश का मोहल्ला,गाँव ,शहर व देश को डूबाने का खेल बदस्तूर जारी है.., बिडवना यह है कि इनके छद्म रूप के बजरंगी बल से जनता भयभीत है.., यदि जनता एकता से अपना बल संयुक्त कर ले तो तो इन “छद्म बजरंगीयों” का, देश को “बदरंग” करने वालों का सूपड़ा साफ़ हो जाएगा .
Let's not make a party but become part of the country. I'm made for the country and will not let the soil of the country be sold. के संकल्प से गरीबी हटकर, भारत निर्माण से, इंडिया शायनिंग से, हमारे LONG – INNING से देश के अच्छे दिन आयेंगें..,
१. , १३ सालों से अपने गुनाहों को छलका-कर, क़ानून का छिलका निकाल कर, उसके इतने छेद कर, सलामत खान के दबंगी रंग की ५ साल की सजा भी उपहास साबित हुई..., क़ानून कहां से साँस ले कहा से ......!!!!, इसी
असमंजस में अपनी सलामती से सलमान खान को ३ घंटे में ३३ घन्टे की जमानत से मीडिया
ने भी ३०० करोड़ रूपये ..., सट्टेबाजों ने ३००० करोड़ का सट्टे
से.., मेरे महान संविधान से हट्टे-कट्टे
हो गए.., बाद में 30
हजार की अमानत की जमानत से सलमान खान सही सलामत घर पहुँच गए...
२. TRP के खेल में १३ साल के पीड़ित के घाव सहलाने के खेल में क़ानून को कैसे सुलाया जता है..., और हाई कोर्ट के जजों के आँखों में कैसे नोट की पत्ती से पट्टी बांधी जाती है..., इसकी नग्नता का खेल से , जनता भी अपनी नग्न आँखों से देखकर भी ..., आपस में बुद -बुदाते हुए.., दबी जुबान से विरोध की सीमा में रहती है...
३. अब इस मुकदमे ने भी दम तोड़ दिया है..., पीड़ित तो और ५० साल तक इस क़ानून के पेड़ में लटके रह-कर अपना दम तोड़ देंगें..., और पेड मीडिया भी ऐसे पेड़ में लटके लोगों से, आगे भी सुनहरा अवसर देख-कर TRP से पेट भरने के लिए कमर कसने के लिए तैयार रहेगी.., और TRP से करहाते पीड़ित को सहलाते का दंभ भरते रहेगी.., और यह एक दिन की हैडलाइन ..., क़ानून से पीड़ित की DEAD –LINE का भविष्य भी लिख देगी
४. मैने एक कहावत सुनी है, जो मेरे दिमाग को झकझोर देती है…?????? मारने वाले से बचाने वाला बडा होता है.,
यदि मेरे देश के संविधान मे यह कानून जोड दिया जाय कि अपराध करने वाले से अपराध करवाने वाला मुख्य दोषी है तो देश
के 50-80% पुलिस थानों के पुलिसों व सत्ताधरिओं व आतंकवादिओं का सफाया हो जायेगा
५. दोस्तों...,न्याय के साथ जब तक वकीलों की दलाली और मोहताजी जुड़ी रहेगी, तब तक कुछ नहीं होगा। हमारी सरकार को डेढ़ सौ साल बनाई गई अदालती प्रक्रियाओं को बदलने की गरज नहीं है। अदालतों में जन भाषा का कोई स्थान नहीं है। अंग्रेजों के स्पेलिंग मिस्टेक को ठीक करने तक की हिम्मत सरकार में नहीं है। जब आपको सत्ता परिवर्तित हिन्दुस्तान (जिसे सरकार आजाद इंडिया कह कर झूम रही है?) में प्रशासन चलाने की तहजीब ही नहीं आई तो फिर कानून पर कानून बनाते जाइए, कोई फर्क नहीं पड़ेगा। ऐसे में यह सोचना होगा कि हर मर्ज की दवा कानून पास करना नहीं है। पहले कानून के रखवालों को उस लायक बनाना होगा।
६. देश के 20 करोड पक्षकार (वादी-प्रतिवादी) न्याय के इंतजार में है ?
हमारे देश मे आज;
31 सुप्रीम कोर्ट है
895 हाई कोर्ट है
22000 निचले कोर्ट
17 लाख वकीलो की लूटने वाली भारी भरकम फौज है, जो वादी-प्रतिवादी के साथ दुखों का व्यापार करते है, फिर भी देश मे 3 करोड 50 लाख से भी ज्यादा मामले विचाराधीन है ?
७. आज न्यायालय की हर सीढी, आम आदमी की बरबादी की सीढी है, इस एक-एक सीढी को चढने मे आदमी की एक-एक साल की कमाइ चले जाती है, पूरी सीढी चढने के लिये बच्चों की भी कमाइ लगानी पडती है, इस न्यायलय की सीढी मे आम आदमी अवसाध मे जाकर यदा कदा, यदि उसे न्याय भी मिल गया तो उसे उच्च न्यायालय के सीढी मे चढने के लिये अपनी जमीन बेचनी पढती है, और उच्चतम न्यायालय मे इंसाफ के लिये घर बार बेच कर वह बंजारे का जीवन जीता है.
८. आज देश भर मे 17 लाख वकीलो की भारी भरकम फौज है, जो गरीबों की रोटी छीन कर अपना जीवन सँवार रहे है,यदि हमारे कानूनो मे पारदर्शीता होती, तो ये वकीली पेशा, यदि शिक्षक के रूप में परिवर्तित होते तो आज हमारी शिक्षा दर 100% होती, आज तक इस संविधान से हमारे अनन्य जंगली पेडों को , कानून के कागज बनाने के लिये बलि (काटे गये) कर दिए हैं,
९.वही, सफेद पोश नकाब वाले राजनैतिक व माफियाओं के लिये उच्चतम न्यायालय, उनके अपने कारनामों की प्रेरणा स्थली है. आज के सत्ता के दिग्गजो व माफियाओ के लिये यह सुरक्षा कवच बन गया है.
१०.आज एक जज का कार्यकाल 2-3 साल तक होता है,जब वह मुकदमे का पहलू समझने लगता है, तो उसका कार्यकाल पूरे होने से पहिले, निम्न अदालतों में वह कानून के तराजू मे धन का वजन देख कर , धन का गुलाम हो कर , अपना विवेक / चरित्र खो कर, अनचाहे निर्णय देकर अपने अवकाश जीवन का मजा लेता है, यही निर्णय उच्च न्यायालय मे उलट दिये जाते है और निम्न अदालतों के जज, जो अवकाश प्राप्त हो जाते है, उन्हे सजा नही मिलती है ?.
आज एक मुकदमें का सुप्रीम तक,मुकदमा लडने पर 25-30 साल लग जातें है, इसका अर्थ यही हुआ कि एक निर्णय के लिये संविधान (कानून) ने सभी जजों व उनके सिपहालकार (लेखाकारों से चपरासी की फौजों व अन्य लोगों) को 25-30 साल तक मुफ्त वेतन दे रहा है, और वे कानून का शहद पी कर सत्ता के गुलाम हो जाते हैं. और वादी-प्रतिवादी को हडकाते हुए, दोनो पक्षों से तारीख पर तारीख की फीस (ENTRY FEES) वसूलते हैं, और वादी -प्रतिवादी के घरों मे कानून के कागज का पुलिंदा जमा हो जाता है, 25-30 सालो मे कानून के कागज को, दीमक कानून के शब्दों को खा कर अपराधी निर्दोष साबित होता है..??? , यो कहे अपराधी दुध का धुला साबित होता है?. और 25-30 सालों की कानून की परिभाषा की मेहनत शून्य हो जाती है?
११. यह जो, अंग्रेजो के जमाने का कानून व संविधान है
अब यह, सत्ताखोरो का स्व: विधान बन गया है. सफेद पोश नकाब वालों का तिहाड जेल (सफेद जेल- सफेद पानी – मिनरल पानी -) का कारागृह एक आरामगृह बन गया है.
जब वीर सावरकर के अंडमान जेल मे अमानवीय अत्याचार के वजह से जेलर बैरी को काला पानी के जेल के कृत्य से ब्रिटिश की राजधानी को थर्राकर रख दिया था. विश्व के गुलाम देशों के नागरिकों को, अंग्रेजों से नफरत होने लगी थी..., (याद रहे, जेलर बैरी ने अंग्रेज प्रशासकों को बताया था कि वीर सावरकर को प्रताडना व कडी सजा के बावजूद वे टस से मस होने वालो मे से नही है, वह फौलादी दिल वाला इंसान है और उनके {वीर सावरकर} जेल के कार्यकालमे 90% से ज्यादा कैदी साक्षर हो गये हैं, - इनमे से 60% से ज्यादा मुसलिम कैदी थे
१२. यह वही सविधान है..?????, जब कलमाडी को, तिहाड जेल, सजजो जो जेल- सफेद पानी) मे सजा होने पर तिहाड जेल के जेलर ने अपने कार्यालय मे कलमाडी को, हलवा पूरी, व सफेद पानी (मिनरल पानी) खिलाते-पिलाते पकडे जाने पर , जेलर (सफेद पानीसफ़ेद ) का तबादला, देश की राजधानी से, अंडमान जेल (काला पानी) मे कर दिया. दिया
१३. अंडमान जेल में कडी ठंड मे , वीर सावरकर को कंबल नही दिया जाता था ताकि ठंड से वे ठिठुर – ठिठुर कर मर जाये, इस दंड का भी तोड, वीर सावरकर ने निकाल लिया, वे रात भर शरीर गर्म रखने के लिये दंड-बैठक करते थे, और इसके बाद, उन्हें और उनके जेल के साथियों को,सवेरे से शाम तक कोल्हू के बैल की तरह से तेल निकालना पडता था. जबकि आज तिहाड जेल के सफेद पोश नकाब वाले राजनैतिकों व माफियाओं को, हीटर व वेटर की एशों-आराम की सुविधा है.
१४. वही काँमन वेल्थ गेम के खेल घोटाले के शंहशाह, कलमाडी, जिसने भ्रष्टाचार की बालवाडी, के रूप मे नौकरशाहों, सत्ताशाहों की नई पीढी मे भ्रष्टाचार का बिगुल फुका था. काँमन वेल्थ गेम की सफलता का दावा करते हुए,कलमाडी ने ओलंपिक खेलो का भी आयोजन का दावा ठोक दिया और, अब हम 25 लाख करोड के घोटाले के लिये तैयार है.
१५. पिछली सरकार के कार्यकाल मे प्रधानमंत्री कार्यालय का बयान आया था कि हमने देश की इज्जत बचाने (यों कहें, जनता की इज्जत लुटाकर) के लिये 1 लाख करोड रूपये खर्च किये है.
इसी संविधान को वापस याद करें, यदि देश मे सत्ता परिवर्तने के बाद एक रेल्वे के बुकिग कर्लक (बाबू) को 2 रूपये रिश्वत लेने पर 3 साल की सजा मिली , तो आप सोच सकते है की 1लाख करोड रूपये के गोलमाल मे देश के कलमाडी ( सत्ताधारिओ के,बलमा-डी) को कितनी सजा मिलनी चाहिये.
१६. 2011 के अंत मे दिग्विजय सिंग ने पुना मे अपने सम्रर्थकों के साथ कहा, अब कलमाडी को बहुत सजा मिल चुकी है, अब सुप्रीम कोर्ट को उन्हे रिहा कर देना चाहिये, और उनके पीछे समर्थको का झुंड “भारतमाता की जय” के नारे लगा रहे थे. बडे ताज्जुब कि बात है कि पिछले साल 26 जनवरी 2012 के कुछ दिन पहले ही , सुप्रीम कोर्ट ने देश को, क्या? संविधान के तोहफे के रूप मे कलमाडी को रिहा किया?. या दिग्विजय सिंग के उदघोष से?,
पुना में, कलमाडी को काँग्रेस कार्यकर्ताओं ने ढोल नगाडों के साथ “पुना का राजा” बनाकर स्वागत किया.
१७. एक बात और जिस वीर सावरकर ने, अपने अदभुत विचारों से पुना को अपनी कर्म भूमी बनाकर युवा क्रांति का बिगुल फुकनें पर, उनकी ख्याति राष्ट्रीय स्तर पर पहुची, वही 1लाख करोड रूपये के गोलमाल मे देश के कलमाडी ( सत्ताधारिओ के,बलमा-डी) ने पुना के साथ देश की बेज्जती अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कर दी और फिर भी काग्रेस के लाल (कार्यकर्ता) “भारतमाता की जय” के नारे लगा रहे है.
२. TRP के खेल में १३ साल के पीड़ित के घाव सहलाने के खेल में क़ानून को कैसे सुलाया जता है..., और हाई कोर्ट के जजों के आँखों में कैसे नोट की पत्ती से पट्टी बांधी जाती है..., इसकी नग्नता का खेल से , जनता भी अपनी नग्न आँखों से देखकर भी ..., आपस में बुद -बुदाते हुए.., दबी जुबान से विरोध की सीमा में रहती है...
३. अब इस मुकदमे ने भी दम तोड़ दिया है..., पीड़ित तो और ५० साल तक इस क़ानून के पेड़ में लटके रह-कर अपना दम तोड़ देंगें..., और पेड मीडिया भी ऐसे पेड़ में लटके लोगों से, आगे भी सुनहरा अवसर देख-कर TRP से पेट भरने के लिए कमर कसने के लिए तैयार रहेगी.., और TRP से करहाते पीड़ित को सहलाते का दंभ भरते रहेगी.., और यह एक दिन की हैडलाइन ..., क़ानून से पीड़ित की DEAD –LINE का भविष्य भी लिख देगी
४. मैने एक कहावत सुनी है, जो मेरे दिमाग को झकझोर देती है…?????? मारने वाले से बचाने वाला बडा होता है.,
यदि मेरे देश के संविधान मे यह कानून जोड दिया जाय कि अपराध करने वाले से अपराध करवाने वाला मुख्य दोषी है तो देश
के 50-80% पुलिस थानों के पुलिसों व सत्ताधरिओं व आतंकवादिओं का सफाया हो जायेगा
५. दोस्तों...,न्याय के साथ जब तक वकीलों की दलाली और मोहताजी जुड़ी रहेगी, तब तक कुछ नहीं होगा। हमारी सरकार को डेढ़ सौ साल बनाई गई अदालती प्रक्रियाओं को बदलने की गरज नहीं है। अदालतों में जन भाषा का कोई स्थान नहीं है। अंग्रेजों के स्पेलिंग मिस्टेक को ठीक करने तक की हिम्मत सरकार में नहीं है। जब आपको सत्ता परिवर्तित हिन्दुस्तान (जिसे सरकार आजाद इंडिया कह कर झूम रही है?) में प्रशासन चलाने की तहजीब ही नहीं आई तो फिर कानून पर कानून बनाते जाइए, कोई फर्क नहीं पड़ेगा। ऐसे में यह सोचना होगा कि हर मर्ज की दवा कानून पास करना नहीं है। पहले कानून के रखवालों को उस लायक बनाना होगा।
६. देश के 20 करोड पक्षकार (वादी-प्रतिवादी) न्याय के इंतजार में है ?
हमारे देश मे आज;
31 सुप्रीम कोर्ट है
895 हाई कोर्ट है
22000 निचले कोर्ट
17 लाख वकीलो की लूटने वाली भारी भरकम फौज है, जो वादी-प्रतिवादी के साथ दुखों का व्यापार करते है, फिर भी देश मे 3 करोड 50 लाख से भी ज्यादा मामले विचाराधीन है ?
७. आज न्यायालय की हर सीढी, आम आदमी की बरबादी की सीढी है, इस एक-एक सीढी को चढने मे आदमी की एक-एक साल की कमाइ चले जाती है, पूरी सीढी चढने के लिये बच्चों की भी कमाइ लगानी पडती है, इस न्यायलय की सीढी मे आम आदमी अवसाध मे जाकर यदा कदा, यदि उसे न्याय भी मिल गया तो उसे उच्च न्यायालय के सीढी मे चढने के लिये अपनी जमीन बेचनी पढती है, और उच्चतम न्यायालय मे इंसाफ के लिये घर बार बेच कर वह बंजारे का जीवन जीता है.
८. आज देश भर मे 17 लाख वकीलो की भारी भरकम फौज है, जो गरीबों की रोटी छीन कर अपना जीवन सँवार रहे है,यदि हमारे कानूनो मे पारदर्शीता होती, तो ये वकीली पेशा, यदि शिक्षक के रूप में परिवर्तित होते तो आज हमारी शिक्षा दर 100% होती, आज तक इस संविधान से हमारे अनन्य जंगली पेडों को , कानून के कागज बनाने के लिये बलि (काटे गये) कर दिए हैं,
९.वही, सफेद पोश नकाब वाले राजनैतिक व माफियाओं के लिये उच्चतम न्यायालय, उनके अपने कारनामों की प्रेरणा स्थली है. आज के सत्ता के दिग्गजो व माफियाओ के लिये यह सुरक्षा कवच बन गया है.
१०.आज एक जज का कार्यकाल 2-3 साल तक होता है,जब वह मुकदमे का पहलू समझने लगता है, तो उसका कार्यकाल पूरे होने से पहिले, निम्न अदालतों में वह कानून के तराजू मे धन का वजन देख कर , धन का गुलाम हो कर , अपना विवेक / चरित्र खो कर, अनचाहे निर्णय देकर अपने अवकाश जीवन का मजा लेता है, यही निर्णय उच्च न्यायालय मे उलट दिये जाते है और निम्न अदालतों के जज, जो अवकाश प्राप्त हो जाते है, उन्हे सजा नही मिलती है ?.
आज एक मुकदमें का सुप्रीम तक,मुकदमा लडने पर 25-30 साल लग जातें है, इसका अर्थ यही हुआ कि एक निर्णय के लिये संविधान (कानून) ने सभी जजों व उनके सिपहालकार (लेखाकारों से चपरासी की फौजों व अन्य लोगों) को 25-30 साल तक मुफ्त वेतन दे रहा है, और वे कानून का शहद पी कर सत्ता के गुलाम हो जाते हैं. और वादी-प्रतिवादी को हडकाते हुए, दोनो पक्षों से तारीख पर तारीख की फीस (ENTRY FEES) वसूलते हैं, और वादी -प्रतिवादी के घरों मे कानून के कागज का पुलिंदा जमा हो जाता है, 25-30 सालो मे कानून के कागज को, दीमक कानून के शब्दों को खा कर अपराधी निर्दोष साबित होता है..??? , यो कहे अपराधी दुध का धुला साबित होता है?. और 25-30 सालों की कानून की परिभाषा की मेहनत शून्य हो जाती है?
११. यह जो, अंग्रेजो के जमाने का कानून व संविधान है
अब यह, सत्ताखोरो का स्व: विधान बन गया है. सफेद पोश नकाब वालों का तिहाड जेल (सफेद जेल- सफेद पानी – मिनरल पानी -) का कारागृह एक आरामगृह बन गया है.
जब वीर सावरकर के अंडमान जेल मे अमानवीय अत्याचार के वजह से जेलर बैरी को काला पानी के जेल के कृत्य से ब्रिटिश की राजधानी को थर्राकर रख दिया था. विश्व के गुलाम देशों के नागरिकों को, अंग्रेजों से नफरत होने लगी थी..., (याद रहे, जेलर बैरी ने अंग्रेज प्रशासकों को बताया था कि वीर सावरकर को प्रताडना व कडी सजा के बावजूद वे टस से मस होने वालो मे से नही है, वह फौलादी दिल वाला इंसान है और उनके {वीर सावरकर} जेल के कार्यकालमे 90% से ज्यादा कैदी साक्षर हो गये हैं, - इनमे से 60% से ज्यादा मुसलिम कैदी थे
१२. यह वही सविधान है..?????, जब कलमाडी को, तिहाड जेल, सजजो जो जेल- सफेद पानी) मे सजा होने पर तिहाड जेल के जेलर ने अपने कार्यालय मे कलमाडी को, हलवा पूरी, व सफेद पानी (मिनरल पानी) खिलाते-पिलाते पकडे जाने पर , जेलर (सफेद पानीसफ़ेद ) का तबादला, देश की राजधानी से, अंडमान जेल (काला पानी) मे कर दिया. दिया
१३. अंडमान जेल में कडी ठंड मे , वीर सावरकर को कंबल नही दिया जाता था ताकि ठंड से वे ठिठुर – ठिठुर कर मर जाये, इस दंड का भी तोड, वीर सावरकर ने निकाल लिया, वे रात भर शरीर गर्म रखने के लिये दंड-बैठक करते थे, और इसके बाद, उन्हें और उनके जेल के साथियों को,सवेरे से शाम तक कोल्हू के बैल की तरह से तेल निकालना पडता था. जबकि आज तिहाड जेल के सफेद पोश नकाब वाले राजनैतिकों व माफियाओं को, हीटर व वेटर की एशों-आराम की सुविधा है.
१४. वही काँमन वेल्थ गेम के खेल घोटाले के शंहशाह, कलमाडी, जिसने भ्रष्टाचार की बालवाडी, के रूप मे नौकरशाहों, सत्ताशाहों की नई पीढी मे भ्रष्टाचार का बिगुल फुका था. काँमन वेल्थ गेम की सफलता का दावा करते हुए,कलमाडी ने ओलंपिक खेलो का भी आयोजन का दावा ठोक दिया और, अब हम 25 लाख करोड के घोटाले के लिये तैयार है.
१५. पिछली सरकार के कार्यकाल मे प्रधानमंत्री कार्यालय का बयान आया था कि हमने देश की इज्जत बचाने (यों कहें, जनता की इज्जत लुटाकर) के लिये 1 लाख करोड रूपये खर्च किये है.
इसी संविधान को वापस याद करें, यदि देश मे सत्ता परिवर्तने के बाद एक रेल्वे के बुकिग कर्लक (बाबू) को 2 रूपये रिश्वत लेने पर 3 साल की सजा मिली , तो आप सोच सकते है की 1लाख करोड रूपये के गोलमाल मे देश के कलमाडी ( सत्ताधारिओ के,बलमा-डी) को कितनी सजा मिलनी चाहिये.
१६. 2011 के अंत मे दिग्विजय सिंग ने पुना मे अपने सम्रर्थकों के साथ कहा, अब कलमाडी को बहुत सजा मिल चुकी है, अब सुप्रीम कोर्ट को उन्हे रिहा कर देना चाहिये, और उनके पीछे समर्थको का झुंड “भारतमाता की जय” के नारे लगा रहे थे. बडे ताज्जुब कि बात है कि पिछले साल 26 जनवरी 2012 के कुछ दिन पहले ही , सुप्रीम कोर्ट ने देश को, क्या? संविधान के तोहफे के रूप मे कलमाडी को रिहा किया?. या दिग्विजय सिंग के उदघोष से?,
पुना में, कलमाडी को काँग्रेस कार्यकर्ताओं ने ढोल नगाडों के साथ “पुना का राजा” बनाकर स्वागत किया.
१७. एक बात और जिस वीर सावरकर ने, अपने अदभुत विचारों से पुना को अपनी कर्म भूमी बनाकर युवा क्रांति का बिगुल फुकनें पर, उनकी ख्याति राष्ट्रीय स्तर पर पहुची, वही 1लाख करोड रूपये के गोलमाल मे देश के कलमाडी ( सत्ताधारिओ के,बलमा-डी) ने पुना के साथ देश की बेज्जती अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कर दी और फिर भी काग्रेस के लाल (कार्यकर्ता) “भारतमाता की जय” के नारे लगा रहे है.
२. कैलाश तिवारी,,, गूगल
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अधिक पोस्टों व स्वंय निर्मीत कार्टून के लिए वेबस्थल की यात्रा करे.
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यह आम आदमी का हाथ नही, कानून का पंजा है..!!, आम जीवन पर शिकंजा है, जीते जी, जीवन का फंदा है.., और.., और....और..., यह,.वकीलों व माफियाओं के उन्नत जीवन जीनें का धंधा है...
सही सलामत खाना खान का कानून से सम्मान मान V/s आम आदमी
मेरा संविधान महान, यहाँ, हर माफिया पहलवान, बिक रहा ईमान व जज धनवान.
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जज .., जिसके शुरू में ज और अंत में ज .., देश
के कानून से , माफिया को जीजाजी बनाकर.., जी (जी) हजूरू कर.. जाने (जा).. की, जीने (जी) की एक
नए जीवन की कला है .. अब घोटालेबांज बने जांबाज, क्योंकि
काली व खाकी वर्दी भी हुई.., रिश्वत के धन से आबाद , आम जनता की नहीं खुल रही आवाज
२. खास आदमीयों के लिए क़ानून की आवाज - हुकुम करो मेरे आका, मेरे दोनों हाथ से झुककर, क़ानून की छांव से पार करूं तुम्हारे जीवन की नांव
३. आज जज तो कानून को , कान में ऊन डालकर करू प्रत्वादियों का तिरस्कार,, तुम्हारे सत्कार से आये हमारे भी जीवन में बहार
माफिया अब तुम्हे माफ़ किया.., आपने हमें, धन का दिल दिया
४. आज की ताजा खबर 100 करोड़ के भ्रष्टचार के आरोप में तमिलनाडु की जयललिता और उसके चार घनिष्ठ साथी व वंशजो को विशेष कोर्ट द्वारा ४ साल की सजा को कर्नाटक हाई कोर्ट ने एक नए नाटक से विशेष कोर्ट को लताड़ लगाकर... जयललिता को विशेष ताड़ के, पेड़ की ऊंचाई पर पहुंचाकर..., पूर्ण रूप से सजा रद्द कर,उसे आबाद कर दिया है... अब वह पुन: तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनने जा रही है
५. इसी संविधान को वापस याद करें, यदि देश मे सत्ता परिवर्तने (१९४७) के बाद एक रेल्वे के बुकिग कर्लक (बाबू) को 2 रूपये रिश्वत लेने पर 3 साल की सजा मिली , तो आप सोच सकते है कि .., 1लाख करोड रूपये के गोलमाल मे देश के कलमाडी ( सत्ताधारिओ के,बलमा-डी) से जयललिता, लालू यादव व राजनीती के अनन्य घोटालेबाजों को कितनी सजा मिलनी चाहिये थी
६. देश के काले कोट ने देश के संविधान को काला कर दिया है , देश की खाकी वर्दी भी क़ानून को खाख कर, अपने साख बनाने में लगी है .., कानून को अपने बाप की जागीर समझ रही है
७. जहाँ भ्रष्ट पुलिस के चलते जहाँ शहर में तेजी से अपराध बढ़ रहें हैं , वही अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. क्योंकि खुद पुलिस ही गुंडों के साथ याराना निभा रही है , जिसमें रही सही कसर खाकी वर्दी वाले बलात्कारियों, ड्रग तस्करों, वसूली बहादुरों ने पूरी कर दी है
८. मुम्बई में तो पुलिस आयुक्त अपनी पुलिस की करतूतों को लेकर शर्मिन्दा हो रहें हैं जो बेवडे भ्रष्ट , औरतखोर , ड्रग एडिक्ट पुलिस वालों की ठाणे स्तर पर लिस्ट बनवाने जुटे हुए हैं , यहाँ तो हालात ऐसे हैं कि आम आदमी.., पुलिस से भयंकर रूप से परेशान है.
९. याद रहे...,१५ साल पहिले, हाई कोर्ट के जजों ने गरीब मजदूरों के भविष्य निधी (PF) के पेशन की ४०० करोड़ की रकम डकार कर.., क़ानून को मुर्दा बनाने का खेल शुरू किया था..., आज तक दोषियों को सजा तो दूर की कौड़ी है .., वे भी धने की पकौड़ी से आबाद हैं..., और तो और, अभी तो इस मामले की सुनवाई को ठन्डे बस्ते में डाल दिया है.
१०. ऐसे लाखों मामले है..!!, जहां क़ानून , न्यायालय के बाहर भ्रष्टाचार से बिक जाता है..., गरीब व्यक्ती तो अपना घर बार बेच कर , न्याय की आस में भगवान् को प्यारा हो जाता है...
११. मेरे वेबस्थल का स्लोगन है..., “मेरा संविधान महान, यहाँ, हर माफिया पहलवान, बिक रहा ईमान व जज धनवान. “
१२. दोस्तों..., डूबते देश की यही कहानी है..., आप और हम तो ५ साल के लुटते हुए चेहरें है..., नेताओं के चुनावी मोहरें है... , हर चुनाव ELECTION, जनता को ILL – ACTION कर, बीमार करने का खेल है....
१३. जब तक देश्वसियों मे राष्ट्रवाद की भावना नहीं आयेगी..., देश लूट से डूबते रहेगा..., इससे निजात पानी है तो एक कसम लें ..,,,,
२. खास आदमीयों के लिए क़ानून की आवाज - हुकुम करो मेरे आका, मेरे दोनों हाथ से झुककर, क़ानून की छांव से पार करूं तुम्हारे जीवन की नांव
३. आज जज तो कानून को , कान में ऊन डालकर करू प्रत्वादियों का तिरस्कार,, तुम्हारे सत्कार से आये हमारे भी जीवन में बहार
माफिया अब तुम्हे माफ़ किया.., आपने हमें, धन का दिल दिया
४. आज की ताजा खबर 100 करोड़ के भ्रष्टचार के आरोप में तमिलनाडु की जयललिता और उसके चार घनिष्ठ साथी व वंशजो को विशेष कोर्ट द्वारा ४ साल की सजा को कर्नाटक हाई कोर्ट ने एक नए नाटक से विशेष कोर्ट को लताड़ लगाकर... जयललिता को विशेष ताड़ के, पेड़ की ऊंचाई पर पहुंचाकर..., पूर्ण रूप से सजा रद्द कर,उसे आबाद कर दिया है... अब वह पुन: तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनने जा रही है
५. इसी संविधान को वापस याद करें, यदि देश मे सत्ता परिवर्तने (१९४७) के बाद एक रेल्वे के बुकिग कर्लक (बाबू) को 2 रूपये रिश्वत लेने पर 3 साल की सजा मिली , तो आप सोच सकते है कि .., 1लाख करोड रूपये के गोलमाल मे देश के कलमाडी ( सत्ताधारिओ के,बलमा-डी) से जयललिता, लालू यादव व राजनीती के अनन्य घोटालेबाजों को कितनी सजा मिलनी चाहिये थी
६. देश के काले कोट ने देश के संविधान को काला कर दिया है , देश की खाकी वर्दी भी क़ानून को खाख कर, अपने साख बनाने में लगी है .., कानून को अपने बाप की जागीर समझ रही है
७. जहाँ भ्रष्ट पुलिस के चलते जहाँ शहर में तेजी से अपराध बढ़ रहें हैं , वही अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. क्योंकि खुद पुलिस ही गुंडों के साथ याराना निभा रही है , जिसमें रही सही कसर खाकी वर्दी वाले बलात्कारियों, ड्रग तस्करों, वसूली बहादुरों ने पूरी कर दी है
८. मुम्बई में तो पुलिस आयुक्त अपनी पुलिस की करतूतों को लेकर शर्मिन्दा हो रहें हैं जो बेवडे भ्रष्ट , औरतखोर , ड्रग एडिक्ट पुलिस वालों की ठाणे स्तर पर लिस्ट बनवाने जुटे हुए हैं , यहाँ तो हालात ऐसे हैं कि आम आदमी.., पुलिस से भयंकर रूप से परेशान है.
९. याद रहे...,१५ साल पहिले, हाई कोर्ट के जजों ने गरीब मजदूरों के भविष्य निधी (PF) के पेशन की ४०० करोड़ की रकम डकार कर.., क़ानून को मुर्दा बनाने का खेल शुरू किया था..., आज तक दोषियों को सजा तो दूर की कौड़ी है .., वे भी धने की पकौड़ी से आबाद हैं..., और तो और, अभी तो इस मामले की सुनवाई को ठन्डे बस्ते में डाल दिया है.
१०. ऐसे लाखों मामले है..!!, जहां क़ानून , न्यायालय के बाहर भ्रष्टाचार से बिक जाता है..., गरीब व्यक्ती तो अपना घर बार बेच कर , न्याय की आस में भगवान् को प्यारा हो जाता है...
११. मेरे वेबस्थल का स्लोगन है..., “मेरा संविधान महान, यहाँ, हर माफिया पहलवान, बिक रहा ईमान व जज धनवान. “
१२. दोस्तों..., डूबते देश की यही कहानी है..., आप और हम तो ५ साल के लुटते हुए चेहरें है..., नेताओं के चुनावी मोहरें है... , हर चुनाव ELECTION, जनता को ILL – ACTION कर, बीमार करने का खेल है....
१३. जब तक देश्वसियों मे राष्ट्रवाद की भावना नहीं आयेगी..., देश लूट से डूबते रहेगा..., इससे निजात पानी है तो एक कसम लें ..,,,,
हे माँ, सुशीला बाई, आपकी सुशीलता से आपकी कोख से रविन्द्र पाटिल जैसे सुपुत्र को पाकर,
देश धन्य है...,ऋणी है..,
यह ताजा खबर.., बाजा खबर न मानकर मीडिया.., पिछली TRP का न बज जाए बैंड बाजा.., इसी खौंफ से चुप है.
आपकी गुहार..., सुप्रीम कोर्ट में आपकी सलमान ख़ान हिट एंड रन दाखिल याचिका में, इस केस को मुंबई हाईकोर्ट से बाहर ट्रांसफर करने की मांग की थी व आपने सही कहा था इस केस में सलमान खान को पुलिस की तरफ़ से काफी मदद की गई और हाइकोर्ट ने भी गलत तरीके से उन्हें सज़ा के बावजूद जमानत दी है, ऐसे में उनकी ज़मानत को भी रद्द किया जाना चाहिए.
भले ही सुप्रीम कोर्ट के सुपर कोट को इसमें कोई खोट नजर न आया , हाई कोटों का सम्मान से, विशिष्ट मान देकर सलमान की ज़मानत याचिका रद्द करने और इस केस को बॉम्बे हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की याचिका ख़ारिज कर, BELL के शंखनाद से बेल को रद्द करने कोखारिज कर. एक नए तारीफ से..,सलमान ख़ान को मान देकर..संविधान में एक STAR जोड़कर, जजशाही गौरान्वीत हुई है सलमान खान को सुप्रीम कोर्ट से राहत दे दी है
इस ताजा खबर से मीडिया-माफिया का गठजोड़ ने किया किनारा, किया बेखबर..,
आपने रविन्द्र जैसे पुत्र को जन्म दिया.., जो क़ानून के गुणगान करने वाले कवि जो इन्द्र रूपी आनंद से इसी क़ानून की छाँव से चाव से आज देश के हुकूमतदार बन कर सत्ता की समानांतर व्यवस्था से देश की अर्थ व्यवस्था को व्यय कर देश को चौपट कर रहें हैं ..
तुम्हारी कोख को देश का सलाम.., एक पुत्र जिसने देश की आन-बान-शान को अक्षुण्ण रखने के लिए नोटों के पुलिंदों पर सोने के बजाय क़ानून द्वारा शोषित करने पर फुटपाथ पर भीख मांगने को मजबूर किया लेकिन भारतमाता की शान को बिकने नहीं दिया.., मीडिया के प्रबुध्ह वर्ग ने तो फूटपाथ पर सोने वालों को कुत्ता कह, अपने घर में पलने वाले कुत्ते को विशिष्ट अतिथी का दर्जा देकर सम्मान का नायक कहलवाया.
आपके बेटे ने फुटपाथ को प्रहरी बनाकर, अपनी अंतिम सांस तक एक महानायक रह कर, फुटपाथ पर मरे हुए गरीबों का प्रतिनिधित्व कर क़ानून को तमाचा मारा.., भले क़ानून ने अपने लाल गालों को, बेशर्मी से गुलाबी मानकर प्रफुल्लित हो..
भारत के कण कण से आ रही माँ भारती की आवाज़
मेरे बच्चो, मत देर करो, तुम्हे ही रखनी है मेरी लाज
अब और सहन नहीं, भ्रष्टाचार और घोटालो की चालबाजिया
आतंकियों का समर्थन, सुरक्षा बलो का अपमान, वोट-बैंक बाजिया
सुरसा जैसी मंहगाई, जनता की तडपन, देश की आर्थिक बदहालिया
लोकतंत्र के नाम पर नपुंशकता , और परिवार विशेष की मनमानिया
जब होती रहे देशी की दुर्गति, तो क्यों नहीं बदल दे ऐसी सरकारिया ?
१. रविन्द्र पाटिल तुम्हे सलाम.., आपने “कर लो कानून मुठ्ठी में” करने वालों का काला चिठ्ठा खोल दिया है.., तुम्हारी गवाही से.., क़ानून में छेद करने वालों के, गुनाहों के औजारों की धार ख़त्म कर दी .., देश का युवक आपकी शहादत से प्रेरणा की एक ईबादत से गर्वीत है.., तुम्हारी मिशाल ने देश में एक “मशाल” जागृत की है.
२. (जनता से सवाल ...क्या..??, रविन्द्र पाटिल का चित्र हर, अदालत में लगना चाहिए ...)
३. भले ही नौकरशाही – माफिया भेड़ियों ने तुम्हे प्रताड़ित किया, तड़फा – तडफा कर , TOP- BUREAUCRATES – जो अधिकतर देश के बुरे कैरेट बनकर, क़ानून की रेटिंग गिरा रहें हैं.. (T.B)..., ने तो देश को T.B. लगाकर, देशवासियों को एक स्वछन्द वातावरण में सांस लेने में घुटन पैदा कर दी है. आप भी इसका भीषणतम शिकार होकर इस देश की काले क़ानून के दुनिया से सिधार गए लेकिन अपने ईमान से नहीं डिगे और मीडिया-नौकरशाही-जजशाही के गुनाहों का चिट्ठा जनता के सामने खुल गया.
४. आपने सिद्ध कर दिया ‘शरीर “ को तो कोई भी मार सकता है .., लेकिन आत्मा को न कोई छेद सकता है ..न,जला सकता है..वह तो , आपने अपना कपड़ा (शरीर) छोड़ कर.., देश की भ्रष्ट माफिया कानूनी राजदारों के कपड़े खोल कर उनकी एक नग्न तस्वीर जनता को दिखा दी है..
५. आज सत्ता के सतरंगी.., देश को “लूट की अमानत” समझकर अपने को “बजरंगी” बल मानकर, देश को लूट में खुली छूट मान कर, देश को बदरंगी बना रहें है..,
========
५a देश के क़ानूनी पंडित .., देश पांडे आपके जज्बे को सलाम.., आपने माना “कानून सबके लिए समान” व “हर नागरिक को मिले सम्मान” . आज के चकाचौंधी माहौल से, महलों में रहने का खवाब से पद को श्वाब मानने वालों को एक सबक देकर, आपकी निर्भीकता से देशवासी गर्वित है..
६. भले ही आपका आदेश “हाई-कोर्ट” ने हाई कोट वाले अपराधी को ३ घंटे में, विशेष प्रोटोकॉल के तहत ..,अतिरिक्त समय के कोर्ट की कार्यवाही बढाकर, जजशाही ने अपनी कोट भरकर, क़ानून को उनकी अमानत कह जमानत दे दी .., अब देशवासियों में ‘आक्रोश” है.., गरीब तो “हाई-कोर्ट” की सीढ़ी चढ़ने में अपाहिज बनाने के बावजूद भी उसे न्याय नहीं मिलता है..
७. दोस्तों.., इस क़ानून से न्याय की गुहार में ४ करोड़ लोग कतार में है.., जीते जी.., न्याय मिलना तो दूर , वह अपनी आयु को बर्बाद कर , अवसाद के दंड से जीवन को बदरंग से वकील-पुलिस-जजशाही के जीवन को सप्तरंगी बनाने का खेल बन गया है...
८. मीडिया-माफिया-कॉर्पोरेट–सत ्ताशाही के भ्रष्टाचार के सप्तरंगीयों के खेल से, देश का मोहल्ला,गाँव ,शहर व
देश को डूबाने का खेल बदस्तूर जारी है.., बिडवना यह है कि
इनके छद्म रूप के बजरंगी बल से जनता भयभीत है.., यदि जनता
एकता से अपना बल संयुक्त कर ले तो तो इन “छद्म बजरंगीयों”
का, देश को “बदरंग”
करने वालों का सूपड़ा साफ़ हो जाएगा
यह ताजा खबर.., बाजा खबर न मानकर मीडिया.., पिछली TRP का न बज जाए बैंड बाजा.., इसी खौंफ से चुप है.
आपकी गुहार..., सुप्रीम कोर्ट में आपकी सलमान ख़ान हिट एंड रन दाखिल याचिका में, इस केस को मुंबई हाईकोर्ट से बाहर ट्रांसफर करने की मांग की थी व आपने सही कहा था इस केस में सलमान खान को पुलिस की तरफ़ से काफी मदद की गई और हाइकोर्ट ने भी गलत तरीके से उन्हें सज़ा के बावजूद जमानत दी है, ऐसे में उनकी ज़मानत को भी रद्द किया जाना चाहिए.
भले ही सुप्रीम कोर्ट के सुपर कोट को इसमें कोई खोट नजर न आया , हाई कोटों का सम्मान से, विशिष्ट मान देकर सलमान की ज़मानत याचिका रद्द करने और इस केस को बॉम्बे हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की याचिका ख़ारिज कर, BELL के शंखनाद से बेल को रद्द करने कोखारिज कर. एक नए तारीफ से..,सलमान ख़ान को मान देकर..संविधान में एक STAR जोड़कर, जजशाही गौरान्वीत हुई है सलमान खान को सुप्रीम कोर्ट से राहत दे दी है
इस ताजा खबर से मीडिया-माफिया का गठजोड़ ने किया किनारा, किया बेखबर..,
आपने रविन्द्र जैसे पुत्र को जन्म दिया.., जो क़ानून के गुणगान करने वाले कवि जो इन्द्र रूपी आनंद से इसी क़ानून की छाँव से चाव से आज देश के हुकूमतदार बन कर सत्ता की समानांतर व्यवस्था से देश की अर्थ व्यवस्था को व्यय कर देश को चौपट कर रहें हैं ..
तुम्हारी कोख को देश का सलाम.., एक पुत्र जिसने देश की आन-बान-शान को अक्षुण्ण रखने के लिए नोटों के पुलिंदों पर सोने के बजाय क़ानून द्वारा शोषित करने पर फुटपाथ पर भीख मांगने को मजबूर किया लेकिन भारतमाता की शान को बिकने नहीं दिया.., मीडिया के प्रबुध्ह वर्ग ने तो फूटपाथ पर सोने वालों को कुत्ता कह, अपने घर में पलने वाले कुत्ते को विशिष्ट अतिथी का दर्जा देकर सम्मान का नायक कहलवाया.
आपके बेटे ने फुटपाथ को प्रहरी बनाकर, अपनी अंतिम सांस तक एक महानायक रह कर, फुटपाथ पर मरे हुए गरीबों का प्रतिनिधित्व कर क़ानून को तमाचा मारा.., भले क़ानून ने अपने लाल गालों को, बेशर्मी से गुलाबी मानकर प्रफुल्लित हो..
भारत के कण कण से आ रही माँ भारती की आवाज़
मेरे बच्चो, मत देर करो, तुम्हे ही रखनी है मेरी लाज
अब और सहन नहीं, भ्रष्टाचार और घोटालो की चालबाजिया
आतंकियों का समर्थन, सुरक्षा बलो का अपमान, वोट-बैंक बाजिया
सुरसा जैसी मंहगाई, जनता की तडपन, देश की आर्थिक बदहालिया
लोकतंत्र के नाम पर नपुंशकता , और परिवार विशेष की मनमानिया
जब होती रहे देशी की दुर्गति, तो क्यों नहीं बदल दे ऐसी सरकारिया ?
१. रविन्द्र पाटिल तुम्हे सलाम.., आपने “कर लो कानून मुठ्ठी में” करने वालों का काला चिठ्ठा खोल दिया है.., तुम्हारी गवाही से.., क़ानून में छेद करने वालों के, गुनाहों के औजारों की धार ख़त्म कर दी .., देश का युवक आपकी शहादत से प्रेरणा की एक ईबादत से गर्वीत है.., तुम्हारी मिशाल ने देश में एक “मशाल” जागृत की है.
२. (जनता से सवाल ...क्या..??, रविन्द्र पाटिल का चित्र हर, अदालत में लगना चाहिए ...)
३. भले ही नौकरशाही – माफिया भेड़ियों ने तुम्हे प्रताड़ित किया, तड़फा – तडफा कर , TOP- BUREAUCRATES – जो अधिकतर देश के बुरे कैरेट बनकर, क़ानून की रेटिंग गिरा रहें हैं.. (T.B)..., ने तो देश को T.B. लगाकर, देशवासियों को एक स्वछन्द वातावरण में सांस लेने में घुटन पैदा कर दी है. आप भी इसका भीषणतम शिकार होकर इस देश की काले क़ानून के दुनिया से सिधार गए लेकिन अपने ईमान से नहीं डिगे और मीडिया-नौकरशाही-जजशाही के गुनाहों का चिट्ठा जनता के सामने खुल गया.
४. आपने सिद्ध कर दिया ‘शरीर “ को तो कोई भी मार सकता है .., लेकिन आत्मा को न कोई छेद सकता है ..न,जला सकता है..वह तो , आपने अपना कपड़ा (शरीर) छोड़ कर.., देश की भ्रष्ट माफिया कानूनी राजदारों के कपड़े खोल कर उनकी एक नग्न तस्वीर जनता को दिखा दी है..
५. आज सत्ता के सतरंगी.., देश को “लूट की अमानत” समझकर अपने को “बजरंगी” बल मानकर, देश को लूट में खुली छूट मान कर, देश को बदरंगी बना रहें है..,
========
५a देश के क़ानूनी पंडित .., देश पांडे आपके जज्बे को सलाम.., आपने माना “कानून सबके लिए समान” व “हर नागरिक को मिले सम्मान” . आज के चकाचौंधी माहौल से, महलों में रहने का खवाब से पद को श्वाब मानने वालों को एक सबक देकर, आपकी निर्भीकता से देशवासी गर्वित है..
६. भले ही आपका आदेश “हाई-कोर्ट” ने हाई कोट वाले अपराधी को ३ घंटे में, विशेष प्रोटोकॉल के तहत ..,अतिरिक्त समय के कोर्ट की कार्यवाही बढाकर, जजशाही ने अपनी कोट भरकर, क़ानून को उनकी अमानत कह जमानत दे दी .., अब देशवासियों में ‘आक्रोश” है.., गरीब तो “हाई-कोर्ट” की सीढ़ी चढ़ने में अपाहिज बनाने के बावजूद भी उसे न्याय नहीं मिलता है..
७. दोस्तों.., इस क़ानून से न्याय की गुहार में ४ करोड़ लोग कतार में है.., जीते जी.., न्याय मिलना तो दूर , वह अपनी आयु को बर्बाद कर , अवसाद के दंड से जीवन को बदरंग से वकील-पुलिस-जजशाही के जीवन को सप्तरंगी बनाने का खेल बन गया है...
८. मीडिया-माफिया-कॉर्पोरेट–सत
मुंबई पुलिस के कांस्टेबल
रविंद्र पाटिल की मां ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. रवींद्र पाटिल की
माँ ने इस केस को मुंबई हाईकोर्ट से बाहर ट्रांसफर करने की मांग की थी
याचिका में कहा गया था, इस केस में सलमान खान को पुलिस की तरफ़ से काफी मदद की गई और हाइकोर्ट ने भी गलत तरीके से उन्हें सज़ा के बावजूद जमानत दी है ऐसे में उनकी ज़मानत को भी रद्द किया जाना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने सलमान ख़ान हिट एंड रन केस में सलमान की ज़मानत याचिका रद्द करने और इस केस को बॉम्बे हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की याचिका ख़ारिज कर दी है.
फिल्म स्टार सलमान ख़ान को सुप्रीम कोर्ट से राहत दे दी है.
एक माँ के बेटे की जाबांजी क़ानून के पुस्तकों के बोझ तले दब गई है..., और नौकरशाही रिश्वत के “भोज” से मौज का जश्न मना रहे है ..,अब प्रश्न है कि गरीबों को संविधान इसी तरह प्रताड़ित कर ऊंचे लोगों को आनंदित करते रहेगा..
१. रविन्द्र पाटिल तुम्हे सलाम.., आपने “कर लो कानून मुठ्ठी में” करने वालों का काला चिठ्ठा खोल दिया है.., तुम्हारी गवाही से.., क़ानून में छेद करने वालों के, गुनाहों के औजारों की धार ख़त्म कर दी .., देश का युवक आपकी शहादत से प्रेरणा की एक ईबादत से गर्वीत है.., तुम्हारी मिशाल ने देश में एक “मशाल” जागृत की है.
२. (जनता से सवाल ...क्या..??, रविन्द्र पाटिल का चित्र हर, अदालत में लगना चाहिए ...)
३. भले ही नौकरशाही – माफिया भेड़ियों ने तुम्हे प्रताड़ित किया, तड़फा – तडफा कर , TOP- BUREAUCRATES – जो अधिकतर देश के बुरे कैरेट बनकर, क़ानून की रेटिंग गिरा रहें हैं.. (T.B)..., ने तो देश को T.B. लगाकर, देशवासियों को एक स्वछन्द वातावरण में सांस लेने में घुटन पैदा कर दी है. आप भी इसका भीषणतम शिकार होकर इस देश की काले क़ानून के दुनिया से सिधार गए लेकिन अपने ईमान से नहीं डिगे और मीडिया-नौकरशाही-जजशाही के गुनाहों का चिट्ठा जनता के सामने खुल गया.
४. आपने सिद्ध कर दिया ‘शरीर “ को तो कोई भी मार सकता है .., लेकिन आत्मा को न कोई छेद सकता है ..न,जला सकता है..वह तो , आपने अपना कपड़ा (शरीर) छोड़ कर.., देश की भ्रष्ट माफिया कानूनी राजदारों के कपड़े खोल कर उनकी एक नग्न तस्वीर जनता को दिखा दी है..
५. आज सत्ता के सतरंगी.., देश को “लूट की अमानत” समझकर अपने को “बजरंगी” बल मानकर, देश को लूट में खुली छूट मान कर, देश को बदरंगी बना रहें है..,
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५a देश के क़ानूनी पंडित .., देश पांडे आपके जज्बे को सलाम.., आपने माना “कानून सबके लिए समान” व “हर नागरिक को मिले सम्मान” . आज के चकाचौंधी माहौल से, महलों में रहने का खवाब से पद को श्वाब मानने वालों को एक सबक देकर, आपकी निर्भीकता से देशवासी गर्वित है..
६. भले ही आपका आदेश “हाई-कोर्ट” ने हाई कोट वाले अपराधी को ३ घंटे में, विशेष प्रोटोकॉल के तहत ..,अतिरिक्त समय के कोर्ट की कार्यवाही बढाकर, जजशाही ने अपनी कोट भरकर, क़ानून को उनकी अमानत कह जमानत दे दी .., अब देशवासियों में ‘आक्रोश” है.., गरीब तो “हाई-कोर्ट” की सीढ़ी चढ़ने में अपाहिज बनाने के बावजूद भी उसे न्याय नहीं मिलता है..
७. दोस्तों.., इस क़ानून से न्याय की गुहार में ४ करोड़ लोग कतार में है.., जीते जी.., न्याय मिलना तो दूर , वह अपनी आयु को बर्बाद कर , अवसाद के दंड से जीवन को बदरंग से वकील-पुलिस-जजशाही के जीवन को सप्तरंगी बनाने का खेल बन गया है...
८. मीडिया-माफिया-कॉर्पोरेट–सत ्ताशाही के भ्रष्टाचार के सप्तरंगीयों के खेल से, देश का मोहल्ला,गाँव ,शहर व
देश को डूबाने का खेल बदस्तूर जारी है.., बिडवना यह है कि
इनके छद्म रूप के बजरंगी बल से जनता भयभीत है.., यदि जनता
एकता से अपना बल संयुक्त कर ले तो तो इन “छद्म बजरंगीयों”
का, देश को “बदरंग”
करने वालों का सूपड़ा साफ़ हो जाएगा .
याचिका में कहा गया था, इस केस में सलमान खान को पुलिस की तरफ़ से काफी मदद की गई और हाइकोर्ट ने भी गलत तरीके से उन्हें सज़ा के बावजूद जमानत दी है ऐसे में उनकी ज़मानत को भी रद्द किया जाना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने सलमान ख़ान हिट एंड रन केस में सलमान की ज़मानत याचिका रद्द करने और इस केस को बॉम्बे हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की याचिका ख़ारिज कर दी है.
फिल्म स्टार सलमान ख़ान को सुप्रीम कोर्ट से राहत दे दी है.
एक माँ के बेटे की जाबांजी क़ानून के पुस्तकों के बोझ तले दब गई है..., और नौकरशाही रिश्वत के “भोज” से मौज का जश्न मना रहे है ..,अब प्रश्न है कि गरीबों को संविधान इसी तरह प्रताड़ित कर ऊंचे लोगों को आनंदित करते रहेगा..
१. रविन्द्र पाटिल तुम्हे सलाम.., आपने “कर लो कानून मुठ्ठी में” करने वालों का काला चिठ्ठा खोल दिया है.., तुम्हारी गवाही से.., क़ानून में छेद करने वालों के, गुनाहों के औजारों की धार ख़त्म कर दी .., देश का युवक आपकी शहादत से प्रेरणा की एक ईबादत से गर्वीत है.., तुम्हारी मिशाल ने देश में एक “मशाल” जागृत की है.
२. (जनता से सवाल ...क्या..??, रविन्द्र पाटिल का चित्र हर, अदालत में लगना चाहिए ...)
३. भले ही नौकरशाही – माफिया भेड़ियों ने तुम्हे प्रताड़ित किया, तड़फा – तडफा कर , TOP- BUREAUCRATES – जो अधिकतर देश के बुरे कैरेट बनकर, क़ानून की रेटिंग गिरा रहें हैं.. (T.B)..., ने तो देश को T.B. लगाकर, देशवासियों को एक स्वछन्द वातावरण में सांस लेने में घुटन पैदा कर दी है. आप भी इसका भीषणतम शिकार होकर इस देश की काले क़ानून के दुनिया से सिधार गए लेकिन अपने ईमान से नहीं डिगे और मीडिया-नौकरशाही-जजशाही के गुनाहों का चिट्ठा जनता के सामने खुल गया.
४. आपने सिद्ध कर दिया ‘शरीर “ को तो कोई भी मार सकता है .., लेकिन आत्मा को न कोई छेद सकता है ..न,जला सकता है..वह तो , आपने अपना कपड़ा (शरीर) छोड़ कर.., देश की भ्रष्ट माफिया कानूनी राजदारों के कपड़े खोल कर उनकी एक नग्न तस्वीर जनता को दिखा दी है..
५. आज सत्ता के सतरंगी.., देश को “लूट की अमानत” समझकर अपने को “बजरंगी” बल मानकर, देश को लूट में खुली छूट मान कर, देश को बदरंगी बना रहें है..,
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५a देश के क़ानूनी पंडित .., देश पांडे आपके जज्बे को सलाम.., आपने माना “कानून सबके लिए समान” व “हर नागरिक को मिले सम्मान” . आज के चकाचौंधी माहौल से, महलों में रहने का खवाब से पद को श्वाब मानने वालों को एक सबक देकर, आपकी निर्भीकता से देशवासी गर्वित है..
६. भले ही आपका आदेश “हाई-कोर्ट” ने हाई कोट वाले अपराधी को ३ घंटे में, विशेष प्रोटोकॉल के तहत ..,अतिरिक्त समय के कोर्ट की कार्यवाही बढाकर, जजशाही ने अपनी कोट भरकर, क़ानून को उनकी अमानत कह जमानत दे दी .., अब देशवासियों में ‘आक्रोश” है.., गरीब तो “हाई-कोर्ट” की सीढ़ी चढ़ने में अपाहिज बनाने के बावजूद भी उसे न्याय नहीं मिलता है..
७. दोस्तों.., इस क़ानून से न्याय की गुहार में ४ करोड़ लोग कतार में है.., जीते जी.., न्याय मिलना तो दूर , वह अपनी आयु को बर्बाद कर , अवसाद के दंड से जीवन को बदरंग से वकील-पुलिस-जजशाही के जीवन को सप्तरंगी बनाने का खेल बन गया है...
८. मीडिया-माफिया-कॉर्पोरेट–सत
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