हे माँ, सुशीला बाई, आपकी सुशीलता से आपकी कोख से रविन्द्र
पाटिल जैसे सुपुत्र को पाकर, देश धन्य है...,ऋणी है..,
यह ताजा
खबर.., बाजा खबर न मानकर मीडिया.., पिछली
TRP का न बज जाए बैंड बाजा.., इसी खौंफ
से चुप है.
आपकी
गुहार..., सुप्रीम कोर्ट में आपकी सलमान ख़ान हिट एंड रन
दाखिल याचिका में, इस केस को मुंबई हाईकोर्ट से बाहर
ट्रांसफर करने की मांग की थी व आपने सही कहा था इस केस में सलमान खान को पुलिस की
तरफ़ से काफी मदद की गई और हाइकोर्ट ने भी गलत तरीके से उन्हें सज़ा के बावजूद
जमानत दी है, ऐसे में उनकी ज़मानत को भी रद्द किया जाना
चाहिए.
भले ही
सुप्रीम कोर्ट के सुपर कोट को इसमें कोई खोट नजर न आया , हाई कोटों का सम्मान से, विशिष्ट मान देकर सलमान की
ज़मानत याचिका रद्द करने और इस केस को बॉम्बे हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की
याचिका ख़ारिज कर, BELL के शंखनाद से बेल को रद्द करने
कोखारिज कर. एक नए तारीफ से..,सलमान ख़ान को मान
देकर..संविधान में एक STAR जोड़कर, जजशाही
गौरान्वीत हुई है सलमान खान को सुप्रीम कोर्ट से राहत दे दी है
इस ताजा
खबर से मीडिया-माफिया का गठजोड़ ने किया किनारा, किया बेखबर..,
आपने
रविन्द्र जैसे पुत्र को जन्म दिया.., जो क़ानून के
गुणगान करने वाले कवि जो इन्द्र रूपी आनंद से इसी क़ानून की छाँव से चाव से आज देश
के हुकूमतदार बन कर सत्ता की समानांतर व्यवस्था से देश की अर्थ व्यवस्था को व्यय
कर देश को चौपट कर रहें हैं ..
तुम्हारी
कोख को देश का सलाम.., एक पुत्र जिसने देश की आन-बान-शान को अक्षुण्ण
रखने के लिए नोटों के पुलिंदों पर सोने के बजाय क़ानून द्वारा शोषित करने पर फुटपाथ
पर भीख मांगने को मजबूर किया लेकिन भारतमाता की शान को बिकने नहीं दिया.., मीडिया के प्रबुध्ह वर्ग ने तो फूटपाथ पर सोने वालों को कुत्ता कह,
अपने घर में पलने वाले कुत्ते को विशिष्ट अतिथी का दर्जा देकर
सम्मान का नायक कहलवाया.
आपके
बेटे ने फुटपाथ को प्रहरी बनाकर, अपनी अंतिम सांस तक एक
महानायक रह कर, फुटपाथ पर मरे हुए गरीबों का प्रतिनिधित्व कर
क़ानून को तमाचा मारा.., भले क़ानून ने अपने लाल गालों को,
बेशर्मी से गुलाबी मानकर प्रफुल्लित हो..
भारत के
कण कण से आ रही माँ भारती की आवाज़
मेरे बच्चो, मत देर करो, तुम्हे ही रखनी है मेरी लाज
अब और सहन नहीं, भ्रष्टाचार और घोटालो की चालबाजिया
मेरे बच्चो, मत देर करो, तुम्हे ही रखनी है मेरी लाज
अब और सहन नहीं, भ्रष्टाचार और घोटालो की चालबाजिया
आतंकियों
का समर्थन, सुरक्षा बलो का अपमान, वोट-बैंक
बाजिया
सुरसा
जैसी मंहगाई, जनता की तडपन, देश की आर्थिक
बदहालिया
लोकतंत्र
के नाम पर नपुंशकता , और परिवार विशेष की मनमानिया
जब होती
रहे देशी की दुर्गति, तो क्यों नहीं बदल दे ऐसी सरकारिया ?
१.
रविन्द्र पाटिल तुम्हे सलाम.., आपने “कर
लो कानून मुठ्ठी में” करने वालों का काला चिठ्ठा खोल दिया
है.., तुम्हारी गवाही से.., क़ानून में
छेद करने वालों के, गुनाहों के औजारों की धार ख़त्म कर दी ..,
देश का युवक आपकी शहादत से प्रेरणा की एक ईबादत से गर्वीत है..,
तुम्हारी मिशाल ने देश में एक “मशाल” जागृत की है.
२. (जनता
से सवाल ...क्या..??, रविन्द्र पाटिल का चित्र हर, अदालत में लगना चाहिए ...)
३. भले
ही नौकरशाही – माफिया भेड़ियों ने तुम्हे प्रताड़ित किया, तड़फा – तडफा कर , TOP- BUREAUCRATES – जो अधिकतर देश के बुरे कैरेट बनकर, क़ानून की रेटिंग
गिरा रहें हैं.. (T.B)..., ने तो देश को T.B. लगाकर, देशवासियों को एक स्वछन्द वातावरण में सांस
लेने में घुटन पैदा कर दी है. आप भी इसका भीषणतम शिकार होकर इस देश की काले क़ानून
के दुनिया से सिधार गए लेकिन अपने ईमान से नहीं डिगे और मीडिया-नौकरशाही-जजशाही के
गुनाहों का चिट्ठा जनता के सामने खुल गया.
४. आपने
सिद्ध कर दिया ‘शरीर “ को तो कोई भी मार सकता
है .., लेकिन आत्मा को न कोई छेद सकता है ..न,जला सकता है..वह तो , आपने अपना कपड़ा (शरीर) छोड़
कर.., देश की भ्रष्ट माफिया कानूनी राजदारों के कपड़े खोल कर
उनकी एक नग्न तस्वीर जनता को दिखा दी है..
५. आज
सत्ता के सतरंगी.., देश को “लूट की अमानत”
समझकर अपने को “बजरंगी” बल
मानकर, देश को लूट में खुली छूट मान कर, देश को बदरंगी बना रहें है..,
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५a देश के क़ानूनी पंडित .., देश पांडे आपके जज्बे को सलाम.., आपने माना “कानून सबके लिए समान” व “हर नागरिक को मिले सम्मान” . आज के चकाचौंधी माहौल से, महलों में रहने का खवाब से पद को श्वाब मानने वालों को एक सबक देकर, आपकी निर्भीकता से देशवासी गर्वित है..
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५a देश के क़ानूनी पंडित .., देश पांडे आपके जज्बे को सलाम.., आपने माना “कानून सबके लिए समान” व “हर नागरिक को मिले सम्मान” . आज के चकाचौंधी माहौल से, महलों में रहने का खवाब से पद को श्वाब मानने वालों को एक सबक देकर, आपकी निर्भीकता से देशवासी गर्वित है..
६. भले
ही आपका आदेश “हाई-कोर्ट” ने हाई कोट वाले
अपराधी को ३ घंटे में, विशेष प्रोटोकॉल के तहत ..,अतिरिक्त समय के कोर्ट की कार्यवाही बढाकर, जजशाही
ने अपनी कोट भरकर, क़ानून को उनकी अमानत कह जमानत दे दी ..,
अब देशवासियों में ‘आक्रोश” है.., गरीब तो “हाई-कोर्ट”
की सीढ़ी चढ़ने में अपाहिज बनाने के बावजूद भी उसे न्याय नहीं मिलता
है..
७.
दोस्तों.., इस क़ानून से न्याय की गुहार में ४ करोड़ लोग कतार
में है.., जीते जी.., न्याय मिलना तो
दूर , वह अपनी आयु को बर्बाद कर , अवसाद
के दंड से जीवन को बदरंग से वकील-पुलिस-जजशाही के जीवन को सप्तरंगी बनाने का खेल
बन गया है...
८.
मीडिया-माफिया-कॉर्पोरेट–सत्ताशाही के भ्रष्टाचार के सप्तरंगीयों के खेल से,
देश का मोहल्ला,गाँव ,शहर
व देश को डूबाने का खेल बदस्तूर जारी है.., बिडवना यह है कि
इनके छद्म रूप के बजरंगी बल से जनता भयभीत है.., यदि जनता
एकता से अपना बल संयुक्त कर ले तो तो इन “छद्म बजरंगीयों”
का, देश को “बदरंग”
करने वालों का सूपड़ा साफ़ हो जाएगा
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