चेतो मोदी सरकार.., वीर-वीर ही नहीं परमवीर विनायक
सावरकर ने अंग्रेजों के इतिहास का झूठा
पुलिंदा ढहाकर..,सप्रमाण सहित, देश का “गौरवशाली इतिहास” लिखकर अंग्रेजों के
होश उड़ा दिए थे ..,
देश का “गौरवशाली इतिहास” जानकार ही जनता व देश
के अच्छे दिन आयेंगे.
यह वीर सावरकर की ही देन थी कि देश में नेताजी सुभाषचन्द्र बोस, सरदार
भगतसिंग , चंद्रशेखर तिवारी उर्फ़ आजाद जैसे करोड़ों क्रांतीकारियों का जन्म हुआ
..., व लाल बहादुर शास्त्री भी वीर सावरकर
की प्रेरणा से ही पकिस्तान से युद्ध जीता
था .
मोदीजी..., अब नेताजी सुभाष चन्द्र बोस व लाल
बहादुर प्रधानमन्त्री की फाईले सार्वजनिक करने से इनकार क्यों..,
सुभाष चन्द्र बोस के वंशजों के परिवार को १४
अक्टूबर २०१४ में दिल्ली बुलाकर.., आश्वासन देकर.., अब इनकार क्यों...!!!!!
१. आपकी
वर्तमान सरकार में कांग्रेस सरकार की तरह सम्मान सूची से, वीर सावरकर का नाम, आपके
सत्ता के नारदों ने नदारद कर दिया है.
२. सावरकर
के जीते-जी, किसी में भी, इस इतिहास का खंडन करने की अवकाद न थी.., उनकी इच्छा मृत्यू की मौत के बाद..., देश की धरती में विदेशी खाद
व पानी से , कुकुरमुत्ते की तरह इतिहासकार पैदा होकर, विदेशीयों की स्तुती से
मीडिया-माफिया-सत्ताखोरों के गठबंधन से अफीमी नारों से जनता को सुलाकर..,दिन के
लूटेरे बनकर मालामाल होकर, जीते जी गले तो गले में माला डालकर व मरने के बाद, अपने पुछल्लो को अपना
अनुयायी बना के, अपने पुतले बनवाकर,अपने
नाम से सड़के का नामकरण करवा कर, देश को सड़ाकर आज देश के लाखों सडकों पर माला पहनकर .., अपने
को देश का मसीहा कह रहें है.
३. आजादी के मसीहा कहकर, छद्म पुतलों व सडकों के नाम
देखकर.., देश को “चौपटनगरी” कर, अंधे राजाओं को देखकर , आज
भी भारतमाता “आह” भर.., कराह कर, कह रही है.., ६८
सालों बाद भी..!!!, मेरे १२५ करोड़ बेटों को किस तरह, विदेशी हाथ- विदेशी साथ – विदेशी विचार- विदेशी
संस्कार , जाति, भाषा व धर्मपरिवर्तन
से आपस में, लड़ाकर..., कैसे मेरे कटे
अंगो के घाव सहित , पुन: मुझे विदेशी जंजीरों से बांधने का
प्रयास किया जा रहा है..
४. देश का “गौरवशाली इतिहास” से युवा पीढी को
रूबरू कर..,विदेशी हाथों से, देश की आबरू लूटने से बचाओं..,
५. हमें पढ़ाया जा रहा है कि हम बुजदिल कौम थे..,
हमारे आक्रकांताओ ने ही देश की आकृति बनाई है..., सत्ता परिवर्तन को आजादी के
झांसे से विदेशी भाषा को विकास का हथियार बनाकर, देशवासियों के हाथ काटकर, पंगु
बनाकर, विदेशी कटोरे के कर्ज से देश को डूबाया जा रहा है .
६. अहिंसा के झांसे से देश में साम्प्रयवाद..,
सभी सत्ताखोरों के इस “सम –प्रिय- वाद” के नारों से वोट बैंक के खेल से, विदेशी कर्ज से
देश को डूबा दिया ..
७. आज भी.., देश को विदेशी धन की जरूरत नहीं है..,कहते हैं
बच्चा पड़ोस में ढिंढोरा शहर में.., लकिन देश में काले धन का माफिया नोटों के
पुलिंदों के गद्दे में सोया है.., और आपने तो, ढिंढोरा विदेश में पीट कर उन्हें
जगा दिया है.., और उन्होंने अपने काले धन का निकास कर, अपने विकास की नई सीढ़ी का निर्माण कर एक नई सिद्धी प्राप्त कर ली है
८. ताजा खबर के
अनुसार देश में.., उद्योगपतियों से 22 लाख करोड़ का आयकर, 30 लाख करोड़ का बैंकों का
डूबा कर्ज, २० लाख करोड़ का खाद्यान बाजार
की दलाली व 100 लाख करोड़ से ज्यादा नेताओं व भू-माफियाओं का काला धन छुपा है...,
यदि इस धन की वसूली की जाया तो रूपये की ताकत 100 गुना बढ़कर हमारा १ रूपये की की
कीमत 70 डॉलर से ज्यादा होगी..
९. सत्ता
परिवर्तन के बाद ०.१% अंग्रेजी बाबुओं की औलादें जो विलायती शिक्षा से अंग्रेजों
के संविधान में आस्था की प्रतिज्ञा से खाओ अंग्रेजी , पियों अंग्रेजी सोओ अंग्रेजी ,
जागो अंग्रेजी, थोपो अंग्रेजी ने विदेशी भाषा
से गोरे अंग्रेजों के काले बादल की गुलामी को प्रतीक बनाकर, इस
बादल से काले धन की बरसात से मालामाल हो गयें और आम हिन्दुस्तानी अवसाद से बेहाल
हो गया है.
१०.
पिछले ८ सालों से ममता बनर्जी का,सत्ता के खेल का साम्प्रयदायिकता का बारूद आपने (नरेन्द्र मोदी) ख़त्म
कर दिया है .., अब तुरुप का हुकम के पत्ते से नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की गुमनामी /
ह्त्या के राज का बम.. फेकर .., आपको चोटिल कर, एक नए हुकुम से सत्ता को मजबूत कर
रही है.
११.
खेल भले कुछ भी हो ममता के ६४ फाइलों के साथ यदि केंद्र के १३० फाईलों व लाल
बहादुर शास्त्री की ह्त्या में विदेशी व देशी हाथों के दस्तों की दास्तान.., यदि
आम नागरिक को जानकारी मिले तो, देशी –विदेशी
हाथों से हमारे शोषण की सच्चाई से हम पर विदेशी बादलों की ६९ सालों की परछाई के अंधकार
में ,”राष्ट्रवाद के पथ” से मुक्ती का
मार्ग मिलेगा.., व देश सुजलाम सुफलाम से भारतमाता भव्यतम से देश गौरवशाली से चन्द दिनों में “विश्व गुरू “ बनेगा
मेरा साम्प्रयदायिकता का
बारूद हो गया ख़तम.., अब फेकती हूं सुभाष चन्द्र बोस की गुमनामी / ह्त्या के राज का
बम..
मैं सुभाष चन्द्र बोस की
गुमनामी व लाल बहादुर शास्त्री की ह्त्या का रहस्य.., विदेशी सरकारों से रिश्ते
ख़राब होने से इसे परदे के पीछे रखकर.., पिछली सरकारों की तरह पर्दाफास नहीं करूंगा
.
चेतो मोदी जी, मेरी ह्त्या का राज खोलो..., देश
विदेशी खून से नहीं, मेरे कार्यकाल में जवानों के ५६ इंच के सीने से नहीं, ६५ इंच के दिल में स्वदेशी खून से ही जय
जवान –जय किसान के शान की मुट्ठी बल से ही
देश विश्व गुरू बनेगा.
बेटा “भारत निर्माण” से हमारे व इटली के परिवार का धन से निर्माण हो गया..., आओ अब ऐश करें.
विदेशी बहू.., मेरे “आराम हराम है” के नारे से अय्याशी की पोल खुलने वाली
है.., मेरी लाज बचाओ
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