जय गणेश देवा , गणेशजी, आपकी
शंख ध्वनी से, देशवासियों मे राष्ट्रवाद का मंत्र फूंको...
देश के जवान, किसान व विज्ञान , रोज...
एक सफलता की , उचाई पर, पहूंच कर...
मेरा देश, सुजलाम, सुफलाम से , विश्व का सिरमौर बने...
जाने लाल बहादुर शास्त्री व नरेन्द्र मोदी के चुनौतीया में लाल बहादुर शास्त्री के एकमेव
राष्ट्रवादी बल से देश मात्र “१५ महीनों” में ही हिन्दुस्तान विश्व के मानचित्र
में एक बलशाली देश के रूप में उभरा ..,
किसानों के “हल” ने विश्व के ट्रैक्टरों को मात
दे दी व जवानों के द्वितीय विश्व युद्ध के लुंज-पुंज हथियारों ने विश्व के पाकिस्तानी
हथियारों को धवस्त कर दिया
१. जब जवाहरलाल नेहेरू की गुप्त रहस्यमय बीमारी के मौत के
बाद, लाल बहादुर शास्त्री को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवारी में चुना गया तो
कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता के सामने उनका कद बौना था .., इसका मुख्य उद्देश्य
उन्हें रिमोट कंट्रोल व कठपुतला से शासन चलाना था..,देश में भीषण चुनौती थी जिसे
पार करने की किसी भी नेता के बूते की बात
नहीं थी.., लाल बहादुर शास्त्री की छवि इस्तीफा
देने की थी और वे चुनौती पार न करने पर,इस्तीफा देने पर उनके पद को आसानी से भविष्य में अन्य दिग्गज
नेता होड़ में थी .
२. देश का जवान चीन के हाथों हार के बाद निराश था किसान हताश होने के कगार पर
था, देश की जनता तिनके की तरह बिखरी थी .., अमेरिका से जो गेहूं सूअर नहीं खाते थे
वह सड़ा गेहूं, नेहरू के समझौते से हिन्दुस्तानियों को खिलाया जा रहा था.., देश की
आर्थिक बिगड़ी स्थिती देखकर , पाकिस्तान ने अमरीका से आधुनिक पेटंट टैंक खरीद कर
हिन्दुस्तान के टुकड़े करने को बेताब था.
३. तब शास्त्री ने
अमेरिका का PL 48 (PUBLIC LAW} स्कीम के अंडर का गेंहूं बंद करवा
दिया कुछ दिन बाद अमेरिका का बयान आया कि
अगर भारत को हमने गेंहू देना बंद कर दिया ! तो भारत के लोग भूखे मर जाएँगे !!, तब
शास्त्री ने कहा..., “हमे भूखे मारना पसंद
होगा बेशर्ते तुम्हारे देश का सड़ा हुआ गेंहू खाके !! एक तो हम पैसे भी पूरे दे
ऊपर से सड़ा हुआ गेहूं खाये ! नहीं चाहीये तुम्हारा गेंहू !!”
४. दुश्मन देश
पाकिस्तान ने अयूब खान ने ४ फीट की काया व बच्चे जैसे आवाज व दिखानेवाले लाल बहादुर शास्त्री के बारे में कहा
यह ४ फुट का आदमी क्या पकिस्तान से युध्हा युद्ध जीतेगा तब शास्त्री ने जवाब दिया जितना मैं जमीन में ऊंचा हूं ,उससे कई गुना जमीन के नीचे गहरा हूं
५. कांग्रेस के
बार-बार सांसद संसद में लाल बहादुर शास्त्री के विचारों का विरोध कर विदेशी
कर्ज से देश को उन्नत करने का समर्थन करते रहे..,अपनी पार्टी के सांसदों को लताड़ते
हुए शास्त्री ने कहा अभी हम २०० सालों की विदेशी बेड़ियों से मुक्त हुए हैं क्या अब
उसी गुलामी को आमंत्रण देना उचित है..
६. देश के सांसद मजबूर होकर मजदूर हो गए थे.., उद्योगपति का
रूतबा ख़त्म हो चुका था.., लाल बहादुर शास्त्री को विश्वास था कि देश की पूंजी, देश
के जवान व किसान हैं.., 55 करोड़ देशवासियों के स्वदेशी विचार व मुट्ठी बल से ही
देश आगे बढेगा.., और देशवासियों का जज्बा बड़ा कर, उन्होंने सत्ता जनता के हाथ में दे दी थी..
७. जय जवान-जय किसान के नारे से देश में एक ऊर्जा भरकर..,
हमने द्वितीय विश्वयुद्ध के टैंकों व हथियारों से दुश्मन के आधुनिक हत्यारों को
ध्वस्त कर दुनिया को अचंभित कर दिया
८. हरित क्रांती के साथ श्वेत क्रांती से देश खाद्यान भण्डार के साथ
बिचौलियों की भूमिका ख़त्म कर विदेशी कंपनियों के द्वार बंद कर दिए गए ...
९. देश का काला धन के माफियाओं की जनता की निगरानी से सफाया
हो गया था ...
१०.
सिर्फ
और सिर्फ १८ महीने का कार्यकाल देश विश्व गुरू बन जाता.., यदि शास्त्री १८ महीने
और जीवित रहते .., काश.., विदेशी माफियाओं के देशी सत्ताखोरों के हाथों उनकी मौत न
होती .., मोदी सरकार भी इस ह्त्या का राज खोलने से कतरा रही हैं .., कि कही विश्व के देश हमारे कटोरे में धन डालने से कतराने
लगे.
.
११.
देश
की १२५ करोड़ जनता अच्छे दिनों की आस से MAKE
IN INDIA के इन्तजार से अब भ्रमित
है..
१२.
ताजा
खबर के अनुसार उद्योगपतियों से 22 लाख करोड़ का आयकर, 30 लाख करोड़ का बैंकों का
डूबा कर्ज, २० लाख करोड़ का खाद्यान बाजार
की दलाली व 100 लाख करोड़ से ज्यादा नेताओं व भू-माफियाओं का काला धन छुपा है...,
यदि इस धन की वसूली की जाया तो रूपये की ताकत 100 गुना बढ़कर हमारा १ रूपये की की
कीमत 70 डॉलर से ज्यादा होगी..
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