१. मोदीजी.., तुस्सी “ग्रेट”
हो.., दुनिया झुकती है.., झुकाने वाला चाहिए.., सीमा पर जवानो में जोश है... देशवासी
गर्वित है लेकिन महंगाई से वह द्रवित है
२. मानसून...”, “राष्ट्रवादी मोदीजी..”, देश
के लिए अपना मौन –SOON तोड़ों.., लोकसभा
के बल को बढ़ाओ.., संसद की कार्यवाही के बल से ही देश का बल है.
३. आपकी एक साल तीन
महीने की १८ घंटे की मेहनत से विश्व में
देश के गरिमा की उपलब्धता से देशवाशी गर्वित है.., सीमा पर जवान स्फूर्तिक है..दुश्मन घायल होकर अपाहिज हो गया है..
४. लेकिने देश के छुटभैय्ये
नेता अब भी मदहोश होकर लूट में छूट मना रहें हैं .., देश में प्याज ६० रूपये किलों
होकर जनता के आंसूं से “ब्याज” वसूल रहें
हैं.
५. दाल
में १५० रूपये के काले से, काले माफिया.., देश के डाल –डाल में बैठकर, पेड़ को हिलाकर
हरी पत्तियों को (गरीबों) हिलाकर हालाक कर रहें है..,
६. किसान बदहाल है.., जनता बेहाल है .., महंगाई चरम –सीमा पर होकर, गरीबों का चर्म खीचकर अपना कर्म कर रही है...
७. डॉलर 66रूपये
को छूकर .., आपकी उमर पार करने को बेताब है .., गरीबों की मेहनत पर 66 हथौड़े मारकर
.., देश के कर्ज का ब्याज वसूल रहा है
८. देश में व्यापक.., व्यापम .., व्यायाम के आयाम
से माफिया पहलवान बन गएँ हैं...,
९. इस फेस बुक व
वेबस्थल का स्लोगन आज भी सार्थक है .., भ्रष्टाचारियों पर, SLOW GUN से LOVE GUN की बहार से, भ्रष्टाचार की बयार से देश
ग्रसित है... “मेरा
संविधान महान.., यहाँ हर माफिया पहलवान..,” व “सत्ता मेवा है, इसकी जय है .., सत्य
आत्महत्या कर रहा है..”
१०.
आप तो १८ घंटे निष्ठापूर्वक काम करते हो ..,
यदि आपके मंत्री से संतरी व देश के २५
करोड़ से अधिक सरकारी कर्मचारी ८ घंटे
इमानदारी से अपना काम करें तो “घंटनाद” से
देश संवरने लगेगा.
११.
चेतो मोदी
सरकार....., लाल बहादुर शास्त्री ने तो “५०
करोड़ देशवासियों के मुठ्ठी बल” से “सिर्फ
१८ महीनों” में “जय जवान – जय किसान” से, पकिस्तान के पास
हमारे से उन्नत हथियार होने के बावजूद,देश को विजयी बनाकर,
“उनके ही देश में उन्हें धूल चटा दी थी...”, हमारा
देश तो शक्तीशाली यूरोपीय देशों के कतार में शामिल हो रहा था.., और विश्व गुरू बनने के पहिले, “विदेशी हाथों”
ने “देशी हाथों” से हाथ
मिलाकर उनकी ह्त्या कर ..., भ्रष्टाचार की फसल बोकर ,
आज देश के किसानों की फसल खा दी है
१२.
देश की जय करने के लिये ,आज, गरीब से गरीब जवान – किसान,
विज्ञान से अपनी प्रतिभा दिखाने को आतुर है .., लेकिन वह,भ्रष्टाचारियों से व्यापकता के बोझ तले दबा
है..,
१२. जनता हैरान.., परेशान है .., ‘अच्छे दिनों” की आस में अपने “१५ महीने” बर्बाद हो गए .., पार्टी के “जुमले” अब “अच्छे दिनों” की “६० महीने” व “विश्व गुरू” के “६०० महीनों” की बात से, जनता भी अब अपने को उपहासी समझ , भ्रमित है कि, क्या...???, “६० सालों की कांग्रेस नीती” के “मौन” का अध्याय की पुनराव्रिती के “मौन व्रत” से “सत्ता को धरोहर” मानने का नया खेल शुरू हो गया है...
१२. जनता हैरान.., परेशान है .., ‘अच्छे दिनों” की आस में अपने “१५ महीने” बर्बाद हो गए .., पार्टी के “जुमले” अब “अच्छे दिनों” की “६० महीने” व “विश्व गुरू” के “६०० महीनों” की बात से, जनता भी अब अपने को उपहासी समझ , भ्रमित है कि, क्या...???, “६० सालों की कांग्रेस नीती” के “मौन” का अध्याय की पुनराव्रिती के “मौन व्रत” से “सत्ता को धरोहर” मानने का नया खेल शुरू हो गया है...
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