दलितों को साथ लेकर चलें, तो, “हिंदुत्व”, विश्व का “विशाल तत्व” बनेगा... वीर सावरकर
१. 11 वर्ष के कठोर कालापानी के कारावास
से वीर सावरकर के बाहर आने से कांग्रेसी व मुस्लिम लीग को मानों सांप सूंघ गया था
..., वे बार-बार ...बारम्बार ढोल पीट कर प्रचार कर रहे थे कि वीर सावरकर ने
माफीनामा देकर , अंग्रेजों के सामने घुटने टेक दिए हैं.
२. ..वीर सावरकर का माफीनामा स्वीकारना तो, अंग्रेजों की मजबूरी थी.., इस इतिहास के तथ्य को आज तक छूपा रखा है..., वीर सावरकर को जेल में भयंकर प्रताड़ना
मिलने के बावजूद,उन्होंने कभी भी अपनी शिकायत जेल प्रशासन से नही की, बल्कि जेल के
अन्य कैदियों को दी जाने वाली भयावह प्रताड़ना को विदेशी पर्यवेक्षों को इसकी
विस्तृत जानकारी देने से इंग्लैंड ही नहीं,
विश्व के क्रांतीकारियों में हलचल पैदा कर दी गई थी .., इंग्लैंड के संसद में इस
विषय पर भी यह चर्चा का विषय रहा कि कही
यह विषय, अन्तराष्ट्रीय मुद्दा बनकर..,
विश्व में ब्रिटिश हुकूमत के प्रति गुलाम देशों के नागरिकों में नफरत न पैदा हो
जाए..,
३. वीर सावरकर ने जेल में रहते हुए , “हिंदुत्व” नामक ग्रन्थ लिखकर, समाज में, हिंदु समाज में एक
जनचेतना पैदा कर दी थी..., हिंदु धर्म के सिकुड़ने के कारण व भविष्यवाणी देकर हिंदु
समाज को चेताते हुए कहा
४. .जब तक देश का हिंदु, जातिवाद,
भाषावाद, अस्पर्श्यिता /अश्पर्यता की बेड़ियों में जकड़ा है.., तब तक देश एक गुलामी से मुक्त होने के बावजूद दूसरी गुलामी में बंधा रहेगा..., और हिंदुत्व का पतन के साथ देश विखंडन के कगार पर जाएगा ...
५. सावरकर के अनुसार हिन्दू समाज सात बेड़ियों में जकड़ा हुआ था।।
१. स्पर्शबंदी: निम्न जातियों का स्पर्श तक निषेध, अस्पृश्यता
२. रोटीबंदी: निम्न जातियों के साथ खानपान निषेध
३. बेटीबंदी: खास जातियों के संग विवाह संबंध निषेध
४. व्यवसायबंदी: कुछ निश्चित व्यवसाय निषेध
५. सिंधुबंदी: सागरपार यात्रा, व्यवसाय निषेध
६. वेदोक्तबंदी: वेद के कर्मकाण्डों का एक वर्ग को निषेध
७. शुद्धिबंदी: किसी को वापस हिन्दूकरण पर निषेध
ऐसी उनकी ४० से ज्यादा भविष्यवाणीयां, जिनकी हमने अवहेलना की है..., वीर सावरकर का इस देश पर महान ऋण है। वे अधिकांश क्रान्तिकारियों के लिये प्रेरणा के स्रोत थे। आज भी वह हर सच्चे भारतीय के लिये प्रेरणा के स्रोत हैं !!!!!
१. स्पर्शबंदी: निम्न जातियों का स्पर्श तक निषेध, अस्पृश्यता
२. रोटीबंदी: निम्न जातियों के साथ खानपान निषेध
३. बेटीबंदी: खास जातियों के संग विवाह संबंध निषेध
४. व्यवसायबंदी: कुछ निश्चित व्यवसाय निषेध
५. सिंधुबंदी: सागरपार यात्रा, व्यवसाय निषेध
६. वेदोक्तबंदी: वेद के कर्मकाण्डों का एक वर्ग को निषेध
७. शुद्धिबंदी: किसी को वापस हिन्दूकरण पर निषेध
ऐसी उनकी ४० से ज्यादा भविष्यवाणीयां, जिनकी हमने अवहेलना की है..., वीर सावरकर का इस देश पर महान ऋण है। वे अधिकांश क्रान्तिकारियों के लिये प्रेरणा के स्रोत थे। आज भी वह हर सच्चे भारतीय के लिये प्रेरणा के स्रोत हैं !!!!!
६. महाराष्ट्र
के रत्नागीरी जेल से बाहर आने पर, उन्हें रत्नागिरी जिल्हे के बाहर जाने की अनुमति
नहीं थी..,तब सावरकर ने हिंदु धर्मे की दूषिता का जातिवाद को विष माना , रत्नागिरी में दलितों के नाम से पतित पावन मदिर से .., ...,
दलितों को पुजारी बनाकर, शंकारचार्य द्वारा मंदिर में माल्यापर्ण से हिंदुत्व की
शान में चार चाँद लगाकर , रत्नागिरी
जिल्हे से इस विष बेल को, जड़ से उखाड़ कर , विश्व को ध्यानाकर्षित कर, एक मिशाल
दी...
७. लेकिन दुःख के साथ लिखना पड़ रहा है., वीर सावरकर
की इस मिसाल को कांग्रेस ने “देश की मशाल”
बनने नहीं दिया...!!!, कांग्रेस में,
मुख्या बने गांधी ने इस विष को समाज में पोषण कर , अहिंसा के खाद से,
वीर सावरकर के विचारों का कट्टर विरोध से , जातिवाद के दंश से , हिंदुत्व के विध्वंश के बीज को पोषित कर , दुर्माग्य से आज भी
देश के जातिवाद की छाया में देशी- विदेशी
लुटेरे आनंद ले रहें हैं
८. अब इस दुनिया ऐसा वीर सावरकर दुबारा पैदा नही
होगा..? देश के इतिहास को अन्धेर मे रखकर
यो कहे देश के इतिहास को दफन कर दिया है….?????????
No comments:
Post a Comment