बापू के तीन बंदर, अब बन गये है मस्त कलन्दर http://meradeshdoooba.com
देखू : देख रहा
हूं.., “मोदी जी तुस्सी ग्रेट हो.., लेकिन उनकी सेना अभी भी लेट
लतीफ़ हैं.., घोंघा चाल से उनकी
दुर्बलता को भांप कर ..., देश को राष्ट्रवादी भाप से चलाने के लिए मोदीजी ने अपने मंडली में रेल को बल देने के लिए .., विरोधी पक्ष के शिवसेना
के नेता “सुरेश प्रभु” को अपने पक्ष में
मिलाकर व देश को गर्विती से रक्षा करने के लिए गोवा के मुख्यमंत्री “मनोहर पर्रीकर”
, जो १८ घंटे काम करने का माद्धहा रखते हैं..., इसलिए प्रधानमंत्री मोदीजी ने अपने बुलेटी जिगर
से AROUND THE WORLD IN 360
DAYS WITH 360 DEGREES दुनिया में धाक मचा दी है..., और चीन दौरे के दौरान
शंघाई में .., हिन्दुस्तान का शंख के फूंक की दहाड़ से हिन्दी चीनी खाई-खाई भरने का मंत्र से दोनों देशों को दोस्ती से
ओत-प्रोत करने का सन्देश दे दिया है...,और इस मिशन में प्रधानमंत्री, तीन देशों का दौरा कर आए हैं .
सूनू: हाँ मोदीजी
भी कह रहें हैं.., उन्होंने गुजरात का मुख्य मंत्री बनाने के बाद पिछले ११ सालों
से एक दिन भी “अवकाश ” नहीं लेने से, गुजरात को विकास के आकाश छूने का जज्बा था ..,
अब यही जूनून, उनका देश के लिए है
बोलू: तू सच देख
रहा है ..., उनके मंत्रीमंडल के सहयोगीयों
की इस बुलेटी रफ़्तार में उनकी सांसे फुल रही है .., वे हांफ रहें है..., कहीं उन्हें दिल का दौरा न पड़ जाए.., इसलिए मोदी इन
घोंघाओ को छोड़कर विदेश दौरे में गए थे ..
सूनू: हां सभी
विपक्षी दल एकजुट होकर मोदी की अलोचना करने में जुटा है ..क्योकि क्योंकि उनको
सत्ता का आलू-चना खाने में नहीं मिल रहा है .., वे भी सत्ता के लिये अपनी ..,
जातिवाद, भाषावाद, अलगाववाद की चादर फैलाकर , अपने भ्रष्टाचार के मुद्दों को
छुपाने की आड़ में इन्तजार में बैठें है कि
मोदी के कुछ मंत्री टपक जाए ..., और उनकी ६९ साल की देश की नीती का, पुनरोथान हो अब ये.., थके हारे हताश लोग अपनी राजनैतिक जमीन
की तलाश में है...
देखू: इसी वजह से
अब के चीन के दौरे में अपने बुलेट ट्रेन के डब्बों को छोड़ कर , स्वंय बुलेट इंजन बनकर गए हैं
बोलू: विपक्ष भी
मोदी के विदेश दौरों को देखकर, कांप रहा है.., ६९ सालों के इतिहास में नेहरू और
कृष्णन जिन्होंने प्रधानमंत्री व विदेश मंत्री के रूप में इतने जलसे किए कि जनता
को भी भ्रम होता था कि इन दोनों में असली विदेश मंत्री कौन है.., और नेहरू ने तो
विदेशी दौरे की अय्याशी से चीन के साथ पंचशील के शांती से नोबल पुरूस्कार जीतने के
फेर में, देश की सेनाओं को नोबल कर, देश की वीर जवानों के जज्बो पर पानी फेर दिया
था
सूनू: हाँ.., चीन ने नेहरू के सत्ता की शराब पर पानी
फेर कर, उनकी अवकाद दिखा दी थी.., उन्होंने अपना मुंह छुपाने के बजाय उस समय के
रक्षा मंत्री कृष्ण मेनन से इस्तीफा
मंगवाकर अपने दामन के दाग धोने की साजिस में कामयाब हो गए थे
सूनू: अब मोदी ने
तो बेबाकी से चीन को जवाब दे दिया है.., हमारा इतिहास तो “वसुधैव कुटुम्बकम” का
है.., यदि हमारा भूगोल बदलने की कोशिश की तो, हम भी करारा जवाब दे कर.., अब तक
दोस्ती का झांसा देने वाले, अब दुश्मनी
रखने वालों देशों का भूगोल बदलने की ताकत रखतें हैं.
बोलू: मोदीजी ने. मंगोलिया को एक अरब डॉलर की सहायता
से सूचना क्रांती में सहयोग देने से, अब, चीन को भी सोचना पड़ रहा है.., और दक्षिण
कोरिया ने तो मोदीजी को, तकनीकी के साथ , कोरा चेक (BLANK CHEQUE ) देकर मनचाही रकम देने का
आश्वासन दिया है
सूनू: जनता भी
असमंजस से कह रही है कि मोदी मंगोलिया का
मंगल क्यों कर रही है...
बोलू: इसके
पीछे दो राज्य है .., पहला मंगोलिया को मित्र
बनाकर चीन को घेरना और मंगोलिया के
यूरोनियम भंडार को भारत के लिये उपलब्ध कराना.., विपक्ष भी.., इन मुद्दों को जानकर भी, जनता में भ्रम फैलाकर
मोदी को घेरने का ताना बाना बून रहा है...
देखू: मैं अब देख रहा हूं .., मोदीजी के ४० से ज्यादा मंत्री.., अब बैंड-बाजा –
बाराती बन कर , मोदीजी के “३६५ दिनों की उपलब्धियों” का प्रचार-प्रसार के ढोल से करोड़ों रूपये खर्च कर यह श्रेय अपने नाम
हथियाने के होड़ में दौड़ लगा रहें है...
बोलू: हाँ ...,
मोदीजी ने, अपने सांसदों को आव्हान किया था .., अपने छेत्र के एक गांव को गोद लेकर
“आदर्श गांव” बनाए .., लेकिन वे सत्ता के बजरबट्टू हैं...., वे नहीं चाहते है कि
वातानूकूलित माहौल से अलग होकर , देश की धूप से अपनी चमड़ी काली करें...
देखू: हाँ ...,
स्वच्छ भारत अभियान में सांसद से सितारे, अपनी फोटो खिचाने के लिए, दिन के सूरज को
अपनी चमक दिखाने के लिए , सुर्खियों में रहने के लिए, उतरे जरूर थे .., लेकिन देश के सूरज की गर्मी के
पसीने के डर से भाग गये..
बोलू: गंगा सफाई
अभियान में मझधार में रह गयी है.., अभी ये अपने
को देश के मल्लहार कहने वाले, अब नाव छोड़कर भागने की ताक में हैं..
देखू: सभी राज्यों
की सरकार , देश मी लूट कर रही है.., माफिया की मिली भगत से देश में महंगाई से “अच्छे
दिन” के. “छांव की छाते में छेद पड़ रहें हैं” ..., जनता “माफियाओं
के लूट” से “महंगाई के लू” से मरी जा रही
है , बोलू ..., अब देश का क्या होगा होगा,
कुछ तो बोल...
बोलू: देश को..,
सत्ताभोगी मुख्यमंत्रीयों की जगह..., “30
मोदी” चाहिए जो १८ घंटे.., DRIVING SEAT
पर राष्ट्रवाद की बेल्ट पहन कर ..., देश
को द्रुतगामी सड़कों पर दौड़ाकर अपनी मंजिल को सुरक्षा व सपन्नता से, भारतमाता को गौरवशाली से भव्य बनाकर चंद सालों में ही, देश को “विश्व गुरु” बना सकते हैं .., जब तक ऐसा
जज्बा नहीं रहेगा, देश लूट के लोटे से डूबते रहेगा ...
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