महाराष्ट्र चुनाव, देशवासियों के लिए मरा- राष्ट्र बनाने के इन Rattel snake –(संगीत वाले साँपों) का संगीत कुर्सी –Musical Chair का फूंककारों से, सत्ता के जहर से, जनता को मारकर, अपार मणि जमा करने का खेल है ...,
अब,सत्ता के लिए “नाग मणियों” का “मनी पावर” से “नंगा संघर्ष” शुरू हो गया है..
जागों मराठी माणूस (मराठी आदमी)...,
सभी दल सीट बंटवारे को लेकर एक दूसरे का द्रोपदी चीर हरण करने, धौंस देने से लेकर,खुद की गोटी फिट करने की कोशीश में जुटे हुए हैं, जिसमे आम आदमी की लहूलुहान चींखों को सुनने वाला कही नजर नहीं आ रहा है, जबकि सत्ता के महा भोज में खद्दरपोश गिद्धों का रोटी बोटी युद्ध देखकर, जनता न सिर्फ हैरान है बल्कि बदहवास भी है क्योंको आम आदमी के दुखों की जलती चिता की आंच पर उसके रहनुमा , अपने-अपने हिस्से की रोटी सकने में लगा है ..
याद रहे..,पिछले महाराष्ट्र के विधान सभा व लोकसभा चुनावों में दो वंशवाद के सांडों की लड़ाई थी , वंशवाद से दंश वाद के जहर की धुल से मुंबई शहर में घुल, घूल कर अब महाराष्ट्र में छाई थी... अब भाजपा व शिवसेना में दो सांडों की लड़ाई में, शिवसेना के नेता उध्ह्व ठाकरे, अपने को मुख्यमंत्री के उद्भव से स्वंय-भू सत्ता के ऐकाकार का एक्का मान बैठे है..., अब इस ऊटपटांग खेल में किसकी टांग उल्टी फसती है.. और ऊँट किस करवट बैठता है... ,
जाने पिछला खेल तमाशा - चाचा –भतीजे की चचेरे भाईयों के सत्ता को भांजने में मराठी माणूस (आदमी) की लड़ाई में मराठी माणूस की खून के बटवारे से विपक्षी दलों ने , इस होली से अपने सत्ता के रंग की रंगोली सेपिछले चुनावों में शरद पवार ने कृषी मंत्री से क्रिकेट मंत्री के अपने मंत्र से राजनीती के भीष्म पितामह बनकर , सुप्रीम कोर्ट के फटकार के बावजूद से गरीबों को अनाज बांटने के बजाय, उसे सत्ता की शराब बनाकर , विपक्षी दलों से लवासा (लव+आशा) से किसानों व भूखमरी लोगों की लाश से अपनी सत्ता के प्यास की अलख जगाई
आओं, पार्टी नहीं देश का पार्ट बने,
मेरे वेबस्थल का स्लोगन है...,सत्ता मेवा है, उसकी जय है, सत्य आत्महत्या कर रहा है .., अब इन गिद्धों की लड़ाई में शिवसेना, भाजपा को कमलाबाई बनाती है या भाजपा, शिवसेना को गमला राम बनाता है
कोई भी पार्टी ,देश व तुम्हारे रक्षक नहीं है..., देश को उन्नत बनाना है तो चलों राष्ट्रवाद की ओर
फेस बुक में About लिंक की पोस्ट:
Let's not make a party but become part of the country. I'm made for the country and will not let the soil of the country be sold.
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आओं, पार्टी नहीं देश का पार्ट बने, “मैं देश के लिए बना हूँ””, देश की माटी बिकने नहीं दूंगा , “राष्ट्रवाद की खाद” से भारतमाता के वैभव से, हम देश को गौरव से भव्यशाली बनाएं,
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