बंद.., बंद.., बंद..,
BANNED-BANNED-BANNED, सरकारी बैंक की छुट्टी से बैन
WHOLE DAYS of week , देश बना WEAK, कभी सरकारी कर्मचारियों की मांग..., वेतन बढ़ाओ .., और काम के घंटे कम करों…
कहते हैं पीने वाले को पीने का बहाना चाहिए, देश में छुट्टियो का भी यही हाल है
१ लाख से कम पारसी , ०.३% जैन ,२% का सिख समुदाय के नाम से .., से छुट्टियों की बहार
आजादी का झांसा बना ...आ जल्दी –जल्दी आराम करें ...
इसके आड़ में एक छूपा नशीला नारा “ आराम हरम है”, जिसने की शुरूवात के अय्याशी से भ्रष्टाचार.., दी एक सौगात
1. याद रहे देश के पूर्व प्रधानमंत्री जिनका जन्म २८ फरवरी (लिप ईयर) को आता है..., वे अपनी मृत्यु के १०० साल की उम्र पूरी करने से दस माह पूर्व (February 29, 1896, Valsad
2. Died: April 10, 1995, New Delhi) एक नई लीपी लिखकर चले गए...,उनकी मृत्यू पर २ दिन का राष्ट्रीय अवकाश, तथा बीच में ३ दिन त्त्यौहार व महापुरषों के जन्म दिन आने से देश भर में ५ दिन बैंक बंद थे , तब देश में जनता द्वारा खलबली मचाने के बाद ..., देश के इतिहास में उस समय रविवार को विशेष रूप से जनता की बदहाली देखकर बैंक खुले..
3. बापू क्या है तेरे देश का योग...,सरकारी कर्मचारी कर रहें हैं, छुट्टियो का भोग,
4. तेरी जयन्ती के नाम से ..., अहिंसा दिवस से , आपके जीवन के पोषक ..., बकरियों के भोग से समाप्त हो रहा है सात दिनों का देश का रोग
5. २१वी सदी का तुम्हारे लिए है.., एक पैगाम.., राष्ट्र अभी भी है छुट्टियों का गुलाम...
6. ऐसे भी चंगू – मंगू नेताओं के भ्रष्टाचार से देश बना नंगू इसीलिए आज भी है ७५% हिन्दुस्तानी भूखा नंगू
7. गरीबों की छाती पर मूंग दलकर .., डाल –डाल , पात – पात से भ्रष्टाचारी कर रहे ललकार
8. बापू तेरे ‘पू’ से देश बीमार.., अहिंसा के बलात्कार से देश लाचार
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