“सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नहीं झुकने दूंगा ...”
'' ना मैं खाता हूँ और ना ही खाने देता हूँ '' लालच देने वालों से अपना उपवास नहीं तोड़ता हूँ, क्योंकि मैं हिंदु राष्ट्रवादी हूँ..
वही देश को डूबाने वाले प्रधानमंत्री अनर्थ,व्यर्थ,मंद मोहन का बयान ...
जिससे सत्ता के भ्रष्टाचारीयों बने भाग्यवान..,
“प्रधानमंत्री पद, तो, मेरे लिए तारों के पार की दुनिया है..,””
क्या प्रोग्राम है आज के. दिन के १२ बजे से, रात के १२ बजे तक का ...
१. मंद मोहन का मौन..., उड़े जनता का चैन .., मनमोहन .., “मेन” मोहन के नाम से कान्ग्रेसिओं को लूटने का मिले दाम...
२. मनमोहन की विदेशी यात्रा,मिले सहयोगियों को लूटने की भारी मात्रा ...
३. मनमोहन का विदेशी धन का कटोरा.., माफिया बना लुटेरा..
४. कहें एक ही शब्द बार-बार, प्रधान मंत्री पद तो मेरे लिए तारों के पार की दुनिया है.., और क्या प्रोग्राम है आज के दिन के १२ बजे से रात के १२ बजे तक का ...
५. जी यह है..,प्रोग्राम की सूची ...
दोपहर १२ बजे, विदेशी नेताओं के साथ शाही भोज का
६ . शाम ४ बजे, कुपोषण पर रटाया –पढ़ाया भाषण
६ रात ८ बजे “भारत निर्माण” के नारे से भरमाकर एक योजना का ऐलान’.., और इस खामियाजे का जनता भरे चालान...
७ रिमोट तंत्र से, री - वोट बैंक के खेल का ख़त्म हो गया मंत्र ..,
८ . अब .., माफिया जो खूब पीया था, वह भी प्यासा रहकर हो गया दंग , कैसे टूटा हमारे भ्रष्टाचार का अंग...
९ . L.OC (LINE OF CONTROL=LOVE OF COMBINATION) को प्रेम के मिश्रण से जवानों के अंग हुए छिन्न-भिन्न...
१० दुश्मनों के हथगोलों के सामने , जवानों के हाथ बांधकर .., ख़त्म कर दिया जवानों का हथ व आत्मबल...
११ लोकतंत्र का ४२० वां स्तम्भ भी कर अब पश्चाताप . अमेरिका जाकर जब करे, मोदी की भर्त्सना का आलाप, तो, मिले थप्पड़ों का लोली पॉप..,
१२ :::::: नरेन्द्र मोदी::::::
एक शेर के भ्रष्टाचार के जंगल में कदम रखते ही , देश के लकड़बघौ में मचा हाहाकार..,
१३. अब नहीं मिलेगा भ्रष्टाचार लूट के हिस्से का अधिकार,इस बंदरबांट के खेल में विश्व की माफिया भी हो गए लाचार....
१४. अब इस शेर की दहाड़ से ब्रिक्स देशों की ईंटे भी टूट गयी.., और अपने दहाड़ से गोल मारकर, हमारे देश को गोल-मोल कहकर.., भ्रष्टाचार से तोड़ मोड़ करने वालों को भी अचम्भे में डाल....
१५. विनम्रता के अभिवादन से मैं झुकता हूँ.. लेकिन मेरे झुकने से मेरी पीढ में वार करने वालों की खबर से खैर रखता हूँ ...
१६. “न मैं खाता हूं , न खाने देता हूँ...,” राष्ट्रवाद के गीत गाता हूं... ,
१७ . अब मेरे मंत्रियों में भी भ्रष्टाचार के भाई- भतीजावाज के जन्त्रीयों की खोज कर दबोचने की ताकत रखता हूं ...
१८ . मेरी आसमानी गगन की उड़ान में.., जमीन पर भ्रष्टाचारी चीटियों से अलगाववादी, घुसपैठीयों पर भी नजर रखता हूं ...
१९ . १०० दिन की नजर से.., अब मन मौजी मंत्री पर हर दिन नजर व खबर रखता हूं , सत्ता जनता को न सताए इसका गुमान रखता हूं ..
२० . फाईलो, को फैला कर , भ्रष्टाचार के थैला बनाकर , देश को मैला बनाने वाले अधिकारी को,,. धिक्कारी बनाकर , राष्ट्र का प्रहरी बनकर , देश को हरा-भरा कर.., गरीबों की मेहनत को सम्मान देकर उनका जीवन उन्नत करने का जज्बा रखता हूं ,मैं ....
२१ . मैं भारतमाता के वैभव को भव्यशाली बनाकर, देश को गौरवशाली से विश्वगुरू के नए युग की शुरूवात का संकल्प लेकर, अपने ध्येय को पूरा करने का माद्दा रखता हूँ....
No comments:
Post a Comment