महाराष्ट्र बना घोटालों का प्रदेश के ताज से.., देश को बनाया.., मरा राष्ट्र..,
लोकतंत्र को लूट तंत्र के खेल से..,
जनता हैरान , परेशान..,
सभी दलों के प्रधान मान चुके हैं अपने को मुख्यमंत्री का मान , लोकतंत्र की कुर्सी के चार पाये से चौपाये के भेष से चल रहा है, कुर्सी खीचने का खेल... (MUSICAL CHAIR... को MUSCULAR POWER से खीचने का खेल...)
वंशवाद, भाई – भाई के खेल में लोकतंत्र के झांसे से जनता का जीवन बना खाई – खाई....,
हर दल राजनैतिक जंग की लड़ाई में.., अपने पूर्ण बल के लड़ाई से लगा है..., भविष्य के सत्ता के, खाने की मलाई ...,
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