देश में हुद – हुद का तूफ़ान,
विरोधी करें फरमान ,
मोदी क्यों संभाले हैं.., हमारे लिए तीर कमान,
क्यों नहीं सीमा पर खडें हो रहें..., निशाना तान...
देश के गद्दीदार कहें..,उन्हें गद्दार
मोदी ने अब कर दिया उनका नशा उतार,
मोदी की दहाड़ .., दुश्मनो को पछाड़ ..,
दुश्मन व विदेशी ताकतें अब गए उड़..
भाषावाद, जातिवाद, धर्मवाद के राज को ठोकर..,
सत्ता के मुख-मंत्री का उद्भव बनें जोकर,
जो, अभी भी भर रहा दंभ..,
मोदी के पाँव उठाने के खेल का मल खंभ ..
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दोस्तों.., यह पिछले ६८ सालों से देश के डूबने की कहानी है...
जातिवाद, धर्मवाद, भाषावाद बनी वोट बैंक की तिजोरी ...
जिससे जनता को लगी भूखमरी से बीमारी ...
जब तक देश के नागरिक जातिवाद, धर्मवाद, भाषावाद के बन्धनों में जकड़े रहेंगें... देश आगे भी सैकड़ों सालों तक विदेशी आक्रमणकारियों के लिए लूट का मोहरा बनता रहेगा ...
दोस्तो... जिस देश मे राष्ट्रवाद नही है, वहां, कर्ज की महामारी है, सत्ता खोरो मे लूट की खुमारी है, जनता के शोषण से राष्ट्र को बीमारी है... यही डूबते देश की कहानी है, राष्ट्रवाद की पुकार से ही.. हो , राष्ट्र की ललकार...???? हर दहाड़ , दुश्मनों के लिए बने पहाड़...,
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