Tuesday, 9 September 2014



नौटंकी वाल .., आम आदमी का धन लूटाकर हो गए मालामाल ..., मीडिया के TRP से बने सुर्खीयो में लाल.., बन गए भगत सिंग के नाम से एक दलाल.., दिल्ली की सत्ता को लात मारकर.. एक बड़ा नशा पाने के लिए बन गए गर्दुल्ला.., काश्मीर को अलग करने की राह में बने पाकिस्तान के अब्दुल्ला...
पाकिस्तान हुआ कायल..., हाफिज सईद ने भी कहा यह है हमारा सजदा और शहजादा 
अन्ना को गांधी बनाकर, इस आंधी से सत्ता के अंधेपन से तुम बह गए.., दो कौड़ी बनकर, इस खेल में झाडू के तिनके मोदी की आंधी से बिखरते गए ...
तुम क्या जानों आम आदमी के वोट की किमत ..., कजरी बाबू ..., अपनी आँखों में काजल लगाकर ..., कजरी नयनों से सत्ता के सुन्दरी को बहकाने का अब भी नहीं हुआ, तुम्हे मलाल
कश्मीर को अलग करने व साम्प्रयवाद के कपडे पहनकर विदेशी बिंदी के हवस से देश को चिंदी बनाने के झांसे में, तुम खुद ही फंसे..., गरीबों के खुदा व बन्ना (दुल्हा) बनने के चक्कर में खुद की कब्र खोद बैठे
धरना के नाम से बड़े घरानों को लोकसभा के टिकट देकर ..., तुम बने नट –खट, पार्टी के गरीब नेताओं मे पैदा कर दी ख़ट-ख़ट ... की खटास
अब तिनके बिखरने के बाद झाडू के तिनके के गठबंधन की गांठ के धागे से.., अब तुम कह रहे हो विरोधी कर रहें हैं सत्ता पाने के लिए सांठ-गांठ...
कजरीजी सत्ता के नाद/नशे में तुमने एक सुनहरा मौक़ा गंवा दिया...,
आज “आप” भी वी.पी सिंग…, की काश्मीर नीती के कायल होकर दोहरे मापदंड की नीती से वोट बैंक पर डाका डालने के लिए “आप” “विशेष वर्ग ” के खेल का मलयुद्ध खेल रहे थे ….
केजरीवालजी…???, इस, नौटंकी से जनता के पेट की टंकी खाली कर , राजनीती की पूरी तल कर , SMS के बहाने जनता को बुलावा देकर भी न आने पर अपने सारथियों के साथ…, ताली बजाने का खाली पीली का खेल कर सत्ता के नशे की बोतल , खा व पीली का झांसा जनता को मत दो….
सस्ती लोकप्रियता से सत्ता की प्रणयता के मिली भगत का खेल बंद करों….. अपने १८ वादों की किताब तो फिर से तो खोलो..., आत्मंथन तो करों.., अन्ना व आम आदमी को कैसे झांसा दिया है..., देश की दुर्गती से आपने गति पाने का कैसा खेल खेला है
और तुम्हारी सभी साथी झाडू के तिनके ले कर क्यों भागे....
अब स्टिंग आपरेशन की ट्रिंग-ट्रिंग के खेल से अपनी कमजोरी मत छुपाओं...,

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