देश के इतिहास में लाल किले से एक शेर दहाड़ा..,
विरोधियों का सूपड़ा साफ़ करने बाद..., देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद , अपनी ललकार से ब्रिकस देशों की अपनी मनमानी की ब्रिक (ईट) तोड़कर, व अमेरिका को अपने देश के स्वाभिमान की फटकार से लताड़ कर.. होश उड़ा दिए है ..,
पहली बार विदेशी पट्टे (जंजीर व विदेशी नीती के घुटने टेकू विचार को ध्यान में रख, बनाए गये पिछले नेताओं के भाषण.., मोदीजी ने बिना कागज के लेख से.., अपने स्वाभिमानी मौखिक बयान से ) के बिना, और विदेशी इशारों की लगाम तोड़ कर दहाड़ा .., और विश्व के देश द्वारा अपनी नीती बनाकर, हमारे देश को लूटने, व आतंकवादी भी ..., जो देश को आतंकवाद से देश की दरार कर फर्राटे से भागने, में सफल होते थे.., अभी उन्हें.., मोदी द्वारा, भविष्य में अपने पिछड़ने का पहाड़ा समझकर..., अभी से चिंतित हो गए हैं ...,
६७ सालों की तुष्टीकरण की नीती से देश के सुस्तीकरण से देश को बूढ़ेपन में ढकेलकर..., विदेशी बैसाखी देने वालों को चेताया.., कि हम अभी भी, लूले, लंगड़े नहीं है...
अभी भी हममें राष्ट्रवाद का खून मौजूद है..., और हमारे में इतनी शक्ती है कि वोट बैंक की आड़ से , देश में हुआ अन्धकार... जो राष्ट्रवाद का ६७ सालों का जमा कर रखा खून था - व विदेशी कर्ज के खून से देश को दौडाने के खेल से सत्ता की भ्रष्टाचार की सुपर रेल का आनन्द के खेल के, तमाशे से देश वासियों को भारत निर्माण के अफीमी नारों से जनता को भरमा रहें थे..., वह दिन चले गए है
अब राष्ट्रवाद से ही देशवासियों के “अच्छे दिन आने वाले है...,” “यही विश्व के उन्नत देशों का मूल मंत्र है..”
लाल किले से प्रधानमंत्री के इसी अदभुत सन्देश से , अब हमारे देशवासी, विश्वगुरू की ऊर्जा से,एक नया उजाला देकर, वन्देमातरम (धरती/देश की सेवा का पूजक/सूचक) की दहाड़ से, हमारा देश सुजलाम सुफलाम से विश्व के सर्वोत्तम से श्रेष्ठतम बनेगा
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