Saturday, 19 July 2014

चले जा चले जा ..., जहां काले धन के कैंप में देश को कालिख लगाकर ..., काले धन का प्यार मिले दोस्तों भ्रष्टाचार एक ऐसी नीली मक्खी है, जो आपको दिखाई नहीं देती है, यदि आप एक आम का कटा टुकड़ा रख दो यह मक्खी सैकड़ों मील से इसकी सुगंध से आम खाने आती है..., यही हाल कैम्पा कोला नाम की कंपनी जिसने शीतल पेय का व्यवसाय बंद कर , अपनी जमीन की आकर्षक कीमत मिलने पर नीजी बिल्डर को बेच दी..और सरकारी दामादों ने उन्हें पांच मंजिला भवन बनाने की इजाजत दे दी लेकिन सरकारी बाबू + मंत्री + पुलिस शाही ने इस जमीन की काली शराब से भ्रष्टाचार के नशे का भरपूर लुफ्त उठाया , और तो और घर खरीदनें वाले नए ग्राहकों को विश्वास दिलाया किहमारे देश में भ्रष्टाचार शब्द को संविधानिक मान्यता मिली हुई है ..., और तो और इस तिजोरी की चाबी भी हमारे पास है.


चले  जा चले जा ..., जहां काले धन के कैंप में देश को कालिख लगाकर ..., काले धन का प्यार मिले 
दोस्तों भ्रष्टाचार एक ऐसी नीली मक्खी है, जो आपको दिखाई नहीं देती है, यदि आप एक आम का कटा टुकड़ा रख दो यह मक्खी सैकड़ों मील से इसकी सुगंध से आम खाने आती है...,
यही हाल कैम्पा कोला नाम की कंपनी जिसने शीतल पेय का व्यवसाय बंद कर , अपनी जमीन की आकर्षक कीमत मिलने पर नीजी बिल्डर को बेच दी..और सरकारी दामादों ने उन्हें पांच मंजिला भवन बनाने की इजाजत दे दी
लेकिन सरकारी बाबू + मंत्री + पुलिस शाही ने इस जमीन की काली शराब से भ्रष्टाचार के नशे का भरपूर लुफ्त उठाया , और तो और घर खरीदनें वाले नए ग्राहकों को विश्वास दिलाया कि हमारे देश में भ्रष्टाचार शब्द को संविधानिक मान्यता मिली हुई है ..., और तो और इस तिजोरी की चाबी भी हमारे पास है..
महाराष्ट्र सरकार ने भी , इस भ्रष्टाचार के सरोकार से नियमित रूप से टैक्स लेकर, अपनी पूंजी भी भरती गई ,पिछले २५-३० सालों से संपत्ती कर, बिजली व अन्य कर वसूल कर , हर अधिकारी भ्रष्टाचार की चासनी में डूबकर अपना जीवन धन्य बना रहा था
इन अधिकारियों के कृत्यों का हथौड़ा, अब इन मकानों में आपस में सौहाद्र्यपूर्ण तरीकों से रह रहें ३५० संभ्रांत परिवार के लोगों पर पड़ा है...
याद रहे..., सरकारी विभाग में एक नियम है...,कि आम जनता/नागरिक यदि टैक्स चोरी में पकड़ा जाता है तो उसे टैक्स का १५ गुना दंड भरना पड़ता है...,
वहीं सरकारी बाबू से छप-चप कर राशी खाने वाल चपराशी भी , निलंबित होने के बाद पिछले दरवाजे से अपने स्थान पर आमंत्रित हो जाता है....,
मुम्बई में अभी भी ५६ हजार भवन में गैर कानूनी निर्माण किए गए है...
वोट बैंक के चक्कर में बांगलादेशी घुसपैठीयों के निर्माण में एक सालों में २०० लोगों की जान जा चुकी है....
ये है..., मेरे देश के सरकारी नौकशाहों से देश की दुर्गती का हाल.., क्यों कि हर नुक्कड़ की पैदाईश में है , भ्रष्टाचारी दलाल..., तो क्यों न हो जनता हलाल ...!!!!
भ्रष्टाचार का काला कोक पियो, अपने जीवन में सफेदी लाओं
ये है हमारे ६७ साल के अवैध निर्माण से वोट बैंक के शिखर की कहानी 

No comments:

Post a Comment