३ मई २०१४ की पोस्ट Deshdoooba Community ,10,712 likes • 905 talking about this की आज सार्थक हो गई,है
यदि देश के ५४० सांसद सदस्यों की उपस्थीती अनिवार्य कर दी जाए..., व .९०% से कम दिन उपस्थीती वाले संसद सदस्यों की रदद्ता का क़ानून लाया जाए तो, संसद में सोने वाले सांसदों के भी होश उड़ जायेंगे ..., आज देश में इतनी समस्याए हैं की संसद ३६५ दिन चले तो भी समय कम है...
UPA-१ और UPA-2 का कार्यकाल तो घोटालेबाजों के जोश में ९०% तक बेकार हो चुका था ,
जनता ने आज उन्हें सजा दी है..., अब देशवासी तो जाग गया है..., अब गरीब को भूख से रोकने की सफलता का हम सब दृढ निश्चय से प्रतिरोध कर देश को सुजलाम सुफलाम बनाएं
“३ मई के २०१४ की पोस्ट”
देशवासी सो रहा है..., दिन के लुटेरे देश में राज कर रहें है...!!!!,
लोकतंत्र के खंभे उखाड़कर, देश जर्जर हो चुका है....., देश के छुटभैय्ये नेता भी आज अपने को देश के संविधान का स्तंभ समझकर , जनता में दंभ भर रहें है..., सुप्रीम कोर्ट की लताड़ के बावजूद , वे ताड़ के पेड़ से भी ऊँचे होते जा रहें है..., सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना कर , उसे चुनौती देकर कहते हैं... अपनी अवकाद में रहों ...हमें जनता ने चुना है, हम संविधान के रक्षक हैं...
चुनाव के समय में संविधान को जातिवाद , भाषावाद ,अलगाववाद व घुसपैठीयों का लेप लगा कर, बांटो और राज करो से धर्मनिरपेक्षता की दुहाई देकर “लूट में छूट” का खेल, खेल कर सत्ता को चमकाया जा रहा है...
देश के प्रधानमंत्री को विकास के झांसे से १० साल से सुलाये रखा है..,
देश, देशी व विदेशी माफियाओं के चुंगल में फंसकर “आम आदमी के हाथ” को सत्त्ताधारी अपने पंजे से नोचकर , एक घुटन की जिन्दगी से परेशान कर , देश के सीमा के जवान व अन्नदाता किसान को आत्महत्या से भ्रष्टाचार का एक समा बनाकर ... भ्रष्टाचार की लड़ी से .., दिन में दिवाली और रात तो और भी मतवाली बना रहें है....
“आराम हराम है” , “गरीबी हटाओ” के बाद सहानुभूति लहर से जीते राजेव गांधी ने “मेरा भारत महान” के “वंशवाद की पीढी” से बोफोर्स के भ्रष्टाचार से “हो रहा भारत निर्माण” से मल्टी फ़ोर्स भ्रष्टाचार के घोटाले से... हमले से जनता... जो जातिवाद , भाषावाद ,अलगाववाद से अलग थलग होने से इसका प्रतिरोध करने में असहाय हो गयी है...
याद रहे..., आज देश के प्रति व्यक्ती पर ५० हजार से ज्यादा का विदेशी कर्ज है.., और देश की नीती कर्ज देने वाले देशों के इशारे से चल रही है...
देश की सीमाए खुली हैं ..घुसपैठीयों व आतंकवादी बेख़ौफ़ है..., LOC को LOVE OF COMBINATION कहकर सत्ताधारी इसे शांती के साथ बंधुत्व कहकर, जवाहरलाल नेहरू की सत्ता नीती से.., विदेशी आक्रमणकारियों को निमंत्रण दे रहें हैं ....
हम हिंदुस्थानी तो, इनके लिए खेत की गाजा मूली से भी बदतर है..., इन्हें इतना गुमान हो गया है कि .., भ्रष्टाचार के धनबल से जनता में अनेकता पैदा कर “भावी भ्रष्टाचार” से देश को लूट का एक नया शिखर बना सकते है.... , जागों देशवासियों ..., जब तक हम राष्ट्रवादी धारा में न आये तो.., “मैं” तो देश के टुकडे से लेकर ..., एक नयी गुलामी देख रहा हूँ
आओं, पार्टी नहीं देश का पार्ट बने, “मैं देश के लिए बना हूँ””, देश की माटी बिकने नहीं दूंगा , “राष्ट्रवाद की खाद” से भारतमाता के वैभव से, हम देश को गौरव से भव्यशाली बनाएं-
यदि देश के ५४० सांसद सदस्यों की उपस्थीती अनिवार्य कर दी जाए..., व .९०% से कम दिन उपस्थीती वाले संसद सदस्यों की रदद्ता का क़ानून लाया जाए तो, संसद में सोने वाले सांसदों के भी होश उड़ जायेंगे ..., आज देश में इतनी समस्याए हैं की संसद ३६५ दिन चले तो भी समय कम है...
UPA-१ और UPA-2 का कार्यकाल तो घोटालेबाजों के जोश में ९०% तक बेकार हो चुका था ,
जनता ने आज उन्हें सजा दी है..., अब देशवासी तो जाग गया है..., अब गरीब को भूख से रोकने की सफलता का हम सब दृढ निश्चय से प्रतिरोध कर देश को सुजलाम सुफलाम बनाएं
“३ मई के २०१४ की पोस्ट”
देशवासी सो रहा है..., दिन के लुटेरे देश में राज कर रहें है...!!!!,
लोकतंत्र के खंभे उखाड़कर, देश जर्जर हो चुका है....., देश के छुटभैय्ये नेता भी आज अपने को देश के संविधान का स्तंभ समझकर , जनता में दंभ भर रहें है..., सुप्रीम कोर्ट की लताड़ के बावजूद , वे ताड़ के पेड़ से भी ऊँचे होते जा रहें है..., सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना कर , उसे चुनौती देकर कहते हैं... अपनी अवकाद में रहों ...हमें जनता ने चुना है, हम संविधान के रक्षक हैं...
चुनाव के समय में संविधान को जातिवाद , भाषावाद ,अलगाववाद व घुसपैठीयों का लेप लगा कर, बांटो और राज करो से धर्मनिरपेक्षता की दुहाई देकर “लूट में छूट” का खेल, खेल कर सत्ता को चमकाया जा रहा है...
देश के प्रधानमंत्री को विकास के झांसे से १० साल से सुलाये रखा है..,
देश, देशी व विदेशी माफियाओं के चुंगल में फंसकर “आम आदमी के हाथ” को सत्त्ताधारी अपने पंजे से नोचकर , एक घुटन की जिन्दगी से परेशान कर , देश के सीमा के जवान व अन्नदाता किसान को आत्महत्या से भ्रष्टाचार का एक समा बनाकर ... भ्रष्टाचार की लड़ी से .., दिन में दिवाली और रात तो और भी मतवाली बना रहें है....
“आराम हराम है” , “गरीबी हटाओ” के बाद सहानुभूति लहर से जीते राजेव गांधी ने “मेरा भारत महान” के “वंशवाद की पीढी” से बोफोर्स के भ्रष्टाचार से “हो रहा भारत निर्माण” से मल्टी फ़ोर्स भ्रष्टाचार के घोटाले से... हमले से जनता... जो जातिवाद , भाषावाद ,अलगाववाद से अलग थलग होने से इसका प्रतिरोध करने में असहाय हो गयी है...
याद रहे..., आज देश के प्रति व्यक्ती पर ५० हजार से ज्यादा का विदेशी कर्ज है.., और देश की नीती कर्ज देने वाले देशों के इशारे से चल रही है...
देश की सीमाए खुली हैं ..घुसपैठीयों व आतंकवादी बेख़ौफ़ है..., LOC को LOVE OF COMBINATION कहकर सत्ताधारी इसे शांती के साथ बंधुत्व कहकर, जवाहरलाल नेहरू की सत्ता नीती से.., विदेशी आक्रमणकारियों को निमंत्रण दे रहें हैं ....
हम हिंदुस्थानी तो, इनके लिए खेत की गाजा मूली से भी बदतर है..., इन्हें इतना गुमान हो गया है कि .., भ्रष्टाचार के धनबल से जनता में अनेकता पैदा कर “भावी भ्रष्टाचार” से देश को लूट का एक नया शिखर बना सकते है.... , जागों देशवासियों ..., जब तक हम राष्ट्रवादी धारा में न आये तो.., “मैं” तो देश के टुकडे से लेकर ..., एक नयी गुलामी देख रहा हूँ
आओं, पार्टी नहीं देश का पार्ट बने, “मैं देश के लिए बना हूँ””, देश की माटी बिकने नहीं दूंगा , “राष्ट्रवाद की खाद” से भारतमाता के वैभव से, हम देश को गौरव से भव्यशाली बनाएं-
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