Sunday, 25 May 2014



मोदीजी, जय जवान .., जय किसान .., जय विज्ञान ..., के राष्ट्रवादी विचारों के दृढ निश्चय से आये है..., उनकी कामना करे..., उनकी सफलता के साथ , देश व देश वासीयों को भी सफलता मिले 
मोदीजी ने १२ सालों में एक भी छुट्टी नहीं ली, वही 
सरकारी विभाग में तो छुट्टीयों के अम्बार के साथ , कर्मचारियों के कछूआ चाल से काम करने व , जम्हाई लेकर अपने को देश का जमाई समझकर, भ्रष्टाचार की नई-नई केचुली पहनकर अपना जीवन चमका रहें है..., इस देश में में तो चपरासी भी चप –चप कर करोड़ों की दौलत के साथ पकड़े गए हैं.. ,, तो ऊपर वालों के साम्राज्य की आप कल्पना कर सकते ... आम जनता भी सकते में है...,
आज तक,सभी पार्टियों के अधिकांश मंत्री से संत्रीयों ने विदेशी दौरों व फर्जी चिकित्सा से आनन्द लिया , यदिदेश के १७ करोड़ सरकारी नौकरशाही /कर्मचारी, पहल कर, यह सोचें कि .., मैंने राष्ट्र को क्या दिया , तो देश की गरीबी अपने आप दूर हो जायेगी
इस अय्याशी की लत आज देश के अधिकांश से ज्यादा नेताओं को नेहरू काल से उद् भव होकर , इसकी कुरूपता वंशवाद से धनबल,माफियाबल में परिवर्तीत होकर , लोकतंत्र जनता के लिए लाठी तंत्र , लूट तंत्र, धर्मतंत्र , अलगाव तंत्र की आड़ में देश को आज तक हर सरकार ने देश को पीछे सरकाकर , जनता का आम जीवन १९४७ के पहले से भी बदतर कर दिया है...,
वही नए प्रधानमंत्री बने देश के लाल जो ३०० रूपये महीने में अपना गुजारा कर , देशवासियों में जय जवान जय किसान के नारे के खून को सार्थक कर , हरित क्रांती से श्वेत क्रांती से पाकिस्तान से युद्ध जीत कर ..., देश को विजय पथ के ओंर अग्रसर कर दिया ..., एक साजिस के तहत, देशी विदेशी शक्ती ने इसे नीली क्रांती से इस लाल बहादुर की मौत नीले रंग (जहर) के शरीर से रूस से भारत आया
विदेशी लूटरे की मिलीभगत से विकास का सपना दिखाकर ,महंगाई , भ्रष्टाचार से गरीबों के हाथ काटकर , हताश कर दिया है...,
याद रहे जब नेहरू ने अपने प्रधानमंत्री काल में कहा था , देश की जनता की आय १२ आना ..., तब राम मनोहर लोहिया ने नेहरू को चुनौती देते हुए कहा था ..., तुम्हारे दिन का खर्च २५ हजार है..., और देशवासी २ आना भी भी नहीं कमाता है..., एक फ़कीर नेता जिनकी मौत के समय कोइ घर नहीं था ...., आज उनकी समाजवादी औलादें ..., उत्तरप्रदेश में भ्रष्टाचार की अकूत दौलत के साथ साम्राज्य भी स्थापित कर लिया है....
आओं, पार्टी नहीं देश का पार्ट बने, “मैं देश के लिए बना हूँ””, देश की माटी बिकने नहीं दूंगा , “राष्ट्रवाद की खाद” से भारतमाता के वैभव से, हम देश को गौरव से भव्यशाली बनाएं- 

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