Friday, 16 May 2014

“अबकी बार राष्ट्रवादी बाहुबल की मजबूत मोदी सरकार “ आज तक देश..., लोकतंत्र को मुर्दानगी बनाकर ,जातिवाद, भाषावाद, अलगाववाद , व घुसपैठीयों के कंधे बदलकर ढ़ो रहें है,,,,, इस देश की मुर्दानगी को भरमाने के लिए विदेशी ताकतें भी , लूट की आड़ में ..., “भारत सुपर पावर” के नाम से कागज के फूल फेंककर ..., और सत्ताखोर, इस खेल में , जनता को भरमा रहें है,,,और तो और निर्माण के नारों से ..., भ्रष्टाचारियो के निर्माण से देश लूटने का नंगा नाच बेधड़क खेल चल रहा ही...




“अबकी बार राष्ट्रवादी बाहुबल की मजबूत मोदी सरकार “
आज तक देश..., लोकतंत्र को मुर्दानगी बनाकर ,जातिवाद, भाषावाद, अलगाववाद , व घुसपैठीयों के कंधे बदलकर ढ़ो रहें है,,,,, 
इस देश की मुर्दानगी को भरमाने के लिए विदेशी ताकतें भी , लूट की आड़ में ..., “भारत सुपर पावर” के नाम से कागज के फूल फेंककर ..., और सत्ताखोर, इस खेल में , जनता को भरमा रहें है,,,और तो और निर्माण के नारों से ..., भ्रष्टाचारियो के निर्माण से देश लूटने का नंगा नाच बेधड़क खेल चल रहा ही...

हमारे क्रांतीकारी की आत्मा कब्र में तड़फ कर कह रही हैं..., क्या हमने अपनी जवानी देश की मुर्दानगी के लिए बर्बाद की थी , हमारी देश को भव्य शाली बनाने के सपने इन सत्ताखोरों ने चुरा लिए..,

यूं तो देश १९४७ के सत्ता परिवर्तनको आजादी के झांसे से जनता को भरमाकर , जनता को एक नई गुलामी में दाल दिया
गांधी के शातिं के नारे को भ्रमित कर नोबल परुस्कार के चक्कर में , भारतमाता के सर के तुकडे कर घायल कर , व १९६२ में सेना को नो बल से भारतमाता की भुजा के टुकड़े कर देश को मरणासन्न स्तिथी में पहुंचा दिया ...
तब प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने समाजवाद में राष्ट्रवाद के खून को पुनर्जीवित किया ...लेकिन उनकी ह्त्या कर दी गई
दोस्तों लिखने को बहुत है...,
जागो देशवासियों हम राष्ट्रवाद की धारा मे आकर.., डूबते देश को बचायें ॥ सीमा पार दुश्मन भी चाह रहे है हम आपसी लड़ाई से कमजोर हो जाये ताकि हमे सफलता आसानी से प्राप्त हो...

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