Monday, 28 April 2014



मोदी के विकास से.., शेर के राष्ट्रवाद से दहाड़त्व की गर्जना से...,
भ्रष्टाचार के जंगलों में हाहाकार मच गया है, अब जातिवाद, भाषावाद, धर्मवाद, अलगाववाद का मांस से मुस्टंडे बने जानवरों को भुखमरी से मरने का खौफ छाया है ...

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