Friday, 18 October 2013



इस भूखमरी के रंग में , भ्रष्टाचारीयो. के भांग के साथ दबंगों का व्यंग भी है...??? दोस्तों...दक्षिण एशिया का ७५% भू-भाग हमारे देश का है, आजादी के झांसे में, अय्याश नेहरू ने आराम हराम के अफीमी नारों से दो बैलो की जोड़ी के चुनावी चिन्ह से भारी जीत हासिल की ...असल में ये दो बैल तो ... देश के जवान व किसान थे, नेहरू ने अपनी अय्याशी के शांती के कोडेसे मारकर, देशवासियों को भरमा रहे थे, ... और वाह वाही लूटते रहे... इसी वजह से काश्मीर का १/३ भाग हमने खो दिया , और चीन ने इसी शांती के कोड़े से नेहरू को पीटा ...तब तक देर हो चुकी थी
नेहरू की मौत के बाद इन दो चुनावी बैलो को , प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री द्वारा जय जवान ,जय किसानके नारों से राष्ट्रवाद का मंत्र फूंक कर, सिर्फ १९ महीनों में ही दुश्मनों की बांहों को काटकर उन्हें, अपनी अवकाद दिखाकर. हरित क्रान्ति के साथ श्वेत क्रांती से देश को आत्मनिर्भय के साथ साथ आत्मनिर्भर बना दिया था और अंत में भ्रष्टाचार का खेल खत्म होने के भय से ही अपनी पार्टी के भेडियो, द्वारा उनकी ह्त्या कर दी
याद रहे लाल बहादुर शास्त्रीजी का प्रधानमंत्री पद पर जीना , कांग्रेस से ज्यादा ख़तरा , विश्व को था , वे नहीं चाहते थे , देश के अय्याशी नेताओं का वर्चस्व खत्म हो, ताकि... हम नेताओं को अपनी ताकत से खरीद सकें ताशकंद में सुनियोजित तरीके से, दूध में जहर मिलाकर ह्त्या के बाद , कांग्रे सियों के चहरे में एक चमक आ गयी , और, सत्ता की जंग में धुरंदर कांग्रेसी नेताओं ने आपसी लड़ाई के समझोते के तहत एक गूंगी गुडिया (इंदिरा गांधी) नाम की गाय को प्रधान मंत्री बनाया गया , उसके दूध को दुहने के चक्कर मे, उसने अपने पार्टी के नेताओं को लात मारकर फेक दिया , इसका निदान ढूढने के लिए , दुधेरे नेताओं ने , उस गाय को खूंटे में बांधने के रस्सी बनाने लिए, सूत कातती महिला के चरखे की चुनावी निशानी से सँगठित होकर अपना संगठन कांग्रेस नाम का दल बना लिया
अगले चुनाव में संगठन कांग्रेस की रस्सी बनाने के, पहिले ही, इस गाय ने दुधेरों नेताओं को अपने सिंग से इतना दूर फेक दिया कि , सभी नेता अपना अस्तित्व बचाने के प्रयास मे जुडे रहे...और इसके बाद वह गाय... गरीबी हटाओ के नारों से देश को चराने के साथ साथ, देश का चारा भी खाती रही, बंगलादेश युद्ध में हजारों , सैनिको की बली देकर यह गौमाता बनकर दुर्गा का श्रेय ले गई ... इसी बीच इस गाय ने चुनावी बछड़े के रूप में अपने बेटे (संजय गांधी) को ले आई , और आपातकाल के बाद वह सांड बनकर , मारा गया ...आपात काल के बाद इस गाय ने सत्ता गवानें के बाद, जनता पार्टी की सत्ता को उखाड़ने के लिए , एक किसान बैल (चरण सिंग) को सत्ता में बिठाकर अपने सींगो से पटखनी देकर ऐसा घायल कर दिया की वह राष्टीय परदे से गायब हो गया , और हाथ का नया चुनावी चिन्ह लेकर , आतंकवादियों को अपने हाथ का सहारा देकर , देश को पंजे के रूप में जकड़ने के भ्रम में , आतंकवादियों के पंजे का शिकार हो गई, आस्था के कलश से, सिखो को मारकर ...बेटे राजीव गांधी ने मेरा देश महानके आड़ में अपने देश को लूट कर अपने इटली के रिश्तेदारों का घर भर दिया, और आज के क़ानून में बेदाग छूटने के पहिले ही भारत रत्न बना .... भारतीय जनता पार्टी भी , प्रमोद महाजन के शाम दाम दंड भेद के सहारे इंडिया चमक रहा है के नारों से... आज तक काली अंधियारी में प्रधानमंत्री की दौड़ से ओंधे मुह पडी है,
पंजे को आम आम आदमी का नारा देकर... विदेशी हाथों से व देशी माफियाओं द्वारा देश की खान खदान व ईमान बेचकर, हमारे देश के अन्नदाता किसानों की भूमि हडप कर भारत निर्माण के नारे से देश की जनता को, देश में घुसपैठीयों के वोट बैंक की आड़ में अपने आप को देश का मसीहा कहलाने में तुले है...आज देश, कर्ज के गहन बादल से, देश में घना अन्धेरा छाया हुआ है.... क्योंकि हर पार्टी ने देश के जवानों व किसानों की उपेक्षा कर अपनी तिजोरी विदेशी बैंको में भरी है
भ्रष्टाचार की रेस से हम कांगो.. जैसे कंगाल देशो की श्रेणी से भी ऊपर है, कल ही खबर आई थी... देश में अनाज उत्पादन से हमारा देश , विश्व में नंबर १ पर आया है ...यदि किसानों को अनाज के सही दाम मिले, तो शहर में गाँव के लोग पुन: गांवों में खेती करेंगे और जवानों को आधुनिक हथियार देकर, उनके हाथों के बंधन खोलकर दुश्मनों से लड़ने की आजादी दे, दे तो...? विश्व की कोई ताकत, हमें आंख उठाकर देखने की हिम्मत नहीं करगी....आओ जवानों व किसानों के हौसले बढ़ाकर राष्ट्रवादी धारा से देश को गौरवशाली बनाए..... वन्देमातरम, राष्ट्रवाद जयते 

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